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UP Police Exam: जूते में छिपा कर ले गए ब्लूटूथ, जानें कहां कैसे होना था खेल, प्रदेश भर से 58 लोग हुए गिरफ्तार
लखनऊ। उत्तर प्रदेश भर्ती एवं प्रोन्नति बोर्ड द्वारा आयोजित आरक्षी पुलिस भर्ती की आफलाइन लिखित परीक्षा में अभ्यर्थियों से मोटी रकम लेकर पेपर आउट कराने का प्रयास कराने वाले, प्रलोभन देने वाले, साल्वर बैठाने व नकल करने वालों पर एसटीएफ ने कार्रवाई की है।
भर्ती परीक्षा के पहले दिन प्रदेश भऱ से 58 लोगों को गिरफ्तार किया गया है। अलग-अलग जगहों पर नए-नए तरीके से अभर्थियों को ठगने व नकल कराने की तैयारी थी। एसटीएफ व पुलिस की सक्रियता से प्रदेश में परीक्षा में गड़बड़ करने वालों को गिरफ्तार किया गया है। नकल कराने का प्रयास कराने वाले गिरोह के सदस्यों, ठगों, साल्वरो, एवं अभ्यर्थियों सहित 58 व्यक्तियों को एसटीएफ ने गिरफ्तार किया है।
फिल्मी स्टाइल में ब्लूटूथ से थी नकल की तैयारी
पेपर आउट कराने एवं नौकरी दिलाने का लालच देकर ठगी करने वाले गैंग के चार सदस्यों को गिरफ्तार किया गया है। गिरफ्तार आरोपी सरगना पंकज शर्मा ने पूछताछ में बताया कि पहले उसकी योजना ऑनलाइन परीक्षा में धांधली करने की थी, इसलिए इसने ऑनलाइन परीक्षा का पूरा सेटअप तैयार किया था, लेकिन जब परीक्षा ऑफ लाइन हो गई तो वह पेपर आउट कराने व परीक्षा पास कराने के नाम पर ठगी करने लगा।
शिवम व गौरव का काम अभ्यर्थियों से पैसे की बात करना था। इस एवज में प्रत्येक अभ्यर्थी से 10 लाख की बात तय करके 10000 रुपये एडवान्स ले लेते थे। बरामद डिवायस के बारे में बताया कि यह डिवायस जूते में छुपा कर ले जाते और परीक्षा केन्द्र के बाहर से बताकर ब्लूटूथ के माध्यम से पेपर साल्व कराते थे। परन्तु परीक्षा केन्द्रों में जेमर होने के कारण इसका उपयोग न हो सकता था। इस बीच यह पेपर लीक कराने के लिए कोशिष में थे कि पकड़े गये।
पेपर लीक करने वाले चार कानपुर से गिरफ्तार
परीक्षा में सेंध लगाकर पेपर लीक करने का प्रयास करने वाले व अभ्यर्थियों से धोखाधड़ी करने वाले चार अभियुक्तों को गिरफ्तार किया गया। एसटीएफ ने अजय अतिरेक कटियार, शिंटू उर्फ बीरपाल, अनिल कटियार उर्फ रामजी, नीरज कुमार को गिरफ्तार किया है। इनके पास से माइक्रोफोन इलेक्ट्रोनिक डिवाइस, कूट रचित मुहर, 4 एडमिट कार्ड पुलिस भर्ती परीक्षा, 6 विभिन्न बैंको के चेक, 14 शैक्षिक प्रमाण पत्र, 5 मोबाइल फोन, आधार कार्ड व ड्राइविंग लाइसेंस बरामद हुआ है।
ऐसे करते थे ठगी
गिरफ्तार अभियुक्त अजय अतिरेक कटियार ने पूछताछ में बताया कि वह अपने इसी निजी वाहन से धोखाधडी करते हुये पुलिस भर्ती के अभिर्थियो को परीक्षा से पूर्व ही पेपर पढ़वाने का लालच देता था। इसके लिए उनसे नकद रुपये सहित चेक व मूल शैक्षिक प्रमाण पत्र ले लेते थे।
ये बच्चों से कहते थे उन्हें परीक्षा शुरु होने से पहले पेपर पढवा दिया जाएगा। यह और इसके गैंग के लोग कूटरचित मुहर आदि के माध्यम से बच्चों पर प्रभाव बनाकर धमका कर उनसे धन उगाही करते थे। बरामद डिवायस के बारे में अजय ने बताया कि इस डिवाइस के माध्यम से वह परीक्षा में साल्वर को बैठाने की योजना पर भी काम कर रहा था।
प्रयागराज से छह गिरफ्तार
पुलिस आरक्षी प्रतियोगी परीक्षा में सेंध लगाकर पेपर लीक करने का प्रयास करने वाले व इसके नाम पर धोखाधड़ी करने वाले 06 आरोपी को जनपद प्रयागराज से गिरफ्तार किया गया। गिरफ्तार व्यक्तियों के नाम आशीष कुमार, अषोक कुमार, रोहित कुमार, कबीर, आषीष कुमार सरोज, गुलशन है। गिरफ्तार आरोपियों ने पूछताछ पर बताया कि इस गैंग से सरगना संदीप प्रजापति ने प्रति अभ्यर्थी 50,000 रुपये से 75,000 रुपये एडवांस लेकर पुलिस भर्ती के प्रश्न पत्रों की उत्तर पुस्तिका देने की बात कही थी। चयन होने के बाद 8,00,000 रुपये देना था। प्रश्न पत्र का इन्तेजाम इनके सरगना को करना था परन्तु पेपर आऊट होने से पहले ही इन लोगों को गिरफ्तार कर लिया गया।
गोरखपुर से साल्वर गिरफ्तार
गोरखपुर के इस्लामिया कालेज आफ कामर्स, बख्शीपुर, गोरखपुर से मूल अभ्यर्थी के स्थान पर परीक्षा दे रहे साल्वर
दुर्गेष यादव उर्फ अंकित यादव व अंजनी कुमार उर्फ मनीश कुमार सिंह को गिरफ्तार किया गया है। पूछताछ पर अंजनी कुमार उर्फ मनीष सिंह ने बताया कि वह सिंधियाघाट स्टेशन पर स्टेशन मास्टर हूं। प्रफुल व प्रफुल का भाई अन्नू से उसकी पहले से जान पहचान है। इन दोनों से इसकी बात सद्दाम से करायी।
सद्दाम ने इसको बताया कि इसको दुर्गेष यादव की जगह साल्वर बनके परीक्षा देना है। आकाश राव बायोमैट्रीक जो गेट पार कराती है उस कम्पनी का फील्ड मैनेजर है। आकाष दुर्गेष यादव परीक्षार्थी को सिक्योरिटी एजेन्सी का कार्ड बनाकर दिया था और परीक्षा केन्द्र के गेट में इसकी ड्यूटी लगा दी थी। मेरे आने पर दुर्गेष ने अपना अंगूठा लगाकर मुझे अन्दर जाने दिया। दुर्गेष यादव उर्फ अंकित ने पूछताछ पर बताया कि उसका रिश्तेदार संदीप यादव गोरखपुर का रहने वाला है। संदीप यादव ने उससे कहा कि वह साल्वर का इन्तेजाम कर देगा इस पर वह तैयार हो गया था।
कानपुर से यह भी हुए गिरफ्तार
अभ्यर्थियों से ठगी करने वाले दो आरोपियों को गिरफ्तार किया गया है। एसटीएफ ने नितिन सिंह तोमर व सार्थख यादव को गिरफ्तार किया है। गिरफ्तार अभियुक्त नितिन तोमर ने पूछताछ में बताया कि वह गाडी चलाने का काम करता है, इससे पहले एम्बुलेन्स चालक 102, 108 की नियुक्ति के नाम पर लोगो से ठगी की गयी थी।
उसी दौरान नितिन की मुलाकात 108 एम्बुलेन्स चलाने वाले हंसराज यादव से हुई थी। जिसने प्रतियोगी परीक्षाओ मे पेपर आऊट करने और साल्वर से परीक्षा प्रश्न हल कराने की बात हुई थी। हंसराज ने ही मुझे 42 अभ्यार्थियों के प्रवेश पत्र व्हट्सअप पर भेजे थे, जिनको पुलिस भर्ती परीक्षा में पास कराने की बात हुई थी, मैने सभी 42 प्रवेश सार्थक के मोबाईल व्हट्सअप पर भेज दिया था। हम दोनो ने मिलकर मन गढंत पेपर सेट कर लोगो को भेजने और रूपये ठगने का प्लान तैयार किया था।
गोतमबुद्ध नगर से तीन गिरफ्तार
पेपर आउट कराने के नाम पर धोखाधडी कर धन वसूलने वाले गैंग का पर्दाफाश कर गैंग के तीन आरोपियों को गिरफ्तार किया गया है। गिरफ्तार आरोपियों ने अपना नाम सुभाष, संजय फौजी व मनोज बताया। आरोपी सुभाश यादव ने बताया कि 2010 से प्राइमरी प्राथमिक विद्यालय अलीगढ में सहायक अध्यापक के पद पर कार्यरत है। 2017-18 में बेसिक शिक्षा अधिकारी, अलीगढ के कार्यालय में संम्बद्ध रहकर कार्य किया है और इसी दौरान उसकी जान पहचान जनपद बुलन्दशहर निवासी राजेश से हुई। जो अपने भतीजे के एडमिशन के सम्बन्ध में कार्यालय मे आता जाता था।
राजेश प्रतियोगी परीक्षाओं में धांधली करने वाले गैंग से जुड़ा हुआ था। आरोपी सुभाष यादव कुमरपाल के साथ मिलकर इस कार्य में संलिप्त हो गया। आरोपी सुभाष यादव ने पुलिस आरक्षी भर्ती परीक्षा में सम्मिलित होने वाले अभ्यार्थियों से स्वयं तथा अपने जानने वाले एजेन्टों के माध्यम से संपर्क साधना शुरू कर दिया और परीक्षा में भर्ती कराने के नाम पर प्रत्येक अभ्यर्थी से 12 से 15 लाख रूपया लिया जाता था।
इस प्रकार अभियुक्त सुभाष यादव धोखाधडी से अपने गैंग के माध्यम से 60 अभ्यार्थियों को इस कार्य के लिए तैयार कर रहा था। सुभाष यादव के इस अवैध कार्य में संजय फौजी उर्फ दीपक कुमार एवं मनोज कुमार, उपरोक्त भी शामिल हैं। संजय फौजी उर्फ दीपक कुमार, आरोपी सुभाष यादव परिचित है और विगत पांच वर्षों से विभिन्न प्रतियोगी परीक्षाओं में धांधली करने वाले गैंग के संपर्क में है। विभिन्न प्रतियोगी परीक्षाओं में अभ्यार्थियों से संपर्क करता रहता है और संजय फौजी ने ही मनोज कुमार का परिचय अभियुक्त सुभाष यादव से कराया था।