यूपी बजट सत्र 2024: आराधना मिश्रा ‘मोना’ का भाजपा पर हमला, इन मुद्दों को लेकर योगी सरकार को घेरा
लखनऊ। विधानसभा सत्र के दौरान शनिवार को बजट पर चर्चा करते हुए कांग्रेस विधानमंडल दल नेता, विधायक आराधना मिश्रा ‘मोना’ ने प्रदेश की योगी सरकार पर जमकर हमला बोला। आराधना मिश्रा ‘मोना’ ने सदन में इमरजेंसी व्यवस्था के तहत 24 घंटे पोस्टमार्टम की व्यवस्था लागू करने, पत्रकारों की निधि को बढ़ाने, बेटियों को स्कूटी, गरीबों को भोजन, विधवा पेंशन बढ़ाने, अन्य राज्यों की तरह गैस सिलेंडर के दाम घटानेतदर्थ शिक्षकों की सेवाएं समाप्त करने और उनकी सेवाएं बहाल करने की मांग के मुद्दे को उठाया।
उन्होंने भाजपा सरकार पर बजट खर्च नही कर पाने का आरोप लगाते हुए प्रदेश की योगी सरकार की नियत को ईमानदार करने की नसीहत देते हुए कहा इस बार 736443 करोड़ का बजट प्रस्तुत कर ऐतिहासिक होने का दावा किया है, वहीं पिछला बजट भी सप्लीमेंट्री मिलाकर 690000 करोड़ का था, बजट बढ़ा देना सफलता की निशानी नहीं होती उसके लिए सरकार की बजट खर्च करने की ईमानदार नियत भी होनी चाहिए, पिछले बजट में प्रदेश के विकास के लिए महत्वपूर्ण और जरूरी विभाग जिनमें प्रमुख रूप से सिंचाई, जलापूर्ति, सड़क, परिवहन, स्वास्थ्य जैसे विभाग शामिल हैं, जो आवंटित बजट का 40 प्रतिशत भी खर्च नही कर पाए तो इस बजट की संख्या बढ़ाने का क्या मतलब और फायदा होगा, जब पिछली योजनाओं में बजट खर्च नही कर पाए तो इस बार आकार बढ़ाने की क्या आवश्यकता आ गई।
उन्होंने आगे कहा कि बेटियों को स्कूटी देने का वादा किया था अभी तक जमीन पर नही उतर पाया, गरीबों को सस्ते दाम पर भोजन देने के लिए अन्नपूर्णा योजना की बात थी 2017 से आज तक नही शुरु हुई, विधवा पेंशन को 1000 से बढ़ाकर 1500 करने का वादा था इस बजट में भी कोई व्यवस्था नही, अन्य राज्यों की तरह गैस सिलेंडर के दाम घटाने की बातें हवा में ही रह गई, प्रदेश में महिला अपराध दिन पर दिन बढ़ते जा रहे हैं इस बजट में महिला सुरक्षा को लेकर भी कोई व्यवस्था नहीं की गई।
इसके अलावा भाजपा सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि बजट में प्रदेश की कृषि व्यवस्था को नजरअंदाज किया गया है। उत्तर प्रदेश कृषि प्रधान प्रदेश है , जहां पर अन्य प्रदेशों में कृषि के लिए 5.9 प्रतिशत बजट आमंत्रित किया जाता है वहीं सबसे बड़े प्रदेश उत्तर प्रदेश में मात्र 3.1 प्रतिशत बजट आवंटित किया गया है। साथ ही बिजली की मांग के समय भारी कमी से प्रदेशवासी जूझते हैं लेकिन प्रदेश सरकार ऊर्जा विभाग में विद्युत् उत्पादन के लिए कोई नई योजना लगाने को लेकर तैयार नहीं हुई , ना इस बजट में कोई व्यवस्था हुई।