
शहरी व ग्रामीण क्षेत्रों में एक भी निराश्रित गोवंश सार्वजनिक स्थल पर विचरण करते हुये न मिले
मुख्य सचिव श्री दुर्गा शंकर मिश्र की अध्यक्षता में वीडियो कॉन्फ्रेसिंग के माध्यम से समस्त मंडलायुक्तों एवं जिलाधिकारियों के साथ साप्ताहिक समीक्षा बैठक आयोजित की गई।
अपने संबोधन में मुख्य सचिव ने निर्देश दिये हैं कि किसानों को क्रय केन्द्र पर गेहूं बेचने में किसी प्रकार की असुविधा न हो। सभी क्रय केन्द्रों पर किसानों हेतु आवश्यक सुख-सुविधायें सुनिश्चित करायी जायें। इस वर्ष प्रदेश में 60 लाख मीट्रिक टन गेहूं खरीद का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। मण्डियों से पहले क्रय केन्द्रों पर खरीद हो।
क्रय केन्द्रों का नियमित निरीक्षण कराते हुये उन्हें क्रियाशील बनाये रखा जाये। आवश्यकतानुसार मोबाइल क्रय केन्द्रों से गेहूं की खरीद करायी जाये। फसल बेचने के 48 घंटे के भीतर डीबीटी के माध्यम से किसान के खाते में भुगतान सुनिश्चित कराया जाये।
उन्होंने कहा कि इस वर्ष बटाईदार किसानों से भी गेहूं खरीद की जायेगी। 100 कुन्तल तक गेहूं बिक्री करने वाले किसानों का सत्यापन नहीं होगा। गेहूं क्रय केन्द्रों पर किसानों को निःशुल्क पंजीकरण व नवीनीकरण की सुविधा उपलब्ध करायी गई है।
किसानों के मध्य गेहूं के एमएसपी 2275 रुपये प्रति कुंतल तथा किसानों को 48 घंटे में भुगतान के सम्बन्ध में व्यापक प्रचार-प्रसार कर खरीद के लिये अधिक से अधिक किसानों का पंजीकरण कराया जाये, साथ ही पंजीकरण के सत्यापन में भी प्रगति लायी जाये। पंजीकरण की संख्या बढ़ाने के लिए लेखपाल, ग्राम विकास अधिकारी सहित कृषि व पंचायत के कर्मियों का भी सहयोग लिया जाये।
उन्होंने कहा कि निराश्रित गोवंश का संरक्षण शासन की शीर्ष प्राथमिकता में शामिल है, इसलिये इस पर विशेष तौर पर ध्यान देने की जरूरत है। शासन का लक्ष्य है कि शहरी व ग्रामीण क्षेत्र में एक भी निराश्रित गोवंश सार्वजनिक स्थल पर विचरण करते हुये न मिले।