
दिल्ली के पूर्व विधायक रामबीर शौकीन को झटका, सुप्रीम कोर्ट ने जमानत देने से किया इनकार
दिल्ली के पूर्व विधायक रामबीर शौकीन को सुप्रीम कोर्ट से झटका लगा है। उन्हें कोर्ट ने जमानत देने से इनकार कर दिया है। सुप्रीम कोर्ट ने शौकीन के इलाज के लिए जेल अथॉरिटी को उचित कदम उठाने को कहा है। दरअसल शौकीन ने इलाज के लिए जमानत की मांग की थी। उन्हें सबसे पहले साल 2018 में उत्तर प्रदेश पुलिस ने अपनी कस्टडी में रखा था। तभी वह दिल्ली के सफदरजंग अस्पताल से फरार हो गए। हालांकि बाद में उन्हें दिसंबर 2020 में दोबारा गिरफ्तार किया गया।
जानकारी के मुताबिक रामबीर शौकीन गैंगस्टर नीरज बवाना का करीबी साथ है। कुछ रिपोर्ट्स में बताया गया है कि वह गैंगस्टर का मामा लगता है। और उसके साथ मिलकर कथित तौर पर गैंग भी चलाया करता था। शौकीन साल 2013 में दिल्ली विधानसभा की मुंडका सीट से निर्दलीय उम्मीदवार के तौर पर निर्वाचित हुआ था।
बाद में यह पता चला कि वो चुनाव लड़ने के लिए आपराधिक गिरोह के प्रभाव का इस्तेमाल कर रहा है। इसके जरिए वो अपनी राजनीतिक महत्वकांशा को बढ़ाना चाहता था। और पैसा संबंधित लाभ भी प्राप्त करना चाह रहा था।
2015 में अपराधी करार किया गया
मीडिया रिपोर्ट्स में पुलिस के हवाले से बताया गया है। कि साल 2015 में रामबीर शौकीन को मकोका के एक मामले में अपराधी करार किया गया था। उसे इसके लिए 27 नवंबर, 2016 में गिरफ्तार भी किया गया। जांच के दौरान उसके पास से 9 एमएम की पिस्तौल और दो कारतूस मिले थे। 8 मार्च, 2017 को उसके खिलाफ आरोपपत्र भी दाखिल किया गया था। हालांकि 26 सितंबर, 2018 को वह दिल्ली के सफदरजंग अस्पताल से उत्तर प्रदेश पुलिस की हिरासत से भाग गया था। दो साल तक फरार रहने के बाद उसे 2020 में गिरफ्तार किया गया।
एक लाख का इनाम घोषित हुआ था
रामबीर शौकीन के फरार होने के बाद दिल्ली पुलिस ने उसपर एक लाख रुपये का इनाम घोषित किया था। लापरवाही को लेकर तीन पुलिसकर्मियों को सस्पेंड किया गया था। शौकीन को मामले की सुनवाई के लिए दिल्ली लाया गया था। तभी उसने तबीयत खराब होने की शिकायत की। फिर पुलिस इलाज के लिए उसे सफदरजंग अस्पताल लेकर गई। यहीं से वो पुलिस को चकमा देकर भाग गया।