चीन और म्यामां की यात्रा पर रवाना हुए प्रधानमंत्री मोदी
डोकलाम मुद्दे पर पिछले ढाई महीने से जारी गतिरोध समाप्त होने के बाद PM नरेन्द्र मोदी ब्रिक्स शिखर सम्मेलन में हिस्सा लेने आज चीन की यात्रा पर रवाना हो गये। वहां वे ब्रिक्स देशों के साथ वैश्विक आर्थिक स्थिति, वैश्विक आर्थिक प्रशासन, सुरक्षा, विकास के अलावा अतंरराष्ट्रीय एवं क्षेत्रीय मुद्दों पर चर्चा करेंगे और संबंधों को गति प्रदान करेंगे। PM नरेंद्र मोदी ने शनिवार को कहा था कि वह चीन में होने वाले आगामी ब्रिक्स शिखर सम्मेलन के दौरान रचनात्मक चर्चा और सकारात्मक नतीजे के प्रति उत्सुक हैं।
उन्होंने कहा कि इसे शांति और सुरक्षा को बरकरार रखने और वैश्चिक चुनौतियों का निवारण करने में महत्वपूर्ण योगदान देना है। प्रधानमंत्री ने एक वक्तव्य में कहा था, ‘मैं गोवा शिखर सम्मेलन के नतीजों के आधार पर आगे बढ़ने को उत्सुक हूं। मैं रचनात्मक चर्चा और सकारात्मक नतीजे के प्रति भी उत्सुक हूं जो चीन की अध्यक्षता में मजबूत ब्रिक्स भागीदारी के एजेंडा का समर्थन करेगा।’
बहरहाल, विदेश मंत्रालय के एक अधिकारी ने बताया कि प्रधानमंत्री 3 से 5 सितंबर तक चीन के दौरे पर जायेंगे। उनका फुजियान प्रांत के जियामिन में नौंवे ब्रिक्स शिखर सम्मेलन में हिस्सा लेने का कार्यक्रम है। इसके बाद वह पांच सितंबर को म्यांमार पहुंचेंगे और सात सितंबर को उनकी म्यामां यात्रा समाप्त होगी। ब्रिक्स शिखर सम्मेलन में पहली बार अतिथि देशों के रूप में पांच देशों को आमंत्रित किया गया है जिनमें थाईलैंड, मैक्सिको, मिस्र, तजाकिस्तान और गिनी शामिल हैं। चार सितंबर को इन देशों से आए शासनाध्यक्षों या अतिथियों का स्वागत किया जायेगा।
प्रधानमंत्री की चीन यात्रा ऐसे समय में हो रही है जब कुछ ही दिन पहले भारत और चीन के बीच डोकलाम मुद्दे पर 72 दिनों से जारी गतिरोध समाप्त हुआ है और दोनों देशों ने अपनी सेनाएं डोकलाम से हटाने पर सहमति जताई। विदेश मंत्रालय से प्राप्त जानकारी के अनुसार, चार सितंबर को ब्रिक्स देशों के शासनाध्यक्षों के बीच बैठक होगी जो खुला सत्र नहीं होगा। इस दौरान ब्रिक्स देशों के नेता वैश्विक आर्थिक स्थिति, वैश्विक आर्थिक प्रशासन, सुरक्षा, विकास के अलावा अतंरराष्ट्रीय एवं क्षेत्रीय मुद्दों पर चर्चा करेंगे। इसके अलावा साझा विकास से जुड़े विषयों, लोगों से लोगों के स्तर पर सम्पर्क, सांस्कृति संबंधों को बढ़ावा देने तथा संस्थाओं के निर्माण के बारे में भी चर्चा हो सकती है।
ब्रिक्स शिखर सम्मेलन के दौरान ब्रिक्स कारोबारी परिषद के नेताओं की बैठक होगी। इस दौरान ब्रिक्स कारोबारी परिषद के अध्यक्ष एक रिपोर्ट पेश करेंगे। इसके अलावा न्यू डेवलपमेंट बैंक के अध्यक्ष भी रिपोर्ट पेश करेंगे। इस दौरान कुछ दस्तावेजों पर हस्ताक्षर भी किये जायेंगे जिनमें चार प्रमुख दस्तावेज शामिल हैं। इन दस्तावेजों में ब्रिक्स एक्शन एग्रीमेंट आन ट्रेड, ब्रिक्स इनोवेटिव कोआपरेशन, ब्रिक्स कस्टम कोआपरेशन के अलावा ब्रिक्स कारोबारी परिषद और न्यू डेवलपमेंट बैंक के बीच एक सहमति पत्र पर हस्ताक्षर किये जायेंगे। शिखर सम्मेलन के दौरान 5 सितंबर को ”ब्रिक्स इमर्जिंग मार्केट एंड डेवलपिंग कंट्री डायलग’’ विषय पर बातचीत होगी। उल्लेखनीय है कि ब्रिक्स देशों में दुनिया की 42 प्रतिशत आबादी शामिल है और कुल वैश्विक जीडीपी में इसका हिस्सा 21 प्रतिशत है और वैश्विक कारोबार में हिस्सेदारी 17 प्रतिशत है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी चीन की यात्रा समाप्त करने के बाद म्यामां जायेंगे। भारत, म्यामां के साथ आधारभूत ढांचा क्षेत्र, बिजली और ऊर्जा के क्षेत्र में सहयोग बढ़ाने को उत्सुक है।