
तेंदुए ने चहलकदमी में एक को बनाया शिकार, बस्ती के लोग दहशत में
सोनभद्र जिले के वन क्षेत्रों से सटे रहवासी इलाकों में इन दिनों तेंदुए की सक्रियता ने लोगों की नींद उड़ा दी है। रात में तेंदुए की गुर्राहट से लोग सहमे हुए हैं। पिछले चार दिनों में म्योरपुर इलाके में तेंदुए ने घर के बाहर बंधे कई मवेशियों को अपना शिकार बनाया है।
रविवार रात भी उसने पड़री गांव में कुछ बकरी को शिकार बनाया। आबादी की ओर तेंदुए की बढ़ती चहलकदमी से ग्रामीणों में दहशत बनी हुई है। वह विभाग अभी निगरानी में जुटा हुआ है। करीब 25 दिन पहले तेंदुआ सबसे पहले पिपरी रेंज में देखा गया था।
जाल और पिंजड़ा मंगाकर हो रही निगरानी
जंगल की ओर गए ग्रामीणों की सूचना के बाद वन विभाग ने मिर्जापुर से जाल और पिंजड़ा मंगाकर उसकी निगरानी शुरू की लेकिन तेंदुए का कहीं पता नहीं चला। इस बीच रात में जंगल की ओर से कई बार लोगों ने तेंदुए के दहाड़ने की आवाज सुनी। अब पिछले एक सप्ताह से म्योरपुर क्षेत्र के पड़री व आसपास के इलाके में तेंदुए की मौजूदगी के दावे किए जा रहे हैं।
अब तक ज्ञानचंद की बकरी, दुदील, मोहन और मुराहु के गाय व बैल को भी तेंदुए ने हमला कर मार दिया है। रविवार की रात रवींद्र और बासदेव की बकरियों को भी तेंदुए ने शिकार बनाया। सभी जानवरों के शरीर पर तेंदुए के पंजे के निशान भी मिले हैं। लगातार बढ़ती घटनाओं से ग्रामीण भयभीत हैं।
उन्हें चिंता है कि तेंदुआ कहीं घर के पास खेलते बच्चों अकेले आते-जाते लोगों पर हमला न कर दे। फिलहाल वन विभाग की टीम तेंदुए की निगरानी में जुटी है। रेंजर शहजादा इस्माइलुद्दीन ने बताया कि वन विभाग की टीम लगातार नजर बनाए हुए है। ग्रामीणों को भी सुरक्षा के लिए जागरूक किया जा रहा है।
महुअरिया में भी देखा गया तेंदुआ
पिपरी और म्योरपुर के बाद महुअरिया रेंज के जंगलों में भी तेंदुआ देखे जाने की खबर है। ब्लैक बक घाटी के रूप में मशहूर महुअरिया रेंज से सटे गांवों में पिछले चार-पांच दिनों में कई जगह तेंदुए के पैरों के निशान मिले है। ग्रामीणों ने भी तेंदुआ देखने का दावा किया है।
इस क्षेत्र में भी वन विभाग की टीम सतर्क हो गई है। बताया जा रहा है कि भीषण गर्मी के कारण जंगलों में स्थित प्राकृतिक जलस्रोत सूखने के बाद वन्य जीव पानी की तलाश में आबादी क्षेत्रों का रुख कर रहे हैं।
अब तक जिन इलाकों में तेंदुए को देखा गया है, वहां पर्याप्त पानी मौजूद है। इससे पहले गर्मी की शुरुआत में ही फ़रवरी-मार्च में दो तेंदुए की मौत हो गई थी। म्योरपुर के जंगल में शिकारियों ने जंगली सूअर के शक में तेंदुए को मार गिराया था तो सलखन के पास मारकुंडी घाटी में सड़क पार करते समय एक तेंदुआ ट्रक की चपेट में आ गया था।



