पेट्रोल-डीजल के नए रेट जारी, 77.13 रुपये लीटर डीजल बिक रहा पोर्ट ब्लेयर में और 95.26 रुपये राजस्थान में
पेट्रोल-डीजल की कीमतों को लेकर आज एक और मंगलवार राहतभरा रहा। पेट्रोल-डीजल के नए रेट आज सुबह 6 बजे जारी हुए। आईओसी के नए रेट के मुताबिक आज भी देश में सबसे सस्ता पेट्रोल-डीजल पोर्ट ब्लेयर में तो सबसे महंगा राजस्थान के श्रीगंगानगर में है। जबकि, महानगरों में मुंबई में पेट्रोल सबसे महंगा 109.98 रुपये लीटर और दिल्ली में सबसे सस्ता 95.41 रुपये है। वहीं पटना में पेट्रोल कोलकाता (104.67), चेन्नई (101.40 ) और बेंगलुरु (100.58) से भी महंगा है।
पेट्रोल-डीजल के लेटेस्ट रेट
शहर पेट्रोल (रुपये/लीटर) डीज़ल (रुपये/लीटर)
श्रीगंगानगर 112.11 95.26
मुंबई 109.98 94.14
भोपाल 107.23 90.87
जयपुर 107.06 90.7
पटना 105.9 91.09
कोलकाता 104.67 89.79
चेन्नई 101.4 91.43
बेंगलुरु 100.58 85.01
रांची 98.52 91.56
नोएडा 95.51 87.01
दिल्ली 95.41 86.67
लखनऊ 95.28 86.8
चंडीगढ़ 94.23 80.9
पोर्ट ब्लेयर 82.96 77.13
पेट्रोल-डीजल के भाव पर लगता है चुनावी दांव
5 राज्यों में चुनावी बिगुल फुंक चुका है। और पेट्रोल-डीजल के भाव पर चुनावी दांव लगना तय है। आज 69वें दिन ईंधन के दाम में कोई बदलाव नहीं हुआ। चुनावों को देखते हुए तेल के दाम घट तो सकते हैं। पर बढ़ने की संभावना कम ही नजर आ रही है। पहले की तरह इस बार भी चुनाव के बाद ही पेट्रोल-डीजल और गैस के दाम में बढ़ोतरी होगी।
अगर पिछले साल की बात करें तो पेट्रोल-डीजल की कीमतों में आखिरी बार 27 फरवरी को बढ़ोतरी की गई थी। 15 अप्रैल का आखिरी बार पेट्रोल-डीजल के दाम में बदलाव हुआ था। बंगाल में 29 अप्रैल को आखिरी चरण का चुनाव हुआ था और 2 मई को विधानसभा चुनाव के नतीजे घोषित हो गए थे। इससे पहले दो महीने से भी ज्यादा दिनों तक इसके दाम में कोई बढ़ोतरी नहीं हुई। हालांकि बीते मार्च-अप्रैल के दौरान डीजल के दाम में चार दिन कटौती हुई।
साल 2020 में 28 अक्टूबर से 7 नवंबर के दौरान बिहार विधानसभा के चुनाव हुए और 10 नवंबर 2020 को नतीजे आए।
इस दौरान 2 सितंबर से 19 नवंबर के बीच पेट्रोल-डीजल के दाम में कोई बदलाव नहीं हुआ। फिर 20 नवंबर से 7 दिसंबर तक 15 बार दाम बढ़ए गए थे।
इसी तरह दिल्ली चुनाव विधानसभा के दौरान भी 2020 के शुरुआत में 12 जनवरी से 23 फरवरी तक पेट्रोल-डीजल के दाम नहीं बढ़े थे।
वहीं, साल 2018 में मई के कर्नाटक विधानसभा चुनाव से पहले भी तेल कंपनियों ने लगातार 19 दिनों तक कीमतों में कोई बदलाव नहीं किए, जबकि कच्चे तेल की बढ़ीं थी।
2017 में 16 जनवरी से 1 अप्रैल तक पांच राज्यों पंजाब, गोवा, उत्तराखंड, उत्तर प्रदेश और मणिपुर में विधानसभा चुनाव थे। इस दौरान देश में तेल कंपनियों ने पेट्रोल-डीजल के दाम नहीं बढ़ाए। हालांकि उस समय तेल कंपनियां आज की तरह रोजाना नहीं बल्कि हर 15 दिन में कीमतें बदलती थीं।
दिसंबर 2017 में गुजरात विधानसभा चुनाव के दौरान भी पेट्रोल-डीजल के दाम भी करीब 14 दिन नहीं बढ़े।