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Gauri Lankesh को एन्ना पोल्तिकोवस्काया पुरस्कार
बेंगलूरू। कार्यकर्ता और पत्रकार गौरी लंकेश (Gauri Lankesh) को इस साल मरणोपरांत ‘एन्ना पोल्तिकोवस्काया अवॉर्ड ’से सम्मानित किया जाएगा। यह पुरस्कार पाने वाली Gauri Lankesh पहली भारतीय होंगी। पिछले महीने बेंगलूरू में उनके घर के बाहर उनकी गोली मारकर हत्या कर दी गई थी।Gauri Lankesh के परिवार ने आज यह जानकारी दी।
यह पुरस्कार रूस की खोजी संवाददाता की याद में दिया जाता हैl जिनकी पिछले साल मॉस्को में हत्या कर दी गयी थी। Gauri Lankesh यह वार्षिक पुरस्कार पाकिस्तानी कार्यकर्ता गुलालई इस्माइल के साथ साझा करेंगी। गलालई पाकिस्तान में दक्षिणपंथी चरमपंथ से लड़ रही हैं।
यह पुरस्कार लंदन की संस्था ‘रॉ इन वॉर’ (रीच ऑल वूमन इन वॉर) द्वारा दिया जाता हैl Gauri Lankesh की मां इंदिरा, भाई इंद्रजीत और बहन कविता लंकेश ने बेंगलूरू में मीडिया को दिवंगत वरिष्ठ पत्रकार को यह पुरस्कार दिए जाने की जानकारी दी। कविता ने कहा, ‘‘आज हमें रूस से एक ईमेल प्राप्त हुआ है कि मेरी बहन को एन्ना पोल्तिकोवस्काया अवॉर्ड के लिए चुना गया है।
Gauri Lankesh यह पुरस्कार पाने वाली पहली भारतीय हैं।’’ उन्होंने ईमेल के हवाले से कहा, ‘‘एन्ना मेरी बहन की तरह ही कार्यकर्ता-पत्रकार थीं। सात अक्तूबर 2006 को उनकी हत्या कर दी गई थी, जब वह लिफ्ट में थी। पांच लोगों ने उन्हें जहर दे दिया था। Gauri Lankesh की हत्या रूस के तबके अशांत प्रांत चेचनिया में मनावाधिकारों के उल्लंघन खिलाफ बोलने और भ्रष्टाचार का पर्दाफाश करने के लिए की गई थी।
उन्होंने कहा, ‘‘उनके नाम पर यह पुरस्कार खासतौर पर महिलाओं को सम्मानित करने के लिए स्थापित किया गया हैl जो मानवीय गरिमा को कायम रखने के लिए काम करती हैंl विशेष रूप से महिलाओं एवं बच्चों के।’’ इंद्रजीत ने कहा, ‘‘मैंने अपनी बहन को खोया है। मैं सरकार से हत्यारों को पकड़ने की अपील करता हूं। मंशा का पता लगने से एमएम कुलबुर्गी, नरेंद्र डाभोलकर और गोविंद पानसरे (सभी तर्कवादी) की हत्या की गुत्थी सुलझ सकती है।’’
उनसे पूछा गया कि क्या वह कर्नाटक सरकार द्वारा बनाई गई 21 सदस्यीय विशेष जांच दल की तहकीकात से संतुष्ट हैं तो उन्होंने कहा कि वे हत्यारों के पकड़े जाने का इंतजार कर रहे हैं। कविता ने कहा, ‘‘हम हत्यारों का पता लगने तक नहीं कह सकते हैंl हम जांच से खुश हैंl लकिन जो काम वे कर रहे हैं उससे हम संतुष्ट हैं। Gauri Lankesh ‘गौरी लंकेश पत्रिके’ की संस्थापक संपादक थीl और सत्ताविरोधी आवाज के तौर पर जानी जाती थीं। पांच सितंबर को उनके घर के बाहर अज्ञात व्यक्तियों ने उनकी गोली मारकर हत्या कर दी थी।
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