
इस साल 22 और 23 दिसंबर को मनाई जा रही मोक्षदा एकादशी, जानिए व्रत विधि और महत्व
सनातन धर्म में एकादशी तिथि का विशेष महत्व माना जाता है। एकादशी का दिन भगवान श्रीहरि विष्णु को समर्पित होता है। एकादशी के दिन व्रत करने और श्रीहरि विष्णु की विधि-विधान से पूजा-अर्चना करने से व्यक्ति की सुख-समृद्धि और सौभाग्य में वृद्धि होती है। एकादशी मनाई जाती है।
मान्यता के मुताबिक मोक्षदा एकादशी के दिन व्रत करने, विधि-विधान से भगवान विष्णु की पूजा करने और पवित्र नदी में स्नान करने से पितरों को मोक्ष की प्राप्ति होती है।
धर्म शास्त्रों की मानें तो मोक्षदा एकादशी का विधि-विधान से व्रत करने से पूर्वजों को उनके कर्मों के बंधन छुटकारा मिलता है। इस कारण इसे पुण्यदायिनी व मोक्षदायिनी एकादशी कहा जाता है। तो आइए जानते हैं मोक्षदा एकादशी के शुभ मुहूर्त और पूजन विधि के बारे में..
मोक्षदा एकादशी का शुभ मुहूर्त
मार्गशीर्ष मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी को मोक्षदा एकादशी का व्रत किया जा रहा है। हांलाकि इस बार मोक्षदा एकादशी की डेट को लेकर कंफ्यूजन की स्थिति बनी हुई है।
दू पंचांग के मुताबिक 22 दिसंबर 2023 दिन शुक्रवार की सुबह 8:16 मिनट से मोक्षदा एकादशी तिथि की शुरूआत होगी।
वहीं अगले दिन यानी की 23 दिसंबर 2023 को सुबह 07:12 मिनट पर इस तिथि की समाप्ति होगी। ऐसे में 22 दिसंबर को गृहस्थ जन और शैव संप्रदाय के लोग मोक्षदा एकादशी व्रत रखेंगे।
वहीं 23 दिसंबर को वैष्णव संप्रदाय के लोग मोक्षदा एकादशी का व्रत करेंगे। इसदिन शिवयोग का भी निर्माण हो रहा है।
पारण समय
जो लोग 22 दिसंबर को एकादशी का व्रत करेंगे, वह 23 दिसंबर को दोपहर 01:22 से 03:26 मिनट तक के बीच में व्रत का पारण करेंगे। वहीं 23 दिसंबर को व्रत करने वाले जातक 24 दिसंबर को सुबह 07:11 बजे से 09:15 मिनट के बीच में पारण करेंगे।