यूपी-बिहार के लोग करने लगे पलायन
विधानसभा चुनाव के दौरान देश का पश्चिमी राज्य गुजरात पाटीदार समुदाय के रोष तले उत्पन्न हुए हिंसक आंदोलन से जूझता दिखाई दिया जब एक जाति बनाम अन्य जातियां का टकराव दिखा,जिससे देश के सबसे विकसित राज्य कहे जाने वाले गुजरात का सामाजिक तानाबाना बिगड़ता हुआ दिखा| चुनाव के बाद भाजपा ने फिर छठी बार सरकार बनाई जिसमें पाटीदार समाज से आने वाले नितिन पटेल को उप-मुख्यमंत्री पद दिया गया, जिसके बाद पाटीदार समाज का गुस्सा कुछ हद तक शांत हो गया और हार्दिक पटेल ,जिग्नेश मेवानी और अल्पेश ठाकोर की तिगड़ी द्वारा चल रहा जातीय आरक्षण आंदोलन ठंडा पड़ गया|
2017 का साल ऐसे ही सामाजिक भूचाल से गुज़रा और 2018 की शुरुआत से लेकर अब तक दलित,पाटीदार आदि जातियों के लोगों द्वारा आंदोलन हुए लेकिन लोकतान्त्रिक दायरे में जिससे दूसरे समाज के लोगों को तकलीफ नहीं हुई|
अब अक्टूबर महीने में जब गुजरात में नवरात्री का पावन पर्व शुरू होने वाला है तो वहां पिछले हफ्ते एक ऐसी घटना घटी है जिससे सामाजिक विध्वंस आरम्भ हो चुका है| साबरकांठा जिले में मात्र 14 माह की बच्ची से हुए रेप के मामले में जब आरोपी बिहार राज्य का निकला तो उत्तर प्रदेश -बिहार के लोगों के खिलाफ साबरकांठा से नफ़रत की आग गुजरात के अन्य हिस्सों में जा पहुंची| इस नफ़रत की आग में उत्तर भारतीयों को चिन्हित कर के मारा-पीटा जाने लगा जिनसे उनके अंदर खौफ पैदा हो चुका हैं और वह अपनी जान की सलामती के लिए गुजरात से पलायन करने को मजबूर हो चुके हैं|
दरअसल साबरकांठा जिले के हिम्मतनगर कस्बे में 14 माह की बच्ची से रेप हुआ और जिसका आरोप बिहार से आये मज़दूर रविंद्र साहू पर लगा और उसी दिन उसे गिरफ्तार भी कर लिया गया|आरोपी की गिरफ्तारी के एक दिन बाद ही गांधीनगर , साबरकांठा ,पाटन ,मेहसाना में गैर-गुजरातियों को निशाना बनाने का सिलसिला शुरू हो गया| आग में तेल का काम सोशल मीडिया ने किया गया जहाँ गैर -गुजरातियों के खिलाफ नफ़रत भरे सन्देश व वीडियो जारी किये गए जिससे समाज में उनके विरुद्ध द्वेष पैदा किया जा सके और उसी के कारण यह सब हिंसात्मक घटनाएं घटी| पुलिस ने मुस्दैती दिखाते हुए साबरकांठा में अपने दलों को आपराधिक स्थल हिम्मतनगर में तैनात कर डाला हैं जिसके बाद स्तिथि अभी नियंत्रित है| पुलिस की कार्यवाही में अब तक 150 से अधिक लोग गिरफ्तार किये जा चुके हैं|
इन सब घटनाओ के पीछे ठाकोर क्षत्रिय सेना का नाम सामने आ रहा हैं क्यूंकि पीड़िता बच्ची इसी समाज से ताल्लुक रखती है| इस संगठन के बड़े नेता है कांग्रेस विधायक अल्पेश ठाकोर| खुद के संगठन पर लगे आरोपो का जवाब देते हुए अल्पेश ने कहा कि यह सब उनके संगठन को बदनाम करने की साज़िश है और इन घटनाओ के पीछे उनका व उनके संगठन का कोई हाथ नहीं है| उन्होंने जनता के रोष को तो ठीक बताया लेकिन गैर-गुजरातियों के ऊपर हुए हमलों की निंदा नहीं की|
प्रधानमंत्री मोदी जो कि यूपी के बनारस से सांसद हैं और गुजरात के सीएम भी रह चुके है व्यक्तिगत तौर से एक धर्मसंकट में ही होंगे कि ऐसे वक़्त में जब 2019 का चुनावी रण नज़दीक है तो वह कैसे गुजरात-यूपी में से एक राज्य का पक्ष ले सकते है ? सियासत को इससे क्या वह बस खामोश है ! क्योंकि सत्ता जो ज़रूरी है फिर समाज रहे या न रहे|