बैली फैट खत्म करने के आसान तरीके – योगासन
आज अधिकतर लोग पेट के पास जमा होने वाली चर्बी से परेशान हैं। पेट पर अतिरिक्त चर्बी यानी बैली फैट आज बच्चों से लेकर युवाओं तक के लिए सबसे बड़ी परेशानी बन चुका है। पेट के आसपास चर्बी बढ़ना सेहत के लिए खतरे की घंटी माना गया है, जिसकी अनदेखी करने पर व्यक्ति को कई रोग घेर सकते हैं। अगर आपकी भी यही समस्या है तो आइए जानते हैं आखिर कौन से वो 3 योगासन हैं जो आपको बैली फैट या बढ़ते वजन से जल्द छुटकारा दिलाने में मदद कर सकते हैं।
नौकासन –
नियमित रूप से नौकासन करने से पेट की चर्बी कम होने के साथ शरीर लचीला बनता है। इसके अलावा इस आसन को करने से पाचन संबंधी समस्याओं को भी ठीक करने में राहत मिलती है।
कैसे करें ये आसन-
नौकासन करने के लिए सबसे पहले योगा मैट पर सीधे बैठकर अपनी टांगें अपने सामने स्ट्रेच करके रखें। दोनों हाथों को हिप्स से थोड़ा पीछे की तरफ फर्श पर रखें। शरीर को ऊपर की तरफ उठाएं। रीढ़ की हड्डी को एकदम सीधा रखें। सांस को बाहर की तरफ छोड़ें। पैरों को फर्श से 45 डिग्री के कोण पर उठाएं। टेलबोन को बढ़ाएं और हिप्स को नाभि के करीब ले आएं। घुटनों को मजबूत करें। अपने टखने को सीधा करें। टखनों को उठाकर आंख की सीध में ले आएं। इस दौरान आप अपने बट और टेलबोन पर बैठे होंगे। हाथों को ऊंचा उठाएं और फर्श के समानांतर स्ट्रेच करें। सामान्य गति से सांस लेते और छोड़ते रहें। इसी स्थिति में 10 से 20 सेकेंड तक बने रहें। अभ्यास हो जाने पर समय बढ़ा दें।सांस छोड़ते हुए धीरे-धीरे आसन को छोड़ दें।
उत्तानपादासन-
उत्तानपादासन एक ऐसा योग है। जिसके नियमित अभ्यास से तुरंत ही पेट अंदर होने लगता है। यह आसन खासकर व्यक्ति को अपच, कब्ज, मोटापा, तोंद और अन्य पेट संबंधी बीमारियों से दूर रखने में मदद करता है।
कैसे करें ये आसन-
उत्तानपादासन करने के लिए सबसे पहले जमीन पर आराम से लेटकर अपने पैर फैला लें। पैरों की बीच दूरी न रखें। हाथ शरीर के पास ही रखें। अब सांस लेते हुए पांवों को बिना मोड़े धीरे-धीरे 30 डिग्री पर उठाते हुए धीरे धीरे सांस लें और फिर धीरे धीरे सांस छोड़े और इसी मुद्रा में रहें। लंबा सांस छोड़ते हुए दोनों पांव नीचे लाएं। यह चक्र हुआ। इस तरह से आप 3 से 5 चक्र रोजाना करें।
तोलांगुलासन-
तोलांगुलासन करने से सम्पूर्ण शरीर काबू में रहता है। इस आसन में छोटी आंत तथा बड़ी आंत में इकट्ठा हुआ गन्द मल-मूत्र के साथ बाहर आ जाता है। इस आसन में ठोड़ी को कण्ठमूल से लगाया जाता है, जिससे गले की सारी बीमारियां नष्ट हो जाती हैं। हाथों तथा पैरों की उंगलियों में लचीलापन आने के साथ शरीर फुर्तीला बन जाता है।
कैसे करें ये आसन-
सबसे पहले आप जमीन पर योगा मैट बिछाकर उस पर बैठ जाएं। इसके बाद अपने पैरों को पद्मासन मुद्रा में रखते हुए अपनी दोनों कोहनियों की सहायता से पद्मासन लगाये हुए ही लेट जायें। अब अपने दोनों हाथों की मुट्रठयां भींच के अपने नितम्बों के नीचे लें। सिर और पीठ तथा पद्मासन लगे ही सम्पूर्ण शरीर को जमीन से ऊपर उठायें।इसी स्थिति में कुछ समय रुके रहने के पश्चात् पूर्व स्थिति में लौट आयें और विश्राम करें। विश्राम के कुछ क्षण पश्चात् इस क्रिया को दोहराएं।



