मिताली राज की स्ट्राइक रेट को लेकर हुई आलोचना तो भड़की भारत की पूर्व कप्तान
मिताली राज को महिला क्रिकेट में सर्वश्रेष्ठ बल्लेबाजों में गिना जाता है। उनके आंकड़े इस बात की गवाही देते है। रनों का अंबार लगा चुकी है। लेकिन हालिया दौर में उनकी स्ट्राइक रेट को लेकर भी वह लोगों के निशाने पर रही है। भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच खेले तीसरे वनडे में एलिसा हिली को मिताली की कम स्ट्राइक रेट को लेकर बात करते हुए भी सुना गया था। लेकिन इन सभी आलोचकों को भारत की पूर्व महिला क्रिकेटर शांता रंगास्वामी ने करार जबाव दिया है।
रंगास्वामी ने कहा है कि मिताली राज की लगातार आलोचना गैरजरूरी है क्योंकि वह अब भी भारतीय महिला क्रिकेट टीम की सर्वश्रेष्ठ बल्लेबाज है। भारतीय क्रिकेट बोर्ड (BCCI) की शीर्ष परिषद की भी सदस्य शांता ने ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ वनडे सीरीज में भारत के प्रदर्शन की सराहना की।
भारत ने सीरीज 1-2 से गंवाई लेकिन अपने प्रदर्शन से प्रभावित किया। भारत ने तीसरे वनडे मुकाबले में जीत के साथ ऑस्ट्रेलिया के लगातार 26 मैचों के जीत के क्रम को भी तोड़ दिया। वह भारत की सर्वकालिक सर्वश्रेष्ठ बल्लेबाज है और अब भी सर्वश्रेष्ठ है। उसे पता है कि तेजी से रन बनाने हैं और अगर दूसरे छोर पर विकेट गिर रहे हैं तो स्ट्राइक रेट मायने नहीं रखता। वह ब्रिटेन में अच्छा खेली और इस सीरीज में भी यहां तक कि झूलन (गोस्वामी) ने आस्ट्रेलिया के खिलाफ शानदार प्रदर्शन किया। इन दोनों ने अच्छा प्रदर्शन करके दिखा दिया है कि उम्र सिर्फ एक संख्या है।
सर्वश्रेष्ठ टीम को दी टक्कर
मिताली ने सीरीज के पहले मैच में लगातार पांचवां अर्धशतक जड़ा लेकिन भारत ने यह मुकाबला गंवा दिया। वनडे सीरीज में टीम के प्रदर्शन पर शांता ने कहा, यह शानदार था क्योंकि उन्होंने दुनिया की सर्वश्रेष्ठ टीम को कड़ी टक्कर दी। भारत को दूसरा एक दिवसीय भी जीतना चाहिए था। लेकिन यह अच्छा मुकाबला रहा।
टीम को यहां करना है सुधार
शांता के अनुसार क्षेत्ररक्षण में सुधार की काफी गुंजाइश है। और खिलाड़ियों को अपने प्रदर्शन में निरंतरता लाने की जरूरत है। उन्होंने टी20 कप्तान हरमनप्रीत कौर की फिटनेस पर भी सवाल उठाए क्योंकि अंगूठे की चोट के कारण वह सीरीज से बाहर हो गई। उन्होंने कहा, वह हंड्रेड टूर्नामेंट से चोटिल होकर आई थी।
इससे पहले वह साउथ अफ्रीका के खिलाफ घरेलू सीरीज में भी चोटिल हो गई थी। अगर वह बार बार चोटिल होती है तो फिर उसे विदेशी लीग में खेलने से बचना चाहिए और भारत की ओर से खेलने को प्राथमिकता देनी चाहिए। टीम प्रभाव छोड़ने वाली खिलाड़ी है। और टीम को उसकी जरूरत है। बीसीसीआई ऑस्ट्रेलिया जैसे महत्वपूर्ण दौरों से पहले खिलाड़ियों को लीग में खेलने से रोक सकता है।
शेफाली-मांधना को लेकर कहा ये
पूर्व भारतीय कप्तान शांता को सलामी बल्लेबाजों शेफाली और स्मृति मांधना से प्रदर्शन में अधिक निरंतरता की उम्मीद है। उनका साथ ही मानना है कि ऋचा घोष को अपनी विकेटकीपिंग पर काम करने की जरूरत है। लेकिन उसने वनडे सीरीज में अपनी बल्लेबाजी से प्रभावित किया। यस्तिका भाटिया ने भी अपनी पदार्पण सीरीज में प्रभावित किया। स्नेह राणा ने भी आलराउंडर के रूप में प्रभावी प्रदर्शन किया है। जिससे दीप्ति शर्मा पर बेहतर प्रदर्शन करने का दबाव बनेगा।