
ट्रंप ने बदले भारत के लिए सुर… बोले- ‘मोदी मेरे हमेशा अच्छे दोस्त रहेंगे, भारत के साथ रिश्ते हमेशा खास’
न्यूयॉर्क/वॉशिंगटन: भारत और अमेरिका के बीच रूस से तेल आयात और टैरिफ को लेकर तनाव के बीच राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भारत के प्रति सकारात्मक रुख अपनाया है। उन्होंने कहा कि भारत का उनके साथ रिश्ता बेहद ही खास हैं और इसमें किसी तरह की कोई चिंता की जरूरत नहीं है। ट्रंप ने प्रधानमंत्री मोदी को ‘शानदार नेता’ बताते हुए कहा कि वह हमेशा हमारे दोस्त रहेंगे। हालांकि, उन्होंने भारत के रूस से तेल खरीदने के फैसले पर नाराजगी भी जताई। हाल ही में ट्रंप ने अपने सोशल मीडिया पर लिखा था कि ऐसा लगता है कि अमेरिका ने भारत और रूस को चीन के करीब जाने दिया।
‘कभी-कभी छोटी-मोटी बातें हो जाती हैं, लेकिन रिश्ते मजबूत’
शुक्रवार को व्हाइट हाउस में पत्रकारों से बातचीत के दौरान में ट्रंप ने कहा, “मैं हमेशा पीएम मोदी का दोस्त रहूंगा। वह एक बेहतरीन पीएम हैं। भारत और अमेरिका के बीच रिश्ते बहुत ही खास हैं। छोटी-मोटी बातें कभी-कभी हो जाती हैं, लेकिन इसमें चिंता की कोई जरूरत नहीं है।
यह बयान ऐसे समय में आया है जब दोनों देशों के बीच रिश्ते हाल के वर्षों में सबसे चुनौतीपूर्ण दौर से गुजर रहे हैं। ट्रंप ने भारत के रूस से तेल खरीदने पर असंतोष जताते हुए कहा, “मुझे इस बात से निराशा है कि भारत रूस से इतना तेल खरीद रहा है। मैंने इस बारे में भारत को स्पष्ट बता दिया है। हमने भारत के सामानों पर 50% टैरिफ लागू किया है।
ट्रंप ने साझा की थी मोदी, पुतिन और शी की तस्वीर
हाल ही में ट्रंप ने अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ट्रुथ सोशल पर लिखा, “ऐसा लगता है कि हमने भारत और रूस को चीन के करीब जाने दिया। उन्हें सुखद भविष्य मिले!” इस पोस्ट के साथ उन्होंने पीएम मोदी, रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन और चीन के शी जिनपिंग की एक पुरानी तस्वीर भी शेयर किया था। यह पोस्ट तब सामने आई जब शंघाई सहयोग संगठन (SCO) की तियानजिन में हुई बैठक में मोदी, पुतिन और शी की मुलाकात ने वैश्विक ध्यान खींचा था।
ट्रंप के सलाहकारों ने भी भारत पर साधा निशाना
ट्रंप प्रशासन के सलाहकार पीटर नवारो ने भी भारत की आलोचना की थी। उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर लिखा, “भारत की ऊंची टैरिफ नीतियां अमेरिकी नौकरियों को नुकसान पहुंचा रही हैं। रूस से तेल खरीदकर भारत मुनाफा कमा रहा है, जो रूस की युद्ध मशीन को और मजबूत करता है। इससे यूक्रेन और रूस में लोग मर रहे हैं और अमेरिकी करदाताओं पर बोझ बढ़ रहा है। भारत को यह सच स्वीकार करना चाहिए।” नेशनल इकोनॉमिक काउंसिल के निदेशक केविन हसेट ने भी कहा, “राष्ट्रपति और उनकी व्यापार टीम भारत के रूस से तेल खरीदने से निराश हैं। उम्मीद है कि यह मुद्दा कूटनीति से जल्द सुलझ जाएगा।
भारत ने टैरिफ को बताया ‘अनुचित और अन्यायपूर्ण’
अमेरिका ने भारत से आयात होने वाले सामानों पर 50% टैरिफ लगाया है, जिसमें से 25% टैरिफ रूस से तेल खरीद की सजा के तौर पर है। भारत ने इन टैरिफ को ‘अनुचित, अन्यायपूर्ण और अव्यवहारिक’ करार दिया है। भारतीय अधिकारियों का कहना है कि इससे 48.2 अरब डॉलर के निर्यात पर असर पड़ेगा, जिससे कपड़ा, आभूषण, चमड़ा, खाद्य और ऑटोमोबाइल जैसे क्षेत्र प्रभावित हो सकते हैं। हालांकि, दवाओं और इलेक्ट्रॉनिक्स जैसे कुछ क्षेत्रों को टैरिफ से छूट दी गई है। भारत ने रूस से तेल खरीद को अपनी 1.4 अरब आबादी की ऊर्जा जरूरतों के लिए जरूरी बताया है।
ट्रंप का व्यापार वार्ता पर सकारात्मक रवैया
ट्रंप प्रशासन के व्यापार और विनिर्माण मामलों के वरिष्ठ सलाहकार पीटर नवारो ने ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा कि भारत के उच्चतम शुल्क से अमेरिकी नौकरियों पर असर पड़ रहा है। नवारो ने कहा, “भारत रूस से तेल सिर्फ मुनाफा कमाने के लिए खरीदता है। इस मुनाफे से रूस की संघर्ष क्षमता को ताकत मिलती है। यूक्रेनी और रूसी लोग मारे जा रहे हैं। अमेरिकी करदाता इसकी कीमत चुका रहे हैं। भारत सच्चाई का सामना नहीं कर सकता, बस बहानेबाजी करता है।
भारत-अमेरिका रिश्तों का भविष्य क्या?
पिछले कुछ महीनों में भारत और अमेरिका के रिश्ते तनावपूर्ण रहे हैं, खासकर रूस से तेल खरीद को लेकर लगाए गए टैरिफ के बाद। फिर भी, ट्रंप का यह बयान कि वह मोदी के साथ दोस्ती बनाए रखेंगे और दोनों देशों के बीच खास रिश्ता है, उम्मीद की एक किरण देता है। विशेषज्ञों का कहना है कि कूटनीति और आपसी बातचीत से दोनों देशों को इस तनाव को कम करना होगा। भारत ने स्पष्ट किया है कि वह अपने राष्ट्रीय हितों और आर्थिक सुरक्षा के लिए जरूरी कदम उठाएगा। अब यह देखना बाकी है कि क्या दोनों देश आपसी समझ के साथ इस चुनौतीपूर्ण दौर को पार कर पाएंगे।