
मुख्यमंत्री ने जनपद गोरखपुर की सहजनवां तहसील में बाढ़ पीड़ितों को खाद्यान्न किट का वितरण किया
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि जनता को राहत पहुंचाना प्रदेश सरकार की प्राथमिकता है। इस आपदा के समय में राज्य सरकार पीड़ितों के साथ खड़ी है। इस बार बाढ़ असमय आयी है। पहली बार अक्टूबर माह में बाढ़ की त्रासदी के लिये हम सबको मजबूर होना पड़ा है। बाढ़ के कारण जन जीवन प्रभावित हुआ है। फसलों को भी भारी नुकसान हुआ है।
मुख्यमंत्री ने आज जनपद गोरखपुर के सहजनवां तहसील के मुरारी इण्टर कॉलेज में बाढ़ पीड़ितों को बाढ़ राहत खाद्यान्न किट वितरण के बाद अपने विचार व्यक्त कर रहे थे। उन्होंने बाढ़ पीड़ितों के बीच जाकर उनकी कुशलक्षेम पूछी। उन्होंने कहा कि बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों की समीक्षा के लिए वे (मुख्यमंत्री जी) स्वयं दौरा कर रहे हैं। साथ ही, प्रभावित क्षेत्रों में मंत्रीसमूह द्वारा भी दौरा कर राहत कार्य की निगरानी की जा रही है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि जिला प्रशासन को निर्देश दिये गये हैं कि जिन घरों में पानी भर चुका है, भोजन बनाना सम्भव नहीं है, उन सभी पीड़ित परिवारों के लिए रहने व भोजन की व्यवस्था के साथ स्वास्थ्य परीक्षण की व्यवस्था सुनिश्चित की जाए। जहां पर लोग अपने घरों में भोजन बना सकते है, वहां पर उन सभी परिवारों को 10 किलो चावल, 10 किलो आटा, 10 किलो आलू, 5 किलो लाई, 2 किलो भुना चना और 2 किलो अरहर की दाल, रिफाईन तेल, नमक, मिर्च मसाला, केरोसीन ऑयल समेत आवश्यक सामग्री उपलब्ध करायी जाए।
प्रत्येक पशु को प्रतिदिन कम से कम 5 किलो चारा उपलब्ध कराया जाए। ऐसे बाढ़ पीड़ित, जिनके मकान क्षतिग्रस्त हो गये है, उनको मुख्यमंत्री आवास योजना के अन्तर्गत आवास अथवा 01 लाख 20 हजार रुपये की सहायता दी जायेगी। जिनके मकान आंशिक रूप से क्षतिग्रस्त हुए हैं, उन्हें भी आपदा राहत कोष से सहायता उपलब्ध करवाने के निर्देश दिये गये हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार द्वारा ऐसे परिवारों, जिनमें आपदा के कारण जनहानि हुई है, उन्हें 4 लाख रुपये की आर्थिक सहायता उपलब्ध करायी जा रही है। साथ ही, आपदा से अंगभंग की स्थिति में 75 हजार से ढाई लाख रुपये तक की आर्थिक सहायता भी उपलब्ध करवाने के निर्देश दिये गये हैं। उन्होंने कहा कि बाढ़ से पशुओं की हानि पर अनुमन्य सहायता राशि प्रदान की जाए।
मुख्यमंत्री ने कहा कि फसलों को हुए नुकसान के सर्वेक्षण के भी निर्देश दिये गये हैं। जिससे प्रत्येक प्रभावित किसान परिवार को सहायता मिल सके। बाढ़ का पानी सूखने के बाद स्वच्छता, साफ-सफाई, सेनिटाईजेशन, छिड़काव व्यापक पैमाने पर करना होगा। इससे बीमारी का खतरा कम रहेगा। दीपावली के पहले स्वच्छता पर विशेष ध्यान देना होगा, इसमें सभी का सहयोग अपेक्षित है। जिन गांवों में बिजली बाधित है, वहां बिजली बहाल की जाए, जिससे दीपावली के अवसर पर गांव जगमगाता हुआ दिखाई दे। क्षतिग्रस्त सड़कों की मरम्मत अविलम्ब करा दी जाये, ताकि बेहतर आवागमन हो सके।
इस अवसर पर जनप्रतिनिधिगण सहित शासन-प्रशासन के वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।