एडीटोरियलट्रिगर न्यूज

पीड़ित महिलाओं के पक्ष में Triple Talaq बिल संसद में पेश

तलाक-ए-बिद्दत मुस्लिम समाज में लंबे समय से चली आ रही एक प्रथा है जिसमें कोई व्यक्ति अपनी पत्नी को एक बार में तीन तलाक बोलकर रिश्ता खत्म कर सकता है। इसको सायरा बानो नामक महिला ने सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी थी जिसपर कोर्ट ने अपने फैसले में इसे अवैध करार दिया था। उसी का एक नजारा नीचे देखिए!

मामला उत्तर प्रदेश रामपुर के अजीमनगर का है। पीड़िता गुल अफशां ने बताया कि उनका पति उनके साथ मारपीट भी करता था और सुबह जब वो देर से सोकर उठीं तो पति ने उन्हें तीन तलाक दे दिया।

भाजपा की मीनाक्षी लेखी ने तीन तलाक विधेयक पर अपना पक्ष रखते हुए कहा, जिस रफ्तार से ट्रिपल तलाक दिया जाता है उसे रोकने की जरुरत है। तलाक-ए-बिदद्त को रोकना ही इस विधेयक का मकसद है।

कुछ ही क्षण में महिला को सड़क पर खड़ा कर दिया जाता है। इस प्रथा से औरतों को बचाना होगा। उन्‍होंने आगे कहा, 1937 से पहले देश में कस्टमरी लॉ का पालन होता था। सती प्रथा के खिलाफ मौत की सजा का प्रावधान किया गया। तिहरे तलाक पर मुहर लगाने वालों के खिलाफ भी सजा का प्रावधान हो। जो समाज को गुमराह करते हैं उन्हें भी सजा मिले।      ……….जारी

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