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ड्रग ट्रैफिकिंग के मामलों में जीरो टॉलरेंस की नीति अपनाई जाए – मुख्यमंत्री

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में आज यहां उनके सरकारी आवास पर एनकॉर्ड राज्य स्तरीय समिति की बैठक सम्पन्न हुई। बैठक में भारत सरकार व राज्य सरकार के विभिन्न विभागों के अधिकारी सम्मिलित हुए।

मुख्यमंत्री ने कहा कि मादक पदार्थों की तस्करी की समस्या किसी एक राज्य की समस्या नहीं है, बल्कि एक व्यापक समस्या है और इससे निपटने के प्रयास भी एकीकृत होने चाहिए। प्रवर्तन से जुड़े सभी बल एकजुट होकर इस दिशा में कार्यवाही करें। हमें ड्रग्स के सोर्स की पड़ताल, उसके नेटवर्क की समाप्ति, दोषियों की गिरफ्तारी और नशा करने वालों के पुनर्वास के बहुआयामी प्रयास करने होंगे।

प्रदेश में मादक पदार्थों के अवैध निर्माण, खरीद-फरोख्त और ड्रग ट्रैफिकिंग के विरुद्ध अभियान को और तेज करने की आवश्यकता है। पुख्ता इण्टेलिजेंस के माध्यम से सूचनाएं एकत्र करें, बेहतर कार्ययोजना तैयार करें, फिर पूरी तैयारी के साथ बड़ी कार्रवाई करें। जो भी व्यक्ति ऐसे असामाजिक कार्यों में संलिप्त पाए जाएं, उनके खिलाफ कुर्की सहित कठोरतम कार्रवाई की जाए। ड्रग माफिया के पूरे नेटवर्क का खात्मा किया जाना आवश्यक है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि संवेदनशील जिलों में सतर्कता तथा इण्टेलिजेंस को और बेहतर करना होगा। अन्तर्राज्यीय व अन्तर्राष्ट्रीय सीमा पर चौकसी बढ़ाई जाए। गृह विभाग के साथ-साथ नगर विकास व ग्राम्य विकास विभाग को भी इस अभियान में सहयोग करना होगा। बेहतर समन्वय के साथ ड्रग माफिया के खिलाफ कठोरतम कार्रवाई सुनिश्चित की जाए।

नारकोटिक्स कण्ट्रोल ब्यूरो, भारत सरकार (एन0सी0बी0) द्वारा जनपद गोरखपुर में नया जोन मुख्यालय बनाए जाने का निर्णय लिया गया है। प्रदेश सरकार द्वारा मुख्यालय के भवन के लिए आवश्यक भूमि सहित अन्य संसाधनों की उपलब्धता कराई जाए। एन0सी0बी0 का यह प्रयास प्रदेश में नशे के अवैध कारोबार की समाप्ति में हमारा बड़ा सहयोगी होगा।

मुख्यमंत्री ने कहा कि ड्रग ट्रैफिकिंग के अवैध कारोबार में संलिप्त लोग समाज के दुश्मन हैं। वे मानवता के अपराधी हैं। ऐसे मामलों में जीरो टॉलरेंस की नीति अपनाई जाए। एन0डी0पी0एस0 के मामलों की सुनवाई फास्ट ट्रैक कोर्ट में की जानी जरूरी है, ताकि अपराधियों को शीघ्र सजा मिले। एन0डी0पी0एस0 अधिनियम के तहत सर्वाधिक लम्बित मुकदमों वाले जिलों में विशेष न्यायालय का गठन किया जाना चाहिए। इस सम्बन्ध में शासन स्तर से आवश्यक कार्यवाही की जाए।

प्रदेश में ड्रग ट्रैफिकिंग के विरुद्ध सुनियोजित और प्रभावी कार्यवाही के लिए विगत वर्ष अगस्त में महत्वपूर्ण कदम उठाते हुए राज्य सरकार द्वारा एण्टी नारकोटिक्स टास्क फोर्स (ए0एन0टी0एफ0) का गठन किया गया है। ए0एन0टी0एफ0 के पास सर्च, जब्ती, गिरफ्तारी, कुर्की, अभिरक्षा, विवेचना जैसे सभी जरूरी अधिकार हैं। यह हर्ष का विषय है कि ए0एन0टी0एफ0 प्रमुखों के राष्ट्रीय सम्मेलन में उत्तर प्रदेश की व्यवस्था को आदर्श मानकर इसे अन्य राज्यों के लिए अनुकरणीय माना गया। ए0एन0टी0एफ0 की आवश्यकता के अनुरूप सभी जरूरी संसाधन उपलब्ध कराए जाएं।

मुख्यमंत्री ने कहा कि ए0एन0टी0एफ0 में अवस्थापना सुविधाओं को विस्तार देते हुए वर्तमान में गोरखपुर, मेरठ और बाराबंकी में ए0एन0टी0एफ0 थाने स्थापित किए गए हैं। जबकि 05 ऑपरेशनल यूनिट क्रियाशील हैं। अगले चरण में झांसी, सहारनपुर और गाजीपुर में भी ए0एन0टी0एफ0 थाने क्रियाशील किए जाएं।

मादक पदार्थों के अवैध क्रय, विक्रय, उपयोग आदि पर प्रभावी लगाम लगाने के लिए राज्य सरकार के प्रयासों के अच्छे परिणाम देखने को मिल रहे हैं। वर्ष 2020 में 11,400 से अधिक अपराधियों की गिरफ्तारी हुई, जबकि वर्ष 2021 और 2022 में क्रमशः 11,749 और 11,595 लोगों की गिरफ्तारी हुई है। अकेले ए0एन0टी0एफ0 द्वारा 26 मामलों में 64 लोगों की गिरफ्तारी की जा चुकी है, जबकि 27 करोड़ 43 लाख रुपये के अवैध मादक पदार्थ जब्त किए गए हैं।

मुख्यमंत्री ने कहा कि मादक पदार्थों की तस्करी के खिलाफ प्रभावी कार्रवाई के लिए भारत सरकार के एनकॉर्ड पोर्टल और निदान प्लेटफॉर्म का समुचित उपयोग करना चाहिए। एण्टी नारकोटिक्स टास्क फोर्स को और मजबूत बनाया जाए, ताकि मादक पदार्थों के खिलाफ लड़ाई में निर्णायक कार्रवाई की जा सके।

भारत सरकार की मंशा के अनुरूप जिलास्तरीय और राज्यस्तरीय एनकॉर्ड समिति की बैठकें नियमित अन्तराल पर की जाएं। यह बैठक प्रत्येक दशा में हर माह होनी चाहिए। कतिपय जिलों में बैठक में देरी की सूचना है। प्रमुख सचिव गृह और स्पेशल डी0जी0 कानून-व्यवस्था द्वारा इन जिलों की समीक्षा की जाए।

मुख्यमंत्री जी ने कहा कि ड्रग्स के खिलाफ लड़ाई किसी एक सरकार की लड़ाई नहीं बल्कि, जन-जन की लड़ाई है। नशे के खिलाफ लड़ाई को जन आन्दोलन बनाना होगा। इस वर्ष पं0 दीनदयाल उपाध्याय की जयन्ती (25 सितम्बर) से महात्मा गांधी जयन्ती (02 अक्टूबर) तक नशा मुक्ति विषयक प्रदेशव्यापी जागरूकता कार्यक्रम आयोजित करने की तैयारी की जाए।

शिक्षण संस्थानों में नशा मुक्ति के लिए जागरूकता बढ़ाने के लिए और बेहतर कार्य किया जाना चाहिए। नशा छोड़ चुके लोगों के अनुभवों के वीडियो प्रसारित किए जाएं। उच्च शिक्षण संस्थानों में जागरूकता सामग्री का वितरण कराया जाए, कॉन्फ्रेंस के आयोजन भी होने चाहिए। अवकाश के दिनों में शिक्षकों का प्रशिक्षण भी कराया जाए।

मुख्यमंत्री ने कहा कि नशे के आदी लोगों को नशा मुक्ति की राह दिखाकर नया जीवन देते हुए उनके पुनर्वास की दिशा में वाराणसी में ‘अपना घर’ जैसी स्वयंसेवी/गैर-सरकारी संस्थाओं ने प्रेरक कार्य किया है। सभी जिलों में ऐसी गैर-सरकारी संस्थाओं, धार्मिक संस्थाओं को प्रोत्साहित किया जाना चाहिए। प्रथम चरण में सभी मण्डल मुख्यालयों पर ऐसे पुनर्वास केन्द्रों की स्थापना की तैयारी की जाए।

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