ट्रिगर न्यूज

बैंक ग्राहकों को झटका: क्या हमारी बचत बैंक में सुरक्षित है?,

PMC बैंक के बाद अब लंबे समय से फंड जुटाने की किल्लत से जुझ रही Yes Bank पर अब रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया ने शिकंजा कस लिया है। इस बैंक के लिए आरबीआई की ओर से कुछ नियम लागू कर दिए गए हैं। आरबीआई के फैसले में कहा गया है कि ग्राहक 1 महीने तक सिर्फ 50 हजार रुपये ही अपने खाते से निकाल सकेंगे। इसके बाद AIMIM नेता और सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने ट्वीट कर इस मामले में नरेंद्र मोदी सरकार से सवाल पूछा है। ओवैसी ने कहा कि पहले PMC बैंक गया और अब कमर्शियल बैंक भी इस हालत में है।

इसके साथ ही यस बैंक मामले पर असदुद्दीन ओवैसी ने कहा कि पहले आईएलएफएस व दीवान जैसे नॉन बैंक देश की गिरती अर्थव्यवस्था के चपेट में आए। फिर पीएमसी जैसा एक बड़ा कॉर्पोरेटिव बैंक और फिर अब यस बैंक जैसा पहला कर्मिशियल बैंक बर्बादी के कगार पर आ गया है। इसके साथ ही असदुद्दीन ओवैसी ने सवाल पूछा कि क्या हमारी बचत बैंक में सुरक्षित है?

RBI ने येस बैंक पर रोक लगाते हुए उसके निदेशक मंडल को किया भंग-

भारतीय रिजर्व बैंक ने बृहस्पतिवार को नकदी संकट से जूझ रहे निजी क्षेत्र के येस बैंक पर रोक लगाते हुए उसके निदेशक मंडल को भंग कर दिया है। इसके अलावा बैंक के जमाकर्ताओं के लिए 50,000 रुपये की निकासी की सीमा तय की है। बैंक के लिए एक प्रशासक की भी नियुक्ति की गई है।

रिजर्व बैंक ने सरकार के साथ विचार विमर्श के बाद जमाकर्ताओं के हितों के संरक्षण के लिए यह कदम उठाया है। रिजर्व बैंक ने येस बैंक के निदेशक मंडल को भी भंग कर दिया है। इसके साथ ही निदेशक मंडल पिछले छह माह से बैंक के लिए जरूरी पूंजी जुटाने में विफल रहा। भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) के पूर्व मुख्य वित्त अधिकारी (सीएफओ) प्रशांत कुमार को येस बैंक का प्रशासक नियुक्त किया गया है।

रिजर्व बैंक ने देर शाम जारी बयान में कहा, ‘‘केंद्रीय बैंक इस निष्कर्ष पर पहुंचा है कि विश्वसनीय पुनरोद्धार योजना के अभाव, सार्वजनिक हित और बैंक के जमाकर्ताओं के हित में उसके सामने बैंकिंग नियमन कानून, 1949 की धारा 45 के तहत रोक लगाने के अलावा अन्य कोई विकल्प नहीं है।

इसने साथ में येस बैंक के जमाकर्ताओं को यह आश्वासन भी दिया कि उनके हितों की पूरी तरह रक्षा की जाएगी और उन्हें घबराने की कोई जरूरत नहीं है। बयान में कहा गया है कि बैंक के प्रबंधन ने इस बात का संकेत दिया था कि वह विभिन्न निवेशकों से बात कर रहा है और इसमें सफलता मिलने की उम्मीद है।

 

एसबीआई बोर्ड ने येस बैंक में निवेश को ‘सैद्धांतिक’ स्वीकृति दी-

बता दें कि एसबीआई बोर्ड ने नकदी संकट से जूझ रहे येस बैंक में निवेश के लिए ‘सैद्धांतिक’ स्वीकृति दे दी है। भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) के केंद्रीय बोर्ड ने गुरुवार को एक बैठक में मामले पर चर्चा की। देर शाम, एसबीआई बोर्ड ने शेयर बाजारों को सूचित किया, ‘‘येस बैंक से संबंधित मामले पर गुरुवार को बैंक के केंद्रीय बोर्ड की बैठक में चर्चा की गई और बोर्ड ने बैंक में निवेश अवसर तलाशने के लिए सैद्धांतिक रूप से मंजूरी दे दी है।’’

यह घोषणा तब की गई जब इससे कुछ घंटे पहले भारतीय रिजर्व बैंक ने येस बैंक पर पाबंदियां लगा दीं और एक महीने के लिए जमाकर्ताओं के वास्ते निकासी सीमा 50 हजार रुपये तय कर दी तथा इसके बोर्ड को भंग कर दिया। खबरों के अनुसार सरकार ने एसबीआई और एलआईसी दोनों से येस बैंक में सामूहिक रूप से 49 प्रतिशत शेयर हासिल करने को कहा है।

वित्त मंत्री ने दिया यस बैंक के ग्राहकों भरोसा-

यह ताजा मामला यस बैंक का है, जो डूबने की कगार पर है और अब RBI उसपर फैसला लेगा। फिलहाल निकासी की सीमा 50000 रुपये तय की गई है। इस बीच वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने ग्राहकों को आश्वस्त किया है कि उनका पैसा किसी सूरत में नहीं डूबेगा। लेकिन पैसा डूबने की चिंता लाज़मी है।

राहुल गांधी ने कहा-

कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने सहित कई विपक्षी नेताओं ने यस बैंक मामले पर केंद्र सरकार को निशाने पर लिया है। राहुल गांधी ने ट्वीट कर कहा है, ”नो यस बैंक। मोदी और उनके आइडियाज ने भारत की अर्थव्यवस्था को तबाह कर दिया है।”

कांग्रेस नेता पी चिदंबरम ने कहा-

कांग्रेस नेता पी चिदंबरम ने इस मामले पर ट्वीट कर कहा, ”बीजेपी 6 साल से सत्ता में है, वित्तीय संस्थानों को नियंत्रित और विनियमित करने की उनकी क्षमता उजागर होती जा रही है। पहले पीएमसी बैंक, अब यस बैंक। क्या सरकार बिल्कुल भी चिंतित है? क्या वो अपनी जिम्मेदारी से बच सकती है? क्या लाइन में कोई तीसरा बैंक है?”

कुछ सालों में कई बैंक डूबे हैं

बैंक के ग्राहक परेशान हैं और देशभर में बैंक 18000 से ज्यादा ATMs में ज्यादातर के बाहर लाइन लगी हुई है। लेकिन ग्राहकों में फैला डर यूं ही नहीं है। कुछ सालों में कई बैंक डूबे हैं और साथ में ग्राहकों की मेहनत की कमाई। आपको बताएंगे कि आपका कुछ पैसा सुरक्षित है, लेकिन उससे पहले जान लीजिए हाल के वर्षों में कौन-कौन से बैंक डूबे हैं।

हर ग्राहक के मन में यह सवाल आता है कि बैंक डिफॉल्ट करता है तो क्या होगा-

बैंक के अचानक डूबने की खबर आने से बैंक के ग्रहकों अपने पैसे को लेकर बहुत सारे सवाल उठने लगते हैं । जैसे हमारे पैसे का क्या होगा या पैसे मिलेंगे कि नहीं? जबकि DICGC यानी डिपॉजिट इंश्योरेंस एंड क्रेडिट गारंटी कॉरपोरेशन की ओर से यह तय किया गया है कि- ग्राहकों के 1 लाख रुपये की सुरक्षा की गारंटी मिलती है। यह नियम बैंक के सभी ब्रांच पर लागू होता है।

नियम के अनुसार अगर कुल जमा राशि 4 लाख है तो मिलेंगे केवल 1 लाख रुपये

इसमें मूलधन और ब्‍याज (Principal and Interest) दोनों को शामिल किया जाता है। मतलब साफ है कि अगर दोनों जोड़कर 1 लाख से ज्यादा है तो सिर्फ 1 लाख ही सुरक्षित माना जाएगा। अगर आसान भाषा में समझें तो किसी बैंक में आपकी कुल जमा राशि 4 लाख है तो बैंक के डिफॉल्ट करने पर आपके सिर्फ 1 लाख रुपये ही सुरक्षित माने जाएंगे। बाकी आपको मिलने की गारंटी नहीं होगी।

राज्‍यों से जुड़ी हर खबर और देश-दुनिया की ताजा खबरें पढ़ने के लिए नार्थ इंडिया स्टेट्समैन से जुड़े। साथ ही लेटेस्‍ट हि‍न्‍दी खबर से जुड़ी जानकारी के लि‍ये हमारा ऐप को डाउनलोड करें।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

This site uses Akismet to reduce spam. Learn how your comment data is processed.

Back to top button

sbobet

https://www.baberuthofpalatka.com/

Power of Ninja

Power of Ninja

Mental Slot

Mental Slot