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मुख्यमंत्री ने जनपद चित्रकूट में वृक्षारोपण जन आंदोलन 2022 का शुभारंभ किया

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ आज जनपद चित्रकूट के विकास खण्ड मानिकपुर के ग्राम पंचायत मडै़यन के मजरा सेहरिन के पास वन महोत्सव के अन्तर्गत वृक्षारोपण जन आंदोलन 2022 का शुभारंभ किया। इस अवसर पर उन्होंने मटदर प्रथम वन ब्लाक में पीपल, बरगद, पाकड़ (हरिशंकरी) के पौधे रोपित किए।

मुख्यमंत्री ने आयोजित कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए कहा कि प्रधानमंत्री जी के नेतृत्व एवं मार्गदर्शन में प्रदेश सरकार जनपद चित्रकूट सहित संपूर्ण बुंदेलखंड क्षेत्र के समग्र विकास के लिए प्रतिबद्ध है। आज यहां 32 करोड़ 86 लाख रुपये से अधिक लागत की 15 परियोजनाओं का लोकार्पण तथा 82 करोड़ 54 लाख रुपये से अधिक लागत की 28 परियोजनाओं का शिलान्यास किया गया है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में इस वर्ष 35 करोड़ पौधों को रोपित किया जाएगा, जिसमें से 25 करोड़ पौधों का रोपण आज संपन्न किया जा रहा है। इस कार्य में समस्त जनप्रतिनिधियों और शासन प्रशासन के अधिकारियों का सहयोग प्राप्त हो रहा है। आगामी 02 दिनों में 05 करोड़ पौधों को रोपित किया जाएगा। साथ ही, आजादी के अमृत महोत्सव के अवसर पर 15 अगस्त, 2022 को 05 करोड़ पौधे रोपित किए जाएंगे तथा प्रत्येक ग्राम पंचायत में 75-75 पौधों के रोपण का कार्यक्रम संपन्न किया जाएगा।

मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश सरकार ने अंतर्विभागीय समन्वय एवं जन सहयोग के माध्यम से विगत 05 वर्षों में प्रदेश में 100 करोड़ से अधिक पौधे रोपित कराये हैं। वृक्षारोपण का कार्य स्वार्थ भाव से नहीं बल्कि सेवा भाव से किया जाए। वन विभाग द्वारा 100 वर्ष से अधिक पुराने वृक्षों को संरक्षित करने का कार्य कराया जा रहा है।

पौधे लगाना एवं उनकी सुरक्षा करना हर व्यक्ति की जिम्मेदारी है। प्रदेश की 25 करोड़ आबादी के दृष्टिगत आज 25 करोड़ पौधों को रोपित करने का कार्य संपन्न किया जा रहा है। उन्होंने जन समुदाय से फलदार पौधों को रोपित करने की अपील की। उन्होंने कहा कि वन विभाग द्वारा 60 लाख सहजन के पौधे तैयार किये गये हैं। सहजन गरीब के लिए पौष्टिक आहार का उत्तम साधन है। प्रधानमंत्री आवास योजना एवं मुख्यमंत्री आवास योजना के लाभार्थियों को उनके घरों में सहजन एवं फलदार पौधों को रोपित कराया जाये।

मुख्यमंत्री ने कहा कि सभी को वृक्ष मित्र तथा प्रकृति का मित्र बनकर अपनी जिम्मेदारियों का निर्वहन करना होगा ताकि आने वाली पीढ़ी अपनी प्राकृतिक संपदा का लाभ प्राप्त कर सकें। वृक्षों की अंधाधुंध कटाई से पर्यावरण असंतुलन बढ़ता जा रहा है। प्रकृति के अनमोल रत्न नष्ट होते जा रहे हैं। वनस्पतियों के बिना हमारा अस्तित्व संभव नहीं है। प्रकृति और मनुष्य एक दूसरे के पूरक हैं। प्रकृति से संतुलन एवं सामंजस्य बनाकर ग्लोबल वॉर्मिंग के दुष्प्रभावों से बचा जा सकता है। सभी को वृक्षारोपण कार्यक्रमों में बढ़-चढ़कर हिस्सा लेना चाहिए।

मुख्यमंत्री ने कहा कि चित्रकूट की धरती सनातन काल से परम्परा का केन्द्र रही है। मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान श्रीराम ने अपने वनवास के दौरान सर्वाधिक समय यहां व्यतीत किया था। यह सबका सौभाग्य है कि अपने वनवास काल के उस कालखण्ड में मर्यादा पुरुषोत्तम श्रीराम ने जिस धरती को पवित्र माना था, आज उस धरती पर हम लोग वृ़़क्षारोपण कर रहे हैं।

उन्होंने कहा कि त्रेतायुग में यहां पर काफी जंगल रहा होगा, परन्तु जनसंख्या की वृद्धि होने से वन क्षेत्र कम होता गया, ग्लोबल वॉर्मिंग से तापमान में वृद्धि होती रही। जहां हरे भरे वन होते थे, वहां कंकरीट के घर बन रहे हैं। उन्होंने कहा कि मनुष्य जब प्राकृतिक संसाधनों का नष्ट करता है तो उसकी कीमत चुकानी पड़ती है। यह जीवन चक्र है, हम सबका जीवन एक दूसरे पर आश्रित है। वनों की कटान होगी तो पर्यावरण असंतुलित होगा और सूखा पड़ेगा।

मुख्यमंत्री ने कहा कि यहां पर पौधरोपण के वन क्षेत्र को कोदंड वन नाम दिया गया है। कोदंड से तात्पर्य प्रभु श्रीराम के धनुष एवं कामदगिरि की आकृति से है। चित्रकूट की पावन धरा एवं यहां के प्राकृतिक सौंदर्य से श्रद्धालु अपने आप को जोड़ पाते हैं। उन्होंने कहा कि रामायण कालीन वृक्षों को लगाया जाए तथा जल संरक्षण की परंपरागत पद्धति को अपनाते हुए हेरिटेज वृक्ष को चिन्हित कर संरक्षित एवं सुरक्षित किया जाए।

मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश सरकार प्राकृतिक खेती के उन्नयन के लिए पूरी प्रतिबद्धता के साथ कार्य कर रही है। अब हमें प्राकृतिक बागवानी की दिशा में भी कार्य करने होंगे। राज्य सरकार बुंदेलखंड क्षेत्र में प्राकृतिक खेती के लिए विभिन्न ट्रेनिंग कार्यक्रम को मिशन मोड में संचालित कर रही है। प्राकृतिक खेती को बढ़ावा देने के लिए गंगा नदी के तटवर्ती 05 किलोमीटर क्षेत्र में प्राकृतिक खेती को बढ़ावा देने का कार्य किया जा रहा है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी द्वारा चित्रकूट की धरती पर आकर बुंदेलखंड एक्सप्रेस-वे का शिलान्यास किया गया था। बुंदेलखंड एक्सप्रेस-वे का जल्द ही लोकार्पण प्रधानमंत्री जी द्वारा किया जाएगा। चित्रकूट में एयरपोर्ट भी बन रहा है। हाल ही में राज्य सरकार ने भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण के साथ एम0ओ0यू0 निष्पादित किया है, जिससे चित्रकूट एयरपोर्ट से विभिन्न गंतव्य के लिए हवाई सेवा शीघ्र प्रारंभ हो जाएगी। चित्रकूट उत्तर प्रदेश डिफेंस इंडस्ट्रियल कॉरिडोर का प्रमुख नोड है।

उन्होंने कहा कि विगत 05 वर्षों में प्रदेश सरकार के प्रयासों से चित्रकूट पूर्णतया भयमुक्त जनपद बन चुका है, जिससे यहां निवेश एवं रोजगार की संभावनाएं बढी हैं।यहां पर बेसिक शिक्षा परिषद के 76 विद्यालयों में स्मार्ट क्लास बनाये जा चुके हैं। जनपद के 1200 से अधिक परिषदीय स्कूलों में जनप्रतिनिधि एवं सी0एस0आर0 के माध्यम से स्मार्ट क्लास बनाए जा रहे हैं, जिससे यहां के बच्चों को आधुनिक शिक्षा प्राप्त हो सकेगी।

मुख्यमंत्री ने कहा कि जल एक अमूल्य संसाधन है। सभी को जल की महत्ता को स्वीकार करना होगा तथा जल संरक्षण के कार्यों को बढ़ावा देना होगा। सभी को मिलकर रेन वॉटर हार्वेस्टिंग इत्यादि माध्यमों से जल को संरक्षित करने के कार्य करने होंगे। प्रधानमंत्री जी की प्रेरणा से सभी राजस्व ग्राम में सहभागिता से अमृत सरोवर निर्मित कराए जा रहे हैं। अमृत सरोवरों का निर्माण ग्राम पंचायतों से ब्लॉक स्तर, तदुपरांत जनपद स्तर पर क्रियान्वित कराया जाएगा। इनमें आपस में स्वस्थ प्रतिस्पर्धा द्वारा 03 अमृत सरोवरों को पुरस्कृत भी किया जाएगा।

मुख्यमंत्री ने जनपद के विभिन्न विकास परियोजनाओं के 06 लाभार्थियों को पुरस्कृत किया। उन्होंने वन विभाग द्वारा रोपित 10 हजार पौधों की देखरेख करने वाले श्री भैयालाल जी को अंगवस्त्र एवं पौधा देकर सम्मानित किया। कार्यक्रम स्थल पर आयोजित प्रदर्शनी का अवलोकन किया। उन्होंने बाल विकास एवं पुष्टाहार विभाग की प्रदर्शनी स्टाल पर एक बच्ची का अन्नप्राशन एवं गर्भवती महिला की गोद भराई की। उन्होंने रानीपुर वन्य जीव अभ्यारण को टाइगर रिजर्व बनाने तथा महर्षि वाल्मीकि की तपोस्थली लालापुर में रोपवे के निर्माण कार्य पूर्ण करने के निर्देश दिये।

कार्यक्रम के अवसर पर वन पर्यावरण और जलवायु परिवर्तन राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) श्री अरुण कुमार सक्सेना ने जनसभा को संबोधित करते हुए वृक्षारोपण के लिए लोगों को प्रेरित किया।
इस अवसर पर अपर मुख्य सचिव वन एवं पर्यावरण श्री मनोज सिंह सहित जनप्रतिनिधि गण एवं शासन प्रशासन के वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।

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