विविध
Saudi Arab की कार्यकर्ता ने गाड़ी चलाने का लिया संकल्प
Saudi Arab (सऊदी अरब) के रूढ़ीवादी समाज में महिलाओं को गाड़ी चलाने का अधिकार दिलाने के लिए अभियान चलाने वाली एक मानवाधिकार कार्यकर्ता ने सिडनी से देश लौटने और कानूनी तौर पर गाड़ी चलाने वाली पहली महिला बनने का आज संकल्प लिया।
वर्ष 2011 में चरम पर पहुंचे ‘‘वुमेन2ड्राइव’’ विरोध आंदोलन के दौरान पूर्वी शहर खोबर के आस-पास अपनी कार चलाने का वीडियो यूट्यूब और फेसबुक पर पोस्ट करने के बाद मनाल अल-शरीफ (38) को नौ दिनों के लिये जेल भेजा गया था।
उन्होंने कहा कि इस सप्ताह शाह सलमान के ऐतिहासिक फैसले में महिलाओं को अगले महीने से गाड़ी चलाने की इजाजत मिल गयी हैl और इस खबर से उनकी आंखें भर आयीं। ‘द ऑस्ट्रेलियन’ अखबार को उन्होंने बताया, ‘‘जो खुशी मैं महसूस कर रही हूं, उसे मैं बयां नहीं कर सकती। यह वाकई में ऐतिहासिक दिन है।’’ उन्होंने कहा, ‘‘सच कहूं तो मैं रो पड़ी।
ऐसी अफवाहें थीं लेकिन आप उन पर यकीन करने की हिमाकत नहीं कर सकते थे। Saudi Arab (सऊदी अरब) दुनिया में एकमात्र ऐसा देश था जहां महिलाओं के गाड़ी चलाने पर पाबंदी थीl और इसे दुनिया में खाड़ी साम्राज्य में दमन के प्रतीक के तौर पर देखा जाता था।
उन्होंने कहा, ‘‘मैं वापस Saudi Arab (सऊदी अरब) जाने वाली हूं, मैं गाड़ी चलाने वाली हूं — वो भी कानूनी तौर पर!’’ महिला होकर गाड़ी चलाने के अपराध में जेल की सजा काटने के बाद अल-शरीफ ऑस्ट्रेलिया चली गयी थीं। उन्होंने कहा, ‘‘मेरी कार अब भी वहां है जिसे मैं चलाऊंगी। मैंने इसे किसी को देने से इनकार कर दिया था। मेरे परिवार ने इसे मेरे लिये रखा हुआ था।
लेकिन इस बार मैं कानूनी तौर पर इसे चलाऊंगी।
इससे पूर्व महिलाओं के गाड़ी ड्राइव करने पर प्रतिबन्ध था। गाड़ी चलाने की दृ्श्य वीडियोग्राफी के जरिये फेसबुक औ यू-ट्यूब पर लोड करने के बाद मनाल अल-शरीफ (38) को नौ दिनों के लिये जेल भेजा गया था। तबसे वे सिडनी चली गईं और वहीं रह रही थीं।
राज्यों से जुड़ी हर खबर और देश-दुनिया की ताजा खबरें पढ़ने के लिए नार्थ इंडिया स्टेट्समैन से जुड़े। साथ ही लेटेस्ट हिन्दी खबर से जुड़ी जानकारी के लिये हमारा ऐप को डाउनलोड करें।