
नयी दिल्ली – केंद्रीय कृषि कानूनों के खिलाफ पिछले सात महीने से किसानों का आंदोलन जारी है। किसान संगठनों की मांग है। कि केंद्र की मोदी सरकार तीनों कानूनों को वापस लें और न्यूनतम समर्थन मूल्य (कानून) बनाएं। इसी बीच भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत ने बड़ा बयान दिया है।
किसान नेता ने कहा कि मैंने कृषि कानूनों को संयुक्त राष्ट्र (यूएन) ले जाने की बात नहीं कही है। राकेश टिकैत ने कहा कि मैंने ये नहीं कहा था। कि कृषि क़ानूनों को लेकर संयुक्त राष्ट्र जाएंगे। हमने कहा था कि 26 जनवरी के घटना की निष्पक्ष जांच हो जाए। अगर यहां की एजेंसी जांच नहीं कर रही है। तो क्या हम UN में जाएं।
उन्होंने कहा कि भारत सरकार बातचीत करना चाहती है। तो हम तैयार हैं। 22 तारीख से हमारा दिल्ली जाने का कार्यक्रम रहेगा। 22 जुलाई से संसद सत्र शुरू होगा। 22 जुलाई से हमारे 200 लोग संसद के पास धरना देने जाएंगे।