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इन 08 वर्षों के दौरान भारत आत्मनिर्भरता की राह पर तेजी से आगे बढ़ा

लखनऊ: 01 जून, 2022 – मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा है कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी के नेतृत्व में केन्द्र में भारतीय जनता पार्टी की सरकार ने विगत 08 वर्षों में सेवा, सुशासन और गरीब कल्याण के संकल्प के साथ देश के भीतर एक विश्वास भरा है। मई 2014 में प्रधानमंत्री जी ने देश की कमान अपने हाथों में ली थी। उनके नेतृत्व और मार्गदर्शन में ‘सबका साथ, सबका विकास’ के मंत्र के अनुरूप केन्द्र की सरकार ने बिना भेदभाव गांव, गरीब, किसान, महिला, नौजवान के हितों के लिए जो कार्य किया, वह 135 करोड़ देशवासियों के जीवन मे व्यापक परिवर्तन का कारक बना है।

मुख्यमंत्री आज यहां प्रदेश भाजपा कार्यालय में प्रधानमंत्री के नेतृत्व में केन्द्र सरकार के 08 वर्ष पूरे होने के अवसर पर आयोजित विशेष प्रेस कॉन्फ्रेंस में मीडिया प्रतिनिधियों को सम्बोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि वर्ष 2014 के पहले देश में सरकार के प्रति एक अविश्वास का वातावरण था। देश के विभिन्न क्षेत्र में अलगाववाद, उग्रवाद और आतंकवाद सिर चढ़कर बोल रहा था। अराजकता अपनी पराकाष्ठा की ओर थी। भ्रष्टाचार संस्थागत रूप ले चुका था। गरीबी हटाओ के दशकों से नारे तो लग रहे थे, लेकिन उन्मूलन के लिए कोई ठोस प्रयास 35-40 वर्षों में नहीं दिखे। लेकिन प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी ने जो कहा सो करके दिखाया। एक-एक योजना व्यक्ति, समाज और राष्ट्रीय जीवन में आत्मनिर्भरता का कारक बनी है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि विगत 08 वर्षों के दौरान सेवा, सुरक्षा, सुशासन और गरीब कल्याण के क्षेत्र में अभूतपूर्व उपलब्धियां हासिल हुई हैं। इन्फ्रास्ट्रक्चर के इतने प्रोजेक्ट, अन्नदाता की आय दोगुनी करने के प्रयास, युवाओं को रोजगार से जोड़ने के प्रयासों ने भारत की तस्वीर बदली है। इन 08 वर्षों के दौरान भारत आत्मनिर्भरता की राह पर तेजी से आगे बढ़ा है। देशवासियों के आत्मविश्वास में बढ़ोत्तरी हुई है। प्रत्येक क्षेत्र में बुनियादी सुविधाएं बढ़ी हैं। जरूरतमन्दों तक बिना भेदभाव विकास और कल्याणकारी योजनाओं का लाभ पहुंचा है। किसानों और गरीबों की आय में वृद्धि हुई है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि अन्तिम पायदान पर खड़ा व्यक्ति विभिन्न शासकीय योजनाओं का लाभ पाकर स्वावलम्बन और आत्मसम्मान के साथ आगे बढ़ रहा है। मातृ शक्ति सम्मान, सुरक्षा और स्वावलम्बन के साथ समाज और राष्ट्र के विकास में सहभागी बन रही है। ‘मेक इन इण्डिया’, डिजिटल इण्डिया, स्टार्ट-अप इण्डिया, स्टैण्ड-अप इण्डिया, बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ जैसे अभियान नए भारत के निर्माण में मील का पत्थर साबित हो रहे हैं। हमारा युवा नये भारत और नये उत्तर प्रदेश के निर्माण में नये आत्मविश्वास के साथ योगदान दे रहा है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि ‘जैम ट्रिनिटी’ अर्थात जन-धन, आधार और मोबाइल के तिहरे संयोजन के जरिये प्रधानमंत्री जी ने भ्रष्टाचार के तंत्र को समाप्त कर प्रत्येक देशवासी तक सरकारी योजनाओं का सीधा लाभ पहुंचाकर अपनी दूरदर्शिता का परिचय दिया। कोरोना कालखण्ड में तकनीक के सदुपयोग से डी0बी0टी0 के माध्यम से जरूरतमन्दों तक सीधी मदद पहुंचाई गई।

मुख्यमंत्री ने कहा कि पिछली सरकारों ने कभी गरीबों को अपना सिर ढकने के लिए आवास देने के बारे में नहीं सोचा। प्रधानमंत्री जी ने प्रधानमंत्री आवास योजना (शहरी) में 01 करोड़ 22 लाख 70 हजार आवास स्वीकृत कर दिए। इस योजना प्रदेश में 17.54 लाख आवास स्वीकृत किये गए। प्रधानमंत्री आवास योजना (ग्रामीण) में देश में 2.55 करोड़ घरों का निर्माण हुआ। इस योजना के अन्तर्गत प्रदेश में प्रधानमंत्री आवास योजना (ग्रामीण) के अन्तर्गत 26.16 लाख आवास मिला। कोल, मुसहर, वनटांगिया आदि वंचित समाज के लिए हमने मुख्यमंत्री आवास योजना (ग्रामीण) शुरू की और अब तक 01 लाख 08 हजार 652 परिवारों को आवास देने में सफलता पाई है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि स्वच्छ भारत मिशन न केवल स्वच्छता बल्कि नारी गरिमा का प्रतीक भी बना। स्वच्छ भारत मिशन (शहरी) में देश में 66.9 लाख व्यक्तिगत घरेलू शौचालय तथा 6.42 लाख सामुदायिक एवं सार्वजनिक शौचालयों का निर्माण किया गया। उत्तर प्रदेश में इसी दौरान नगरीय क्षेत्र में लगभग 09 लाख व्यक्तिगत शौचालय तथा 69 हजार सामुदायिक शौचालय का निर्माण हुआ। स्वच्छ भारत मिशन (ग्रामीण) में देश में 11 करोड़ से अधिक व्यक्तिगत घरेलू शौचालय बने तथा 02 लाख 03 हजार 970 सामुदायिक स्वच्छता परिसरों का निर्माण हुआ। अमृत योजना प्रदेश की 60 नगरीय निकायों में लागू की गई है। इस योजना में हमने अब तक पेयजल की 121, सीवरेज व सेप्टेज की 59 तथा हरित क्षेत्र की 260 परियोजनाएं पूरी की हैं।

मुख्यमंत्री ने कहा कि वर्ष 2024 तक देश के हर घर में नल से जल उपलब्ध कराने के लिए अगस्त, 2019 में जल जीवन मिशन का शुभारम्भ किया गया। राज्य सरकार विन्ध्य और बुन्देलखण्ड क्षेत्र के 09 जनपदों के सभी राजस्व ग्रामों में पेयजल दिसम्बर, 2022 तक उपलब्ध करा देगी। द्वितीय चरण के 66 जनपदों के 33 हजार से अधिक राजस्व ग्रामों में योजना को लागू किया जा रहा है। 03 करोड़ लोगों के पास बिजली कनेक्शन नहीं था। हमने प्रदेश में सौभाग्य योजना के माध्यम से 1.41 करोड़ निःशुल्क विद्युत कनेक्शन दिए।

मुख्यमंत्री ने कहा कि समृद्ध किसान ही समृद्ध भारत के सपने को पूरा कर सकता है। देश में प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना से 11.78 करोड़ किसान लाभान्वित हो रहे हैं। इस योजना के तहत प्रदेश में अब तक 2.55 करोड़ किसानों को 47397.48 करोड़ रुपये का लाभ मिल चुका है। जो धरती माता हमें अन्न उपलब्ध कराती है, उसके स्वास्थ्य के लिए कभी कोई प्रयास नहीं किया गया। प्रधानमंत्री जी द्वारा देश में 23 करोड़ स्वायल हेल्थ कार्ड उपलब्ध कराए गए। उत्तर प्रदेश में 03 करोड़ 76 लाख मृदा कार्ड जारी किए गए। 05 वर्षों में हमने गेहूं की खरीद कर अन्नदाता को 40,159 करोड़ रुपए का भुगतान किया, जबकि इन्हीं 05 वर्षों में किसानों से 280.09 लाख मीट्रिक टन धान क्रय कर 50,420 करोड़ रुपए का भुगतान किया।

मुख्यमंत्री ने कहा कि देश में किसान क्रेडिट कार्ड के लिए 03 करोड़ से अधिक नए आवेदन स्वीकृत हुए। उत्तर प्रदेश में 1.91 करोड़ किसान लाभान्वित हुए। प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना में पिछले 06 वर्षों के अंदर 10.25 करोड़ से अधिक आवेदकों के 1.2 लाख करोड़ रुपये से अधिक दावे उपलब्ध हुए हैं। उत्तर प्रदेश में2.46 करोड़ बीमित किसानों को 03 हजार करोड़ रुपये की क्षतिपूर्ति का भुगतान हुआ है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि पहली बार स्वामित्व योजना के माध्यम से ग्राम सभा की खुली बैठक के माध्यम से बिना किसी विवाद के देश के 29 हजार से अधिक गांवों में 36 लाख लोगों को मालिकाना दस्तावेज जारी किया गया। उत्तर प्रदेश में अब तक 15,940 ग्रामों में 23 लाख 47 हजार 243 ग्रामीण आवासीय अभिलेख (घरौनी) का वितरण सम्बन्धित स्वामियों को किया गया है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि सामूहिकता और प्रबन्धन का महत्व हम सबने कोरोना के दौरान देखा। वर्ष 2014 के पहले लोग दवा के लिए भटकते थे। दवाओं का अभाव था। आबादी के अनुपात में जितने चिकित्सक चाहिए थे, नहीं थे। हम आभारी हैं प्रधानमंत्री मोदी जी के, जिन्होंने दुनिया की सबसे बड़ी स्वास्थ्य बीमा कवर की योजना शुरू की। देश के 10.74 करोड़ गरीब परिवारों को प्रतिवर्ष 05 लाख रुपये तक स्वास्थ्य बीमा कवर दिया गया।

03 करोड़ 28 लाख से अधिक लोगों का मुफ्त इलाज हुआ है। उत्तर प्रदेश में आयुष्मान भारत योजना के अन्तर्गत 1.78 करोड़ गरीब परिवारों को लाभान्वित किए जाने का लक्ष्य है। वंचित परिवारों के लिए शुरू मुख्यमंत्री जन आरोग्य योजना से अब तक 8.43 लाख परिवार लाभान्वित हो चुके हैं। योजना का दायरा बढ़ाते हुए अन्त्योदय कार्डधारकों तथा श्रमिकों को भी इस योजना से जोड़ा है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि देश में एम्स और मेडिकल कॉलेज की स्थिति अगर आप देखेंगे तो वर्ष 2014 में 07 एम्स थे, जिनकी संख्या वर्ष 2022 में बढ़कर 22 हो गयी। वर्ष 2014 में 387 मेडिकल कॉलेज थे, आज वर्ष 2022 में 596 मेडिकल कॉलेज हो गए हैं। इसी प्रकार, उत्तर प्रदेश में वर्ष 1947 से वर्ष 2017 से पूर्व, प्रदेश में केवल 12 सरकारी मेडिकल कॉलेज बने थे। वर्ष 2017 के पश्चात् अब हम 33 मेडिकल कॉलेजों की स्थापना कर रहे हैं। गोरखपुर व रायबरेली में एम्स भी संचालित हैं।

मुख्यमंत्री ने कहा कि देश में कोविड टीके की 190 करोड़ से अधिक खुराक दी गयी हैं। प्रदेश में अब तक कोविड टीके की 32 करोड़ 70 लाख से अधिक खुराकें दी गई हैं। जब पहली बार कोरोना आया था तब राज्य में एक भी आर0टी0पी0सी0आर0 लैब नहीं थी। आज प्रदेश में 209 आर0टी0पी0सी0आर0 लैब संचालित हैं। वर्तमान में प्रदेश में प्रतिदिन 04 लाख कोरोना टेस्ट करने की क्षमता तथा 1.61 लाख बेड कोविड उपचार हेतु उपलब्ध हैं। मिशन इंद्रधनुष के अन्तर्गत देश में अब तक 4.31 करोड़ बच्चों तथा 1.08 करोड़ गर्भवती महिलाओं का टीकाकरण हुआ है। प्रदेश में सघन मिशन इन्द्रधनुष 4.0 के प्रथम एवं द्वितीय चरण में कुल 25 लाख 80 हजार 874 बच्चों एवं 07 लाख 708 गर्भवती महिलाओं का टीकाकरण किया गया।

मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री जी द्वारा कोरोना काल में 80 करोड़ भारतीयों के लिए खाद्य सुरक्षा सुनिश्चित की गयी। 15 करोड़ प्रदेशवासियों को प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना में निःशुल्क राशन के साथ-साथ प्रदेश सरकार द्वारा भी मुफ्त राशन दिया जा रहा है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि केन्द्र सरकार द्वारा दिव्यांगजन के लिए सरकारी नौकरियों और उच्च शिक्षा में आरक्षण क्रमशः 03 प्रतिशत से बढ़ाकर 04 प्रतिशत तथा 03 प्रतिशत से बढ़ाकर 05 प्रतिशत किया गया। प्रदेश में वृद्धावस्था पेंशन योजना के अन्तर्गत प्रत्येक लाभार्थी की पेंशन राशि को बढ़ाकर, 01 हजार रुपये प्रतिमाह की दर से लगभग 56 लाख वृद्धजनों को पेंशन प्रदान की जा रही है।

निराश्रित महिला पेंशन योजना के अन्तर्गत पात्र लाभार्थियों की देय पेंशन की धनराशि को बढ़ाकर 1,000 रुपये प्रतिमाह कर दिया गया है। वित्तीय वर्ष 2021-22 में इस योजना के अन्तर्गत कुल 31 लाख महिलाओं को लाभान्वित किया गया है। दिव्यांग पेंशन योजना की धनराशि, जो वर्ष 2017 के पूर्व मात्र 300 रुपये प्रतिमाह प्रति व्यक्ति थी, उसे बढ़ाकर 1,000 रुपये प्रतिमाह कर दिया गया है। प्रदेश के 11 लाख से अधिक दिव्यांगजन इससे लाभान्वित हो रहे हैं।

मुख्यमंत्री ने कहा कि पीएम स्वनिधि योजना के अन्तर्गत देश में अब तक 31 लाख 90 हजार रेहड़ी-पटरी वालों को ऋण प्राप्त हुआ। प्रदेश में प्रधानमंत्री स्वनिधि योजना के 8.28 लाख लाभार्थी को इसका लाभ मिला है। प्रधानमंत्री जन-धन योजना के तहत उत्तर प्रदेश, देश में प्रथम स्थान पर है। इस योजना के माध्यम से प्रदेश में 07 करोड़ 90 लाख बैंक खाते खोले गए हैं। विगत 05 वर्षों में इस योजना के तहत खोले गए खातों की संख्या में 03 करोड़ 43 लाख की वृद्धि हुई है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि नए भारत के लिए सशक्त नारी के उद्देश्य से नारी गरिमा सुनिश्चित करने के लिए प्रधानमंत्री जी द्वारा स्वच्छ भारत मिशन के अन्तर्गत11.5 करोड़ शौचालय निर्मित कराए गए। तीन तलाक को गैर कानूनी किया। प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना के अन्तर्गत 09 करोड़ से अधिक उज्ज्वला एल0पी0जी0 कनेक्शनों से महिलाओं को धुएं से मुक्ति मिली। प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना के माध्यम से प्रदेश में 1.67 करोड़ निःशुल्क गैस कनेक्शन प्रदान किए गए। राज्य सरकार प्रदेश में प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना के सभी लाभार्थियों को वर्ष में 02 निःशुल्क एल0पी0जी0 सिलेण्डर प्रदान करेगी। इसके लिए बजट में प्राविधान किया गया है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना के तहत 2.7 करोड़ लाभार्थी महिलाओं को 10 हजार 793 करोड़ रुपये से अधिक सहायता राशि वितरित की गई। प्रदेश में अब तक 49.71 लाख महिला पात्र लाभार्थियों को इस योजना के अन्तर्गत 1972.14 करोड़ रुपये का लाभ दिया गया है। प्रदेश में महिलाओं एवं बालिकाओं की सुरक्षा, सम्मान व स्वावलम्बन हेतु प्रारम्भ किए गए ‘मिशन शक्ति’ चलाया जा रहा है। सभी वर्गों के गरीब परिवारों की कन्याओं की शादी हेतु संचालित ‘मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना’ के अन्तर्गत अब तक 01 लाख 74 हजार 326 जोड़ों तथा श्रमिकों की कन्याओं के विवाह के लिए संचालित ‘कन्या विवाह अनुदान योजना’ के तहत लगभग 94 हजार कन्याओं का विवाह सम्पन्न कराया गया है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारी युवा ऊर्जा और प्रतिभा को कैसे बेहतर मंच दिया जाए, प्रधानमंत्री जी ने इस दिशा में भी प्रभावी प्रयास किए हैं। 34 साल बाद देश अपनी राष्ट्रीय शिक्षा नीति लागू कर पाया। कोविड के बीच देश ने बिना रुके बिना थके अपनी शिक्षा नीति जारी की। वर्ष 2014 में देश में आई0आई0टी0 की संख्या 16 थी, जो वर्ष 2022 में बढ़कर 23 हो गई। वर्ष 2014 में संचालित 09 ट्रिपल आई0टी0 के सापेक्ष वर्ष 2022 में 25 ट्रिपल आई0टी0 का संचालन हो रहा है। इसी अवधि में आई0आई0एम0 की संख्या 13 से बढ़कर 20 तथा एम्स की संख्या 07 से बढ़कर 22 हो गई। वर्ष 2013-14 में 723 विश्वविद्यालयों की तुलना में वर्ष 2019-20 में विश्वविद्यालयों की संख्या 1043 हो गई। यह उच्च शिक्षा, प्रबंधन, स्वास्थ्य क्षेत्र में परिवर्तन के प्रतीक हैं।

मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारा युवा कोविड जैसी विपरीत परिस्थितियों में भी अपनी प्रतिभा का प्रदर्शन कर सके, इसके लिए राज्य सरकार द्वारा अब तक लगभग 12 लाख 50 हजार टैबलेट/स्मार्ट फोन वितरण हेतु जनपदों को उपलब्ध कराए जा चुके तथा वितरित किए जा रहे हैं। आगामी 05 वर्षों में कुल 02 करोड़ स्मार्ट फोन/टैबलेट वितरित किए जाने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। प्रदेश सरकार द्वारा 05 लाख नौजवानों का योग्यता के आधार पर पारदर्शी रीति से चयन कर सरकारी नौकरियों मे नियुक्ति प्रदान की गई है। 01 करोड़ 61 लाख को निजी क्षेत्र में रोजगार प्राप्त हुआ है। 60 लाख युवा स्वरोजगार से जोड़े गए हैं।

मुख्यमंत्री ने कहा कि खेलो इण्डिया और फिट इण्डिया, एक जनपद एक खेल योजना के अन्तर्गत प्रदेश के 75 जनपदों में ‘खेलो इण्डिया सेण्टर’ की स्थापना किए जाने हेतु 525 लाख रुपये की व्यवस्था कराई गई है। राज्य सरकार द्वारा मेरठ में मेजर ध्यानचन्द खेल विश्वविद्यालय की स्थापना की जा रही है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री जी के नेतृत्व में भारत दुनिया में सबसे तेजी से उभरती एक प्रमुख अर्थव्यवस्था बन रहा है। 01 जुलाई, 2017 को लॉन्च जी0एस0टी0 ने पूरे भारत को एक बाजार में परिवर्तित कर दिया है। अप्रैल, 2022 में जी0एस0टी0 राजस्व संग्रह 1.68 लाख करोड़ रुपये करने में सफलता पाई है। उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश, देश की दूसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने की ओर अग्रसर है। इस उद्देश्य के साथ प्रदेश को 01 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था बनाने के लिए नियोजित प्रयास किए जा रहे हैं। प्रदेश में विगत 05 वर्षों में जी0एस0टी0 एवं वैट में कुल 03 लाख 80 हजार 138 करोड़ रुपये का राजस्व संग्रहीत हुआ। कोरोना काल की प्रतिकूल परिस्थितियों के बावजूद वर्ष 2021-22 में राजस्व संग्रह की वार्षिक वृद्धि दर 22.2 प्रतिशत रही।

मुख्यमंत्री ने कहा कि देश में एम0एस0एम0ई0 सेक्टर के सुधार के अन्तर्गत प्रधानमंत्री मुद्रा योजना के माध्यम से 18.60 लाख करोड़ रुपये के 34.43 करोड़ ऋण आवंटित हुए हैं। प्रदेश में अधिक से अधिक एम0एस0एम0ई0 उद्यमों की स्थापना के लिए प्रोत्साहनात्मक वातावरण सृजित किया गया है। एम0एस0एम0ई0 के अधिनियमों को परिवर्तित करके हमने 72 घण्टे में उद्योग स्थापित करने की अनुमति देकर 01 हजार दिनों तक विस्तृत प्रपत्र दाखिल करने की सुविधा दी है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि वित्तीय वर्ष 2021-22 में भारत का कुल निर्यात 676.2 अरब डॉलर के सर्वकालिक उच्च स्तर पर पहुंचा, जो पिछले वर्ष के मुकाबले 34.5 प्रतिशत अधिक है। प्रदेश से निर्यात में रिकॉर्ड बढ़ोत्तरी हुई है। पिछले 05 वर्षों में निर्यात 88 हजार करोड़ रुपये से बढ़कर 1.56 लाख करोड़ रुपये हो गया है।

सरकारी खरीद फरोख्त के लिए लागू जेम पोर्टल पर वर्ष 2021-22 के दौरान देश में 01 लाख करोड़ रुपये की वार्षिक खरीद की गई। विगत 05 वर्षों में प्रदेश ने जेम पोर्टल के माध्यम से 20 हजार 366 करोड़ रुपये का क्रय करते हुए देश में प्रथम स्थान प्राप्त किया है। इसके तहत वर्ष 2018 में प्रदेश को ‘बेस्ट बायर अवार्ड’, वर्ष 2019 में ‘सुपर बायर अवार्ड’ तथा वर्ष 2020 में ‘टॉप बायर अवार्ड’ से सम्मानित किया गया।

मुख्यमंत्री ने कहा कि भारत में 02 मई, 2022 को 100वां यूनिकॉन बना। स्टार्ट-अप इण्डिया के तहत 07 लाख से अधिक रोजगार का सृजन हुआ। 647 जिलों में स्टार्ट-अप को मान्यता दी गई। वर्ष 2017 में उत्तर प्रदेश आई0टी0 एवं स्टार्ट-अप नीति तथा वर्ष 2020 में उत्तर प्रदेश स्टार्ट-अप नीति लागू की गई। प्रदेश में स्टार्टअप्स को बढ़ावा देने के लिए 01 हजार करोड़ रुपये का स्टार्ट-अप फण्ड स्थापित किया गया है। प्रदेश में 5600 से अधिक पंजीकृत स्टार्टअप्स, 47 मान्यता प्राप्त इन्क्यूबेटर्स तथा 02 उत्कृष्टता केन्द्र (लखनऊ तथा कानपुर) में स्थापित किये गए हैं।

मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश की बेरोजगारी दर में उल्लेखनीय कमी आई है। सेण्टर फॉर मॉनीटरिंग इण्डियन इकोनॉमी (सी0एम0आई0ई0) के आकलन के अनुसार जून, 2016 में प्रदेश की बेरोजगारी दर 18 प्रतिशत थी, जो अप्रैल, 2022 में घटकर 2.9 प्रतिशत रह गई है। हमारी आकर्षक निवेश नीतियों के कारण कोरोना काल में ही 67,000 करोड़ रुपए के निवेश प्रस्ताव प्राप्त हुए।

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