वर्तमान उपचार और उनकी सीमाएं
आज कैंसर का इलाज मुख्य रूप से सर्जरी, कीमोथेरेपी, रेडिएशन, इम्यूनोथेरेपी, टार्गेटेड थेरेपी और हार्मोन थेरेपी पर आधारित है। सर्जरी में ट्यूमर को हटाया जाता है, जबकि कीमोथेरेपी दवाओं के जरिए कैंसर कोशिकाओं को मारती है। रेडिएशन उच्च ऊर्जा किरणों का उपयोग करता है। इम्यूनोथेरेपी शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली को सक्रिय बनाती है। टार्गेटेड थेरेपी केवल कैंसर कोशिकाओं को निशाना बनाती है और हार्मोन थेरेपी हार्मोन-निर्भर कैंसर में काम आती है। इन सभी में सफलता की संभावना है, लेकिन इनसे जुड़े महंगे इलाज, दुष्प्रभाव और उपचार प्रतिरोध जैसी चुनौतियां भी हैं। यही वजह है कि वैज्ञानिक नई, अधिक सुरक्षित और असरदार विधियों की खोज में लगे हैं।
वैश्विक परिप्रेक्ष्य
वैश्विक स्तर पर अब तक 100 से अधिक कैंसर वैक्सीन क्लिनिकल ट्रायल्स चल रहे हैं, जिनका फोकस मुख्यतः फेफड़े, स्तन, प्रोस्टेट, मेलेनोमा, अग्नाशय और मस्तिष्क के कैंसर पर है। रूस की एंटरोमिक्स वैक्सीन इन प्रयासों में महत्वपूर्ण मील का पत्थर साबित हो सकती है, बशर्ते कि यह अगले चरणों के ट्रायल्स और अनुमोदन में भी सफल रहे।
कैंसर के प्रकार
कैंसर कई रूपों में सामने आता है। कार्सिनोमा सबसे आम है, जो त्वचा या अंगों को ढकने वाले ऊतक में शुरू होता है, जैसे स्तन, फेफड़े, प्रोस्टेट और कोलन कैंसर। सार्कोमा हड्डी और मांसपेशी जैसे संयोजी ऊतकों में विकसित होता है और अपेक्षाकृत दुर्लभ, लेकिन अत्यधिक आक्रामक होता है। ल्यूकेमिया रक्त कोशिकाओं का कैंसर है, जबकि लिंफोमा और मायलोमा प्रतिरक्षा प्रणाली को प्रभावित करते हैं। मस्तिष्क और रीढ़ की हड्डी का कैंसर सबसे जटिल माने जाते हैं। भारत में फेफड़े, स्तन, मुख और गर्भाशय ग्रीवा के कैंसर सबसे आम हैं।
वर्तमान उपचार और उनकी सीमाएं
आज कैंसर का इलाज मुख्य रूप से सर्जरी, कीमोथेरेपी, रेडिएशन, इम्यूनोथेरेपी, टार्गेटेड थेरेपी और हार्मोन थेरेपी पर आधारित है। सर्जरी में ट्यूमर को हटाया जाता है, जबकि कीमोथेरेपी दवाओं के जरिए कैंसर कोशिकाओं को मारती है। रेडिएशन उच्च ऊर्जा किरणों का उपयोग करता है। इम्यूनोथेरेपी शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली को सक्रिय बनाती है। टार्गेटेड थेरेपी केवल कैंसर कोशिकाओं को निशाना बनाती है और हार्मोन थेरेपी हार्मोन-निर्भर कैंसर में काम आती है। इन सभी में सफलता की संभावना है, लेकिन इनसे जुड़े महंगे इलाज, दुष्प्रभाव और उपचार प्रतिरोध जैसी चुनौतियां भी हैं। यही वजह है कि वैज्ञानिक नई, अधिक सुरक्षित और असरदार विधियों की खोज में लगे हैं।
वैश्विक परिप्रेक्ष्य
वैश्विक स्तर पर अब तक 100 से अधिक कैंसर वैक्सीन क्लिनिकल ट्रायल्स चल रहे हैं, जिनका फोकस मुख्यतः फेफड़े, स्तन, प्रोस्टेट, मेलेनोमा, अग्नाशय और मस्तिष्क के कैंसर पर है। रूस की एंटरोमिक्स वैक्सीन इन प्रयासों में महत्वपूर्ण मील का पत्थर साबित हो सकती है, बशर्ते कि यह अगले चरणों के ट्रायल्स और अनुमोदन में भी सफल रहे।
कैंसर के प्रकार
कैंसर कई रूपों में सामने आता है। कार्सिनोमा सबसे आम है, जो त्वचा या अंगों को ढकने वाले ऊतक में शुरू होता है, जैसे स्तन, फेफड़े, प्रोस्टेट और कोलन कैंसर। सार्कोमा हड्डी और मांसपेशी जैसे संयोजी ऊतकों में विकसित होता है और अपेक्षाकृत दुर्लभ, लेकिन अत्यधिक आक्रामक होता है। ल्यूकेमिया रक्त कोशिकाओं का कैंसर है, जबकि लिंफोमा और मायलोमा प्रतिरक्षा प्रणाली को प्रभावित करते हैं। मस्तिष्क और रीढ़ की हड्डी का कैंसर सबसे जटिल माने जाते हैं। भारत में फेफड़े, स्तन, मुख और गर्भाशय ग्रीवा के कैंसर सबसे आम हैं।