चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय, मेरठ का दीक्षान्त समारोह सम्पन्न
उत्तर प्रदेश की राज्यपाल एवं विश्वविद्यालय की कुलाधिपति श्रीमती आनंदीबेन पटेल ने आज चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय, मेरठ के 33वें दीक्षान्त समारोह को सम्बोधित करते हुए कहा कि दीक्षांत समारोह विद्यार्थियों की मेहनत एवं उपलब्धियों का दिन है। यहाँ से उनके जीवन की एक यात्रा का आरम्भ होती है।
उन्होंने कहा कि विद्यार्थी जीवन में निरन्तर सफलता अर्जित करें। इसके साथ ही राष्ट्र व समाज के उत्थान में भी अपना बहुमूल्य योगदान दें। इस अवसर पर राज्यपाल जी ने दीक्षांत समारोह में 01 कुलाधिपति स्वर्ण पदक, 50 प्रायोजित स्वर्ण पदक, 02 चौ0 चरण सिंह स्मृति प्रतिभा पुरस्कार, 153 कुलपति स्वर्ण पदक प्रदान किया। इसके साथ ही कुल 127961 छात्र-छात्राओ को उपाधियां मिली, जिसमें 42492 छात्र व 85496 छात्राएं हैं।
राज्यपाल ने छात्राओं को बड़ी संख्या में मेडल लेते देखकर प्रसन्नता व्यक्त की और कहा कि नारी शक्ति आगे बढ़ रही है। उन्होंने अभिभावकों से अपील की कि वे छात्रों पर भी ध्यान दें। छात्र-छात्राओं के बीच मेडल पाने की प्रतिस्पर्धा होनी चाहिए। लेकिन छात्र तो पीछ रह गये। छात्र सोचते होंगे कि राजनीति में चले जाएंगे लेकिन ऐसा नही होना चाहिए। उन्होंने छात्रों से कहा कि पढ़ाई कीजिये और आगे बढिये।
राज्यपाल ने कहा कि दीक्षान्त समारोह उन विद्यार्थियों के लिए ही महत्वपूर्ण नहीं है, जिन्हें आज उपाधि मिली है, यह दिन नए भारत के निर्माण में अग्रसर हो रही छात्र शक्ति के लिए भी महत्वपूर्ण है। उन्होंने कहा कि कुछ विद्यार्थी उच्च अध्ययन की दिशा में आगे बढेंगे तो कुछ रोजगार व स्वरोजगार का दायित्व ग्रहण करेंगे। ज्ञान को नौकरी पाने का साधन नहीं न बनाएं, बल्कि उससे कहीं ज्यादा उसे लोकहित के लिये उपयोग करें। उन लोगों को कभी न भूलें जो आपके जीवन के सबसे महत्वपूर्ण चरण मंे आपके साथ खड़े रहें।
कुलाधिपति ने कहा कि किसी भी राष्ट्र अथवा सभ्यता का विकास उसके शिक्षा केन्द्रों में होता है। विशेष रूप से विश्वविद्यालय राष्ट्र की सतत् विकासशील, चिन्तनशील-वैश्विक संवेदना एवं सम्पन्न अन्तर-आत्मा के प्रतीक हैं। उन्होंने कहा कि ज्ञान की नींव पर ही प्रत्येक व्यक्ति के चरित्र का निर्माण होता है। शिक्षा परिवर्तन की उत्प्रेरक शक्ति होती है और हमारे युवा सामाजिक परिवर्तन के सर्वाधिक शक्तिशाली कारक हैं। यदि शिक्षित युवाओं को उचित मार्गदर्शन प्रदान किया जाए तो वे इतिहास के काल-प्रवाह में क्रांतिकारी परिवर्तन ला सकते हैं।
राज्यपाल ने कहा कि विश्वविद्यालय ने जिन आंगनबाड़ी केन्द्रों को गोद लेकर सुविधा सम्पन्न बनाने का कार्य किया है। विश्वविद्यालय के शिक्षक एवं छात्र समय-समय पर वहां जाकर देंखे कि वहां पर बच्चे किस प्रकार से पठन-पाठन कर रहे हैं, ताकि विश्वविद्यालय द्वारा दी गयी सामग्री का उचित उपयोग हो सके।
कार्यक्रम में प्राइमरी पाठशाला के आमंत्रित बच्चों को राज्यपाल जी ने उपहार स्वरूप पुस्तकें, बैग एवं मिष्ठान वितरित किये।
उप मुख्यमंत्री एवं शिक्षा मंत्री डा0 दिनेश शर्मा ने दीक्षान्त समारोह को सम्बोधित करते हुए कहा कि भारत की मेधा शक्ति विश्व में अपना प्रदर्शन कर रही है। विदेशों से विद्यार्थी आकर उत्तर प्रदेश में पढ़ रहे हैं। आज विदेशों के उच्च स्तरीय विश्वविद्यालय उत्तर प्रदेश में भी अपना कैम्पस खोल रहे हैं। हमारा प्रयास है कि उत्तर प्रदेश शिक्षा के लिये हब बनें।
इस अवसर पर औद्योगिक विकास अध्ययन संस्थान के मुख्य कार्यकारी अधिकारी प्रोफेसर नागेश कुमार, विश्वविद्यालय, मेरठ के कुलपति प्रोफेसर नरेन्द्र कुमार तनेजा, कार्य परिषद एवं विद्वत परिषद के सदस्यगण, शिक्षक एवं विद्यार्थी उपस्थित थे।