एयर कंडीशनर का इस्तेमाल करने वालों को नहीं मिल सकती है बिजली सब्सिडी, सरकार ने दिए संकेत
इस्तेमाल करने वालों के लिए बड़ी खबर है। केंद्रीय ऊर्जा सचिव आलोक कुमार का मानना है कि बिजली क्षेत्र में सब्सिडी को और अधिक लक्षित करने की जरूरत है। इंडियन चैंबर ऑफ कॉमर्स (ICC) द्वारा आयोजित 15वें भारत ऊर्जा शिखर सम्मेलन को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि ज्यादातर सब्सिडी घरेलू उपभोक्ताओं के लिए है।
लेकिन एयर कंडीशनर (AC) और अन्य उपकरणों का उपयोग करने वाले लोगों को यह नहीं मिलना चाहिए। कुमार ने ऊर्जा की मांग और आपूर्ति दोनों पक्षों को उजागर करते हुए ट्रांसमिशन और डिस्ट्रीब्यूशन घाटे को 20 फीसदी से घटाकर 15 फीसदी करने की जरूरत पर भी बल दिया।
केंद्रीय ऊर्जा सचिव का मानना है कि विकासशील देश से विकसित देश बनने के लिए प्रति व्यक्ति ऊर्जा खपत को बढ़ाना चाहिए। हर घर को स्वच्छ, सस्ती और टिकाऊ ऊर्जा तक पहुंच की जरूरत है।
क्लीन एनर्जी का तीसरा युग
टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के मुताबिक, केंद्रीय बिजली सचिव ने तीन क्षेत्रों पर प्रकाश डाला जहां अभूतपूर्व मांग वृद्धि की उम्मीद की जा रही थी। पहला ट्रांसपोर्टेशन उन्होंने आगे निर्माण क्षेत्र की बात की क्योंकि भारत में अगले दो दशकों में बहुत तेजी से शहरीकरण होने की संभावना है। और बड़े पैमाने पर निर्माण देखने को मिलेगा।
उन्होंने कहा, स्टील, सीमेंट और लाइटिंग जैसी निर्माण सामग्री की मांग में भारी बढ़ोतरी की उम्मीद है। एनर्जी ग्रोथ में तीसरा युग पारंपरिक बायोमास खाना पकाने से स्वच्छ खाना पकाने के लिए संभावित बदलाव है। यह देखना महत्वपूर्ण है कि ऊर्जा की मांग में इस बढ़ोतरी को अच्छी तरह से प्रबंधित किया जाता है। और यहां ऊर्जा दक्षता का महत्व आता है। एक सफल आपूर्ति रोडमैप उपलब्ध टेक्नोलॉजीज पर निर्भर करेगा।
दिसंबर में बिजली खपत में आया उछाल
बता दें कि देश में बिजली खपत पिछले साल दिसंबर महीने में एक साल पहले की समान अवधि की तुलना में 4.5 फीसदी बढ़कर 110.34 अरब यूनिट पर पहुंची। इससे पिछले साल समान अवधि यानी दिसंबर, 2020 में बिजली की खपत 101.08 अरब यूनिट रही थी। देशभर में आर्थिक गतिविधियों में सुधार के बीच दिसंबर में बिजली का उपभोग स्थिर तरीके से बढ़ा है।
हालांकि, उन्होंने देश में कोविड-19 के नए स्वरूप ओमीक्रोन के बढ़ते मामलों को लेकर चिंता जताई। उन्होंने कहा कि कई राज्यों द्वारा लॉकडाउन अंकुश लगाए जाने की वजह से बिजली की वाणिज्यिक और औद्योगिक मांग प्रभावित हो सकती है।
इस बीच, दिसंबर, 2021 में व्यस्त समय की पूरी की गई बिजली की मांग यानी एक दिन में बिजली की अधिकतम आपूर्ति बढ़कर 183.39 गीगावॉट पर पहुंच गई। जो दिसंबर, 2020 में 182.78 गीगावॉट और दिसंबर, 2019 में 170.49 गीगावॉट रही थी।