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किसानों के कर्ज भुगतान की तारीख बढ़ाने की बजाय उनका कर्ज माफ करे सरकार- कमलनाथ

भोपाल – मध्य प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष व पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के कल किसानों से हुए संवाद व निर्णयों पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा कि सभी जानते है कि अभी कोरोना महामारी का भीषण संकट काल चल रहा है। इस संकट काल में हमारे किसान भाई पहले से ही दोहरी मार झेल रहे है और बड़े संकट से गुजर रहे है। यह समय है कि शिवराज सरकार को किसानों को तत्काल राहत प्रदान करना चाहिये और उनके लिए तत्काल राहत भरे निर्णय लेना चाहिये एवं राहत भरे कदम उठाये जाना चाहिये। कमल नाथ ने कहा कि उन्होंने पूर्व में भी सरकार से माँग की थी कि किसानों के खातों में एकमुश्त राशि डालकर इस संकट काल में किसानों को सरकार की ओर से तत्काल राहत प्रदान की जाना चाहिये लेकिन अभी तक शिवराज सरकार ने इस संबंध में कोई निर्णय नहीं लिया है।

कमलनाथ ने कहा कि वही किसानों से संवाद में मुख्यमंत्री ने किसानों की कर्ज भुगतान की तारीख को 30 अप्रैल से बढ़ाकर 31 मई करने की घोषणा की है , जबकि सभी जानते हैं कि वर्तमान में कितना भीषण संकट काल चल रहा है। किसान इस संकट काल में कर्ज के दलदल में और धँसता जा रहा है। अभी तो आवश्यकता है कि किसानों का सम्पूर्ण कर्ज ही माफ किया जाए लेकिन शिवराज सरकार उसे माफ करने की बजाय, उसके भुगतान की तारीख को मात्र एक माह के लिए आगे बढ़ा रही है, जो कि किसानो के साथ बड़ा मज़ाक़ है।

प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा कि सरकार ही बताये कि जिस प्रकार से कोरोना का संक्रमण निरंतर बढ़ता जा रहा है, ग्रामीण इलाक़े लगातार इसकी चपेट में आते जा रहे है। ग्रामीण क्षेत्रों में भी मौत के आँकड़े बढ़ते जा रहे है। एक माह बाद भी किसान इस कर्ज का भुगतान कैसे कर पायेगा। हमें पता है कि शिवराज सरकार भले खुद को कितना भी किसान हितेषी बताये लेकिन वह किसानों का कर्ज कभी माफ नहीं करेगी। यदि इस संकट काल में भी शिवराज सरकार किसानो के कर्ज को माफ नहीं करती है। किसानो के हित में निर्णय नहीं लेती है तो कम से कम कर्ज भुगतान की तारीख को ही अनिश्चित काल के लिए स्थगित करने का निर्णय लेकर उन्हें थोड़ी तो राहत प्रदान करे। साथ ही जिस प्रकार से गेहूं खरीदी की तारीख को भी मात्र चंद दिनों के लिए आगे बढ़ाया गया है, वह भी किसानों के हित में नहीं है।

यदि सरकार को किसानों की चिंता है तो इस गेहूं खरीदी की तारीख़ को भी उस समय तक के लिए बढ़ाया जाये। जब तक किसानों का गेहूँ का एक-एक दाना खरीद नहीं लिया जाता क्योंकि वर्तमान कोरोना महामारी में खरीदी केंद्रों पर अव्यवस्थाओं का अंबार है। तुलाई के लिए हम्मालों- श्रमिकों की भारी कमी है, खरीदी की रफ्तार धीमी है , किसानों को खरीदी केंद्रों पर काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है, कोरोना के इस संक्रमण काल में भी उन्हें लाइनों में लगना पड़ रहा है, कई-कई दिनों तक उन्हें खरीदी केंद्रों पर रुकना पड़ रहा है। उन्हें भुगतान भी समय पर नहीं मिल रहा है, इस संबंध में प्रदेश भर से किसानों की शिकायतें हमें निरंतर प्राप्त हो रही हैं और सरकार ख़रीदी ज़्यादा हो इस पर भी ध्यान नहीं दे रही है। जब तक ख़रीदी केंद्रो पर अव्यवस्थाएँ रहेगी। तब तक किसानो का एक-एक दाना कैसे ख़रीदा जायेगा। मैं शिवराज सरकार से मांग करता हूँ कि ख़रीदी के काम में तेज़ी लाने के साथ- साथ किसानों के हित में तत्काल यह सभी आवश्यक निर्णय लिये जाये।

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