दो महीने में सबसे सस्ता हुआ सोना, जानिए आज का ताजा भाव
अमेरिकी बॉन्ड यील्ड यानी बॉन्ड पर मिलने वाले इंट्रेस्ट रेट में बढ़ोतरी के कारण सोने पर दबाव बढ़ रहा है। आज MCX पर डिलिवरी वाला सोना 2 महीने के न्यूनतम स्तर पर पहुंच गया। दरअसल, अमेरिकी फेडरल रिजर्व बॉन्ड टैपरिंग कर रहा है। आर्थिक जानकारों का मानना है कि फेड समय से पहले इंट्रेस्ट में बढ़ोतरी कर सकता है। इसके कारण डॉलर में मजबूती देखी जा रही है। 10 साल का अमेरिकी बॉन्ड यील्ड इस समय मार्च 2021 के बाद उच्चतम स्तर पर है।
MCX पर दोपहर के 2.20 बजे फरवरी डिलिवरी वाला सोना 81 रुपए की गिरावट के साथ 47370 रुपए प्रति दस ग्राम के स्तर पर ट्रेड कर रहा था। अप्रैल डिलिवरी वाला सोना इस समय 42 रुपए की गिरावट के साथ 47534 रुपए प्रित दस ग्राम के स्तर पर ट्रेड कर रहा था। इंटरनेशनल मार्केट में इस समय सोना हरे निशान में है और वह 1780 डॉलर के स्तर पर ट्रेड कर रहा था।
चांदी में भी गिरावट जारी
सोना के अलावा चांदी में भी गिरावट देखी जा रही है। MCX पर मार्च डिलिवरी वाली चांदी 190 रुपए की गिरावट के साथ 60236 रुपए प्रति किलोग्राम के स्तर पर ट्रेड कर रही थी। मई डिलिवरी वाली चांदी 226 रुपए की गिरावट के साथ 60900 रुपए प्रति किलोग्राम के स्तर पर ट्रेड कर रही थी। इंटरनेशनल मार्केट में चांदी गिरावट के साथ 22.23 डॉलर प्रति आउंस के स्तर पर कारोबार कर रही थी।
आज बॉन्ड यील्ड और डॉलर इंडेक्स में गिरावट
10 साल का अमेरिकी बॉन्ड यील्ड इस समय 0.57 फीसदी की गिरावट के साथ 1.723 फीसदी पर था। इस समय डॉलर इंडेक्स पर भी दबाव है। यह 0.18 फीसदी की गिरावट के साथ 96.150 अंकों के स्तर पर था। यह इंडेक्स दुनिया की छह प्रमुख करेंसी के मुकाबले डॉलर की मजबूती को बतलाता है।
पिछले साल भारत ने रिकॉर्ड इंपोर्ट किया है
गोल्ड की बात करें तो साल 2021 में भारत ने रिकॉर्ड इंपोर्ट किया। रॉयटर्स की रिपोर्ट के मुताबिक, पिछले साल भारत ने 55.7 बिलियन डॉलर का गोल्ड इंपोर्ट किया। 2020 में कुल 22 बिलियन डॉलर का इंपोर्ट किया गया था। इससे पहले साल 2011 में कुल 53.9 बिलियन डॉलर का गोल्ड इंपोर्ट किया गया था। 2020 से कोरोना की दो-दो लहर, शादियों के कैंसिल होने, फेस्टिव सीजन के दौरान खरादारी से बचने के कारण गोल्ड की मांग लंबे समय से दबी थी। यही वजह है कि 2021 में रिकॉर्ड गोल्ड इंपोर्ट किया गया क्योंकि मांग में जबरदस्त तेजी आई थी।
इस साल भी सोने की मांग बनी रहेगी
कमोडिटी मार्केट के जानकारों का कहना है कि इस साल ओमिक्रॉन वेरिएंट के खतरे के कारण जनवरी महीने में गोल्ड की डिमांड सुस्त रहेगी। हालांकि सालाना आधार पर 2022 में मांग में तेजी बनी रहेगी। कंज्यूमर मार्केट में यह दोनों तरीके से बेस्ट है। इसमें इन्वेस्ट भी कर सकते हैं और साथ में उसका इस्तेमाल एसेसरीज और ज्वैलरी की तरह भी हो सकता है।
कीमत में उछाल निश्चित
जानकारों का यह भी कहा कि ओमिक्रॉन वेरिएंट के कारण इस साल सोने की कीमत में भी उछाल आएगा। सरकार ने गोल्ड इंपोर्ट में ड्यूटी में कटौती की है जिसके कारण भी मांग मे तेजी आएगी।