
पीड़ित महिलाओं के पक्ष में Triple Talaq बिल संसद में पेश
आॅल इण्डिया पर्सनल लॉ बोर्ड का कहना है कि शौहर जेल में होगा तो ख़र्च कौन देगा? जब Triple Talaq अवैध तो सज़ा क्यों? किसी तीसरे की शिकायत पर केस कैसे? जिसके साथ बच्चे का भला हो, महिला उसके साथ रहे।
वहीं इसके विपरीत ऑल इंडिया मुस्लिम वूमंस पर्सनल लॉ बोर्ड की शाइस्ता अंबर ने कहा, ‘यह ऐतिहासिक दिन है, कई सालों से महिलाएं इसे झेलती आ रही हैं और यह उनके धैर्य का ही पुरस्कार है। सभी सांसदों से मेरा अाग्रह है कि इस विधेयक को पारित करें।’
केंद्रीय मंत्रिमंडल ने बीते 15 दिसंबर को ‘मुस्लिम महिला विवाह अधिकार संरक्षण विधेयक’ को मंजूरी प्रदान की थी। गृहमंत्री राजनाथ सिंह की अध्यक्षता वाले अंतर-मंत्रालयी समूह ने विधेयक का मसौदा तैयार किया था।