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राज्यपाल तथा मुख्यमंत्री ने ‘उ0प्र0 दिवस’ समारोह का शुभारम्भ किया

उत्तर प्रदेश की राज्यपाल श्रीमती आनन्दीबेन पटेल तथा मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी ने आज यहां ‘उत्तर प्रदेश दिवस’ समारोह का शुभारम्भ किया। अवध शिल्पग्राम में संस्कृति विभाग, पर्यटन विभाग, सूचना एवं जनसम्पर्क विभाग तथा जिला प्रशासन लखनऊ द्वारा यह समारोह आयोजित किया गया।

समारोह को सम्बोधित करते हुए राज्यपाल जी ने कहा कि उत्तर प्रदेश का विश्व में एक गौरवपूर्ण स्थान है। प्रदेश ने आजादी की लड़ाई अगली पंक्ति में रहकर लड़ी। यह सांस्कृतिक विरासत में विस्तृत और बहुआयामी प्रदेश है। उत्तर प्रदेश को देश की हृदयस्थली कहा जाता है। प्रदेश की विशेषता है कि यहां का प्रत्येक जनपद अपने किसी न किसी विशेष उत्पाद एवं शिल्प कला के लिए जाना जाता है। प्रदेश सरकार इसको प्रोत्साहित भी कर रही है। आज प्रदेश अपने प्राचीन गौरव को बनाये रखने के साथ विकास के नये आयाम स्थापित कर रहा है।

राज्यपाल ने कहा कि आज प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी एवं मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी की सरकार संस्कृति, अध्यात्म और धर्म की पावन भूमि उत्तर प्रदेश के विकास और जनता के कल्याण के लिए निरन्तर सेवाभाव से काम कर रही है। मुख्यमंत्री जी के नेतृत्व में राज्य सरकार अलग-अलग क्षेत्र में नीतियां एवं योजनाएं बनाकर कार्य कर रही है। प्रदेश में अकल्पनीय, अद्भुत एवं सार्थक कार्य किये गये हैं। प्रदेश सरकार ने कुशलता से विकास एवं कल्याणकारी योजनाओं का संतुलन बनाये रखा है।

प्रदेश में कानून-व्यवस्था की स्थिति अत्यन्त मजबूत हुई है। राज्य सरकार बिना किसी भेदभाव के सभी वर्गाें, क्षेत्रों तथा धर्माें के लोगों को शासकीय योजनाएं पहुंचाने के लिए कटिबद्ध है। प्रधानमंत्री जी के ‘एक भारत, श्रेष्ठ भारत’ के विजन के अनुरूप विगत नवम्बर माह में वाराणसी में काशी तमिल संगमम के आयोजन के माध्यम से देश की दो महान संस्कृतियों को पास लाकर राष्ट्र की एकता और अखण्डता को मजबूत करने का प्रयास हुआ।

इसके पूर्व, समारोह को सम्बोधित करते हुए उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी ने कहा कि यह हमारे लिए गौरव की बात है कि हमें लोकतंत्र की जननी कहे जाने वाले दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र भारत में जन्म लेने का सौभाग्य प्राप्त हुआ। महाभारत में उल्लेख है कि ‘दुर्लभं भारते जन्म मानुष्यं तत्र दुर्लभम्’। भारत में जन्म लेना कठिन है, वहीं मनुष्य के रूप में जन्म लेना और भी दुर्लभ है। उत्तर प्रदेश को भारत की आत्मा कहा जाता है। ऐसे राज्य में जन्म लेना सभी के लिए गौरव की बात होनी चाहिए।

मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तर प्रदेश भारत की आध्यात्मिक तथा सांस्कृतिक विरासत का प्रतिनिधित्व करता है। यह राज्य बाबा विश्वनाथ की भूमि, मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान श्रीराम की जन्मभूमि, लीलाधारी भगवान श्रीकृष्ण की पावन जन्मभूमि तथा लीलाभूमि, मां गंगा, यमुना, सरस्वती के पवित्र संगम प्रयागराज एवं तथागत गौतमबुद्ध की पावन भूमि का प्रदेश है। ऋषि-मुनियों तथा भारत की वैदिक परम्परा से लेकर देश की आजादी की लड़ाई में और आधुनिक भारत के निर्माण में अग्रणी भूमिका का निर्वहन करने वाला उत्तर प्रदेश आज अपना 74वां स्थापना दिवस का कार्यक्रम उत्साह व उमंग के साथ आयोजित कर रहा है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी के विजन के अनुरूप भारत को दुनिया की सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनाने तथा विकसित देशों में स्थान दिलाने में उत्तर प्रदेश ग्रोथ इंजन के रूप में कार्य कर सके, इस भावना के साथ हम सभी उत्तर प्रदेश के 74वें स्थापना दिवस के आयोजन से जुड़ रहे हैं। यह अत्यन्त महत्वपूर्ण अवसर है। उत्तर प्रदेश वैदिक, उपनिषद या पौराणिक कालखण्ड, ऐतिहासिक समय की या आधुनिक भारत के निर्माण से सम्बन्धित सभी महत्वपूर्ण घटनाओं का साक्षी रहा है। प्रदेश उन घटनाओं का प्रतिनिधित्व करता रहा है। यह हमारा सौभाग्य है कि आधुनिक भारत के निर्माता के रूप में प्रधानमंत्री जी इसी प्रदेश में स्थित दुनिया की सबसे प्राचीन और आध्यात्मिक नगरी के रूप में विख्यात काशी से देश की संसद में प्रतिनिधित्व करते हैं।

मुख्यमंत्री ने कहा कि हम देश की आजादी का अमृत महोत्सव मना रहे हैं। देश के प्रथम स्वातंत्र्य समर का केन्द्र बिन्दु उत्तर प्रदेश बना था। बैरकपुर में मंगल पाण्डे द्वारा क्रान्ति का उद्घोष किया गया था, जिसे रानी लक्ष्मीबाई ने झांसी में नए तेज के साथ आगे बढ़ाने का कार्य किया था। गोरखपुर में बंधूसिंह तथा मेरठ में धनसिंह कोतवाल के नेतृत्व में आजादी के आन्दोलन हुए थे। प्रदेश के सभी जनपद एवं कस्बे आजादी के आन्दोलन के साथ जुड़े थे। उत्तर प्रदेश की चैरी-चैरा तथा लखनऊ की काकोरी टेªन ऐक्शन की घटना आजादी की लड़ाई के गवाह हैं। प्रदेश अनगिनत स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों तथा बलिदानियों की भूमि है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि भारत के वैदिक ज्ञान की आधारभूमि सीतापुर का नैमिषारण्य प्रदेश में ही है। हमारे पास सब कुछ है, लेकिन उसे गौरव व गरिमा के साथ आगे बढ़ाने के लिए जिस उत्साह, उमंग, नेतृत्व तथा मार्गदर्शन की आवश्यकता थी, आधुनिक भारत में उसका अभाव था। हम सब प्रधानमंत्री जी के आभारी हैं कि उन्होंने हमें इन बातों की अनुभूति करायी। आज उत्तर प्रदेश उठ खड़ा हुआ है और आगे बढ़ रहा है। उत्तर प्रदेश की स्थापना का यह दिवस अपने गौरव व गरिमा को लेकर आगे बढ़ रहा है। हम सभी उत्तर प्रदेश की राज्यपाल श्रीमती आनन्दीबेन पटेल जी के भी आभारी हैं, जिनके मार्गदर्शन में उत्तर प्रदेश आज विकास की नयी ऊँचाइयों की ओर बढ़ रहा है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि वर्ष 2017 में प्रधानमंत्री जी के मार्गदर्शन में प्रदेश में डबल इंजन की सरकार बनी थी। प्रदेश के तत्कालीन राज्यपाल श्री राम नाईक जी ने मुझसे उत्तर प्रदेश दिवस के आयोजन के सम्बन्ध में पहल करने के लिए कहा था। जनवरी, 2018 में श्री राम नाईक जी की पहल पर भव्यता के साथ ‘उत्तर प्रदेश दिवस’ का आयोजन किया गया था। पहले स्थापना दिवस के अवसर पर प्रदेश में ‘एक जनपद, एक उत्पाद’ (ओ0डी0ओ0पी0) योजना की शुरुआत की गयी थी।

आज यहां प्रदेश के हस्तशिल्पियों, कारीगरों तथा परम्परागत उद्यमियों ने अपनी प्रतिभा को कला व कौशल के साथ आगे बढ़ाने का कार्य किया है। यहां उनके उत्पादों की प्रदर्शनी का महामहिम राज्यपाल के साथ मैंने अवलोकन किया है। आज ओ0डी0ओ0पी0 योजना ने उत्तर प्रदेश के निर्यात को दोगुना किया है। वर्ष 2017 से पूर्व प्रदेश दंगों व अपराध के गढ़ के रूप में जाना जाता था। आज वही निर्यात के हब के रूप में विख्यात हो रहा है। यह नये उत्तर प्रदेश की कहानी कहता है। इसी कहानी से जुड़ने हम यहां आये हैं।

मुख्यमंत्री ने कहा कि ‘उत्तर प्रदेश दिवस’ के अवसर पर यहां अनेक कार्यक्रम आयोजित किये गये हैं। कृषि विभाग द्वारा प्राकृतिक खेती की माॅनिटरिंग के लिए डैशबोर्ड का लोकार्पण यहां हुआ है। यहां ओ0डी0ओ0पी0 की 06 लाभार्थीपरक योजनाओं के डिजिटाइजेशन का शुभारम्भ भी हुआ है। उत्तर प्रदेश नोटरी प्रबन्धन प्रणाली की वेबसाइट का शुभारम्भ भी हुआ है। अब कोई भी गलत एफिडेविट नहीं दे सकेगा। स्टाम्प की चोरी रुकेगी। इन सभी कार्याें की आॅनलाइन माॅनिटरिंग हो सकेगी।

मुख्यमंत्री ने कहा कि आज यहां राज्यपाल महोदया ने कारीगरों और हस्तशिल्पियों को ‘माटी कला बोर्ड’ तथा खादी एवं ग्रामोद्योग पुरस्कार से सम्मानित किया है। उन्होंने विभिन्न खिलाड़ियों को ‘लक्ष्मण पुरस्कार’ तथा ‘रानी लक्ष्मीबाई पुरस्कार’, 16 कलाकारों को ‘स्वामी विवेकानन्द यूथ अवाॅर्ड’ तथा 05 हस्तशिल्पियों को ‘राज्य हस्तशिल्प पुरस्कार’ प्रदान किये हैं। मुख्यमंत्री जी ने सम्मानित होने वाले खिलाड़ियों का अभिनन्दन करते हुए कहा कि यह सभी 03 वर्षाें से जुड़े हुए खिलाड़ी हैं।

वर्ष 2020-21 के लिए सुश्री ज्योति शुक्ला, सुश्री नेहा कश्यप को रानी लक्ष्मीबाई पुरस्कार तथा श्री मोहित यादव, श्री राहुल सिंह एवं श्री जनार्दन सिंह यादव को लक्ष्मण पुरस्कार से यहां सम्मानित किया गया है। वर्ष 2021-22 के लिए सुश्री मनीषा भाटी, श्रीमती तरुणा शर्मा को रानी लक्ष्मीबाई पुरस्कार तथा श्री मोहम्मद आरिफ और श्री राधे श्याम सिंह को लक्ष्मण पुरस्कार से सम्मानित किया गया है। प्रदेश के दिव्यांग खिलाड़ियों ने भी देश और दुनिया में उत्तर प्रदेश के गौरव को बढ़ाने का कार्य किया है। बैडमिण्टन के लिए श्री सुहास एल0वाई0, तीरंदाजी में श्री विवेक तथा शूटिंग के लिए श्री दीपेन्द्र सिंह को यहां सम्मानित किया गया है। श्री सुहास एल0वाई0 गौतमबुद्धनगर जनपद के जिलाधिकारी हैं।

मुख्यमंत्री ने कहा कि वर्ष 2019 के ‘उत्तर प्रदेश दिवस’ के अवसर पर उत्तर प्रदेश शासन ने अपने हस्तशिल्पियों तथा कलाकारों को प्रोत्साहित करने के लिए विश्वकर्मा श्रम सम्मान और माटी कला बोर्ड का शुभारम्भ किया था। वर्ष 2020 के तीसरे दिवस के अवसर पर प्रदेश सरकार ने श्रमिकों के बच्चों तथा निराश्रित बच्चों के लिए अटल आवासीय विद्यालयों की घोषणा की थी। विगत 02 वर्ष कोरोना महामारी के कारण कार्यक्रमों में बाधा आयी, लेकिन इस वर्ष अनेक नयी योजनाओं के साथ हम यहां उपस्थित हुए हैं।

मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री जी ने देश की आजादी के अमृत महोत्सव के मुख्य कार्यक्रम के अवसर पर देशवासियों से एक संकल्प के साथ जुड़ने का आह्वान किया था कि जब यह देश आजादी के अमृत महोत्सव के बाद शताब्दी महोत्सव की ओर जाएगा, तो 25 वर्षाें के अमृत काल में हमें कैसा भारत चाहिए। इसके लिए प्रधानमंत्री जी ने पंच प्रण की बात की थी।

इनमें गुलामी को किसी भी स्थिति में स्वीकार न करना, विकसित भारत के निर्माण के लिए कार्य करना, विरासत का सम्मान करना, भारत की एकता के लिए कार्य करना तथा समाज के प्रत्येक तबके को बिना भेदभाव के अवसर देना शामिल है। इस दिशा में जो प्रयास प्रारम्भ हुए हैं, उसकी आधारशिला ‘सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास, सबका प्रयास’ है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तर प्रदेश अनन्त सम्भावनाओं का प्रदेश है। इस वर्ष ‘उत्तर प्रदेश दिवस’ की थीम अत्यन्त महत्वपूर्ण है। प्रदेश को निवेश और रोजगार के बेहतरीन गंतव्य के रूप में स्थापित करने की थीम के साथ हम कार्य करने जा रहे हैं। प्रधानमंत्री जी के मार्गदर्शन में इसके लिए एक अवसर हमारे सामने आने जा रहा है। यह सुखद सहयोग है कि देश को जी-20 की अध्यक्षता करने का अवसर प्राप्त हुआ है। प्रधानमंत्री जी के नेतृत्व में दुनिया के 20 बड़े देश खुशहाली व समृद्धि के लिए योजनाओं का निर्माण करेंगे।

भारत को इस आयोजन का अवसर मिलना सौभाग्य की बात है। मुख्यमंत्री जी ने उत्तर प्रदेश के 04 शहरों में भी जी-20 से जुड़े आयोजनों के लिए प्रधानमंत्री जी का आभार व्यक्त किया। लखनऊ में 13 से 15 फरवरी, 2023 तक जी-20 की बैठक का आयोजन होना है। इससे पूर्व 10 से 12 फरवरी, के मध्य यू0पी0 ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट का आयोजन होना है। यह विकसित भारत के निर्माण की आधारशिला रखने और उत्तर प्रदेश को भारत की अर्थव्यवस्था का ग्रोथ इंजन बनाने के प्रधानमंत्री जी के विजन को साकार करने का कार्य करेगा। यू0पी0 ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट के माध्यम से लाखों करोड़ रुपये का निवेश प्रदेश में होने जा रहा है।

अब हमारे युवाओं को नौकरी और रोजगार के लिए देश और दुनिया के अलग-अलग भागों में नहीं जाना पड़ेगा। प्रदेश के युवाओं के लिए नौकरी और रोजगार की ढेर सारी सुविधाएं यहीं पर उपलब्ध होंगी।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि दुनिया से आने वाले निवेशकों तथा उद्यमियों के स्वागत के लिए सभी को तैयार होना होगा। ये सभी भव्य आयोजन प्रदेश में होने जा रहे हैं। ‘उत्तर प्रदेश दिवस’ का यह कार्यक्रम अगले 03 दिनों तक चलेगा। 26 जनवरी को प्रातःकाल हमें गणतंत्र दिवस परेड के साथ जुड़ने का अवसर प्राप्त होगा। अपरान्ह में राजभवन में राज्यपाल महोदया द्वारा काॅमनवेल्थ गेम्स व नेशनल गेम्स में उत्तर प्रदेश के माध्यम से देश के लिए पदक जीतने वाले खिलाड़ियों को सम्मानित करने का कार्य किया जाएगा।

मुख्यमंत्री ने कहा कि जातिवाद, क्षेत्रवाद, भाषावाद, मत तथा मजहब के आधार पर विभाजन ने उत्तर प्रदेश की अपूरणीय क्षति की है। इन विकृतियों को समाप्त करके हमें उत्तर प्रदेश को देश के सबसे समृद्ध राज्यों की श्रेणी में खड़ा करने के संकल्प के साथ आगे बढ़ना होगा। विभाजन की ताकतों को बेनकाब करना होगा तथा भ्रष्टाचार पर जोरदार प्रहार करना होगा। मुख्यमंत्री जी ने देश व दुनिया में कहीं भी रह रहे प्रदेशवासियों को उत्तर प्रदेश दिवस की शुभकामनाएं देते हुए कहा कि 25 करोड़ उत्तर प्रदेश वासियों को मिलकर प्रदेश को भारत को ग्रोथ इंजन के रूप में विकसित करने के प्रधानमंत्री जी के संकल्प के साथ जुड़ना होगा। हम सब प्रधानमंत्री जी की ‘एक भारत, श्रेष्ठ भारत’ की परिकल्पना से जुड़कर प्रदेश को नये भारत के नये उत्तर प्रदेश के रूप में स्थापित करने में सफल होंगे।

इस अवसर पर राज्यपाल तथा मुख्यमंत्री ने कृषि विभाग की गो-आधारित प्राकृतिक खेती की माॅनिटरिंग के लिए एकीकृत डैशबोर्ड एवं पोर्टल का लोकार्पण किया। उन्होंने ओ0डी0ओ0पी0 की 06 लाभार्थीपरक योजनाओं के डिजिटाइजेशन का लोकार्पण किया। इनमें मुख्यमंत्री हस्तशिल्प पेंशन योजना, विशिष्ट हस्तशिल्प पेंशन योजना, हस्तशिल्प विपणन प्रोत्साहन योजना, उत्तर प्रदेश सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम तकनीकी उन्नयन योजना, स्टाम्प शुल्क में छूट योजना तथा सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम अधिनियम-2020 के अन्तर्गत इकाई की स्थापना हेतु 72 घण्टे में आॅनलाइन अनुमति की योजना शामिल हैं।

राज्यपाल जी तथा मुख्यमंत्री जी ने न्याय विभाग की उत्तर प्रदेश नोटरी प्रबन्धन प्रणाली की वेबसाइट भी लाॅन्च की। उन्होंने जनपद वाराणसी तथा प्रयागराज के पर्यटन पर आधारित बुकलेट का विमोचन किया। उन्होंने विभिन्न विभागों द्वारा लगायी गयी प्रदर्शनियों तथा शिल्प मेले का शुभारम्भ कर उनका अवलोकन भी किया।
राज्यपाल जी तथा मुख्यमंत्री जी ने खादी एवं ग्रामोद्योग विभाग के अन्तर्गत हस्तशिल्पियों, कारीगरों तथा उत्कृष्ट उद्यमियों को माटी कला बोर्ड पुरस्कार, खादी एवं ग्रामोद्योग पुरस्कार, खेल विभाग के अन्तर्गत खिलाड़ियों को लक्ष्मण पुरस्कार तथा रानी लक्ष्मीबाई पुरस्कार, युवा कल्याण विभाग के अन्तर्गत स्वामी विवेकानन्द यूथ अवाॅर्ड एवं राज्य हस्तशिल्प पुरस्कार का वितरण किया।

समारोह में उत्तर प्रदेश गीत, लोक कलाकारों द्वारा अवध क्षेत्र के ढेढिया लोकनृत्य, ब्रज क्षेत्र के मयूर नृत्य, बुन्देलखण्ड के राई नृत्य एवं सोनभद्र के करमा नृत्य का प्रदर्शन किया गया। समारोह में उत्तर प्रदेश की विकास यात्रा पर आधारित लघु फिल्म का प्रदर्शन भी किया गया।

कार्यक्रम को उपमुख्यमंत्री श्री ब्रजेश पाठक तथा पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री श्री जयवीर सिंह ने भी सम्बोधित किया। मुख्य सचिव श्री दुर्गा शंकर मिश्र ने धन्यवाद ज्ञापित किया।
इस अवसर पर कृषि मंत्री श्री सूर्य प्रताप शाही, सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम मंत्री श्री राकेश सचान, खेल राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) श्री गिरीश चन्द्र यादव एवं जनप्रतिनिधिगण, कृषि उत्पादन आयुक्त श्री मनोज कुमार सिंह,

अपर मुख्य सचिव कृषि श्री देवेश चतुर्वेदी, अपर मुख्य सचिव खेल श्री नवनीत सहगल, प्रमुख सचिव मुख्यमंत्री, गृह एवं सूचना श्री संजय प्रसाद, प्रमुख सचिव पर्यटन एवं संस्कृति श्री मुकेश कुमार मेश्राम, लखनऊ की मण्डलायुक्त श्रीमती रोशन जैकब, सूचना निदेशक श्री शिशिर, खेल निदेशक श्री आर0पी0 सिंह, अपर निदेशक सूचना श्री अंशुमान राम त्रिपाठी सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।

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