
बुन्देलखण्ड विश्वविद्यालय, झांसी का 26वां दीक्षांत समारोह सम्पन्न
शिक्षा ही एक ऐसा हथियार है, जिससे किसी भी काम पर विजय प्राप्त की जा सकती है। इसलिए विद्यार्थी सर्वगुण सम्पन्न बनें और प्रदेश और देश के लिये महत्वपूर्ण योगदान दें। ये विचार उत्तर प्रदेश की राज्यपाल एवं विश्वविद्यालय की कुलाधिपति श्रीमती आनंदीबेन पटेल ने आज राजभवन से बुन्देलखण्ड विश्वविद्यालय, झांसी के 26वें दीक्षांत समारोह को वर्चुअली सम्बोधित करते हुए व्यक्त किये। उन्होंने विद्यार्थियों से कहा कि लक्ष्य स्पष्ट रखें और उसे प्राप्त करने के लिए निरंतर प्रयास करें।
क्योंकि कठिन परिश्रम, आत्मविश्वास और सकारात्मक सोच से बहुत कुछ हासिल किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि शिक्षा सिर्फ सर्टिफिकेट तक सीमित नहीं होनी चाहिए, बल्कि सामाजिक सरोकारों में भी अपनी उपयोगिता सिद्ध करें। इसके साथ ही विद्यार्थी अपने जीवन के मूल्यों को समझें।
इस अवसर पर राज्यपाल ने 139 छात्र-छात्राओं को पदक तथा 102 छात्र-छात्राओं को शोध की उपाधि आभासीय रूप से वितरित की। जबकि 59,145 छात्र-छात्राओं को उपाधियां दी तथा उन्होंने उपाधियां प्राप्त करने वाले समस्त विद्यार्थियों के उज्ज्वल भविष्य की कामना की।
इस अवसर पर राज्यपाल ने विश्वविद्यालय के पोर्टल ‘पब्लिसिंग आनलाइन’ का वर्चुअली उद्घाटन भी किया। उन्होंने कहा कि इस पोर्टल के बन जाने से विश्वविद्यालिय की अधिकांश कार्यप्रणाली का डिजिटलाइजेशन हो गया है अब विद्यार्थियों को विश्वविद्यालय के चक्कर नहीं लगाने पड़ेंगे। उन्हें उनकी डिग्री और प्रमाण पत्र डिजिटल लॉकर के माध्यम से आसानी से प्राप्त हो सकेंगे। कार्यक्रम में विश्वविद्यालय द्वारा डिजी लॉकर की कार्यप्रणाली पर आधारित एक डॉक्यूमेंट्री फिल्म दिखायी गयी।
कुलाधिपति ने कहा कि विद्यार्थी जीवन में कुछ पाने के लिए हमेशा मन में सीखने की इच्छा को बनाकर रखें। क्योंकि ज्ञान का कोई अंत नहीं होता है। उन्होंने कहा कि बिना खनिज संसाधन के किसी देश का विकास हो सकता है, लेकिन बिना मानव संसाधन के देश के विकास के बारे में सोचा भी नहीं जा सकता है। यदि शिक्षा, स्वास्थ्य एवं कौशल विकास में निवेश करके मानव संसाधन को मानव पूंजी में बदल दिया जाए तो निश्चित ही भविष्य में इसका बेहतर प्रतिफल मिलेगा।
राज्यपाल ने कहा कि राष्ट्र के विकास में विश्वविद्यालयों का महत्वपूर्ण योगदान होता है। इसलिए शिक्षक बदलते समय और संदर्भों के साथ अपने आपको अपडेट रखें। केवल पाठ्य पुस्तकों का अध्ययन ही विद्यार्थियों को न कराएं, बल्कि उन्हें व्यावहारिक, सामाजिक तथा नये-नये अनुसंधानों से भी अवगत कराएं। उन्होंने कहा कि अच्छे शिक्षण की सार्थकता है कि उससे विद्यार्थी हर क्षण कुछ न कुछ नया सीखने के लिए प्रेरित हो।
इस अवसर पर दीक्षांत समारोह के मुख्य अतिथि नीति आयोग के सदस्य डॉ0 विजय कुमार सारस्वत, विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर मुकेश पाण्डेय, शिक्षक एवं अधिकारी सहित विद्यार्थीगण उपस्थित थे।