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पशु चिकित्सक पशुओं की नस्ल सुधार हेतु आवश्यक अनुसंधान को बढ़ावा दें

उत्तर प्रदेश की राज्यपाल एवं कुलाधिपति श्रीमती आनंदीबेन पटेल ने आज पंडित दीनदयाल उपाध्याय पशु चिकित्सा विज्ञान विश्वविद्यालय एवं गो अनुसंधान संस्थान, मथुरा के ग्यारहवें दीक्षान्त समारोह को सम्बोधित करते हुए कहा कि पदक एवं उपाधि प्राप्त करने वाले विद्यार्थी अपने ज्ञान का उपयोग, संस्कार और मूल्यों की सिद्धि में करें, इससे हर प्रकार की सफलताएं उन्हें स्वतः ही प्राप्त हो जायेगी।

जो आज के इस वैश्विक वातावरण में आवश्यक भी हैं। कार्यक्रम में राज्यपाल जी ने बी0वी0एससी0 में 64 छात्रों, एम0वी0एस0सी0 में 30 छात्रों, बायो टेक्नालॉजी में 24 छात्रों, पीएच0डी0 में 9 छात्रों तथा पीएच0डी0 बायो टेक्नोलॉजी में 3 छात्रों को उपाधि प्रदान कर समस्त पदक एवं उपाधि प्राप्तकर्ताओं के उज्ज्वल भविष्य की कामना की।

राज्यपाल ने कहा कि समाज और राष्ट्र के विकास में शिक्षा से बढ़कर कोई दूसरा माध्यम नहीं है। शिक्षा का अर्थ केवल विषयों की जानकारी देना या युवाओं को डिग्री धारक नहीं बनाना है बल्कि शिक्षा का उद्देश्य है कि विद्यार्थियों में शिक्षा का विकास करके उन्हें इस देश का श्रेष्ठ नागरिक बनना है। उन्होंने छात्र-छात्राओं से कहा कि राष्ट्र के सामने जो चुनौतियां हैं, उसे समझकर समस्याओं के समाधान के लिए समर्पित हो जाना ही एक जागरूक नागरिक का कर्तव्य है।

कुलाधिपति श्रीमती आनंदीबेन पटेल ने कहा कि पशुधन किसी भी राष्ट्र की एक बड़ी सम्पत्ति है। इसका कृषि अर्थव्यवस्था में महत्वपूर्ण योगदान है। उन्होंने विश्वविद्यालय में Innovation Cum Incubation Centre की स्थापना पर प्रसन्नता व्यक्त करते हुए कहा कि इससे छात्र आत्मनिर्भर होंगे तथा पशुपालन व्यवसाय को स्टार्टअप कम्पनी के रूप में विकसित करने के लिए प्रेरित होंगे।

इसके साथ ही उन्होंने विश्वविद्यालय में वर्चुअल क्लास रूम, डिजिटल क्लास रूम तथा छात्रों के सर्वांगीण विकास हेतु लैंग्वेज लैब की भी स्थापना पर सन्तोष व्यक्त करते हुये कहा कि इससे विश्वविद्यालय के विद्यार्थियों को विदेशों में स्थित प्रयोगशालाओं और संस्थानों में भी प्रशिक्षण देने का अवसर मिलेगा।

राज्यपाल ने पशु चिकित्सकों से कहा कि जब दुधारू पशु दूध देना कम कर देते हैं, तो पशुपालक ऐसे जानवरों को खुला छोड़ देते हैं और वे जानवर इधर-उधर घूमते रहते हैं, जो किसानों के लिये परेशानी का कारण बनते हैं। पशु चिकित्सक ऐसे पशुओं की नस्ल सुधार हेतु आवश्यक अनुसंधान को बढ़ावा दें, ताकि इनके दूध देने की क्षमता में वृद्धि हो सके और पशु पालक एवं किसानों के लिये उपयोगी हो सकें।

इस अवसर पर विश्वविद्यालय द्वारा प्राथमिक विद्यालय के आमंत्रित बच्चों को राज्यपाल जी ने स्कूल बैग, पुस्तकें एवं मिष्ठान वितरित किया। उन्होंनेे विश्वविद्यालय में स्थापित आई0डी0पी0 बिल्डिंग तथा बकरी फार्म एवं दुग्ध प्रसंस्करण संयंत्र अनुसंधान का भ्रमण एवं निरीक्षण भी किया।

कार्यक्रम में विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर गिरिजेश कुमार सिंह ने विश्वविद्यालय की वार्षिक रिपोर्ट प्रस्तुत की।
दीक्षान्त समारोह में कृषि शिक्षा, भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद, नई दिल्ली के उप महानिदेशक डॉ0 आर0सी0 अग्रवाल, दुवासु मथुरा के पूर्व कुलपति डॉ0 ए0पी0 सिंह, कार्य परिषद एवं विद्या परिषद के सदस्यगण, विश्वविद्यालय के अधिकारी, कर्मचारी, शिक्षक एवं छात्र उपस्थित थे।

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