मोदी ने विकास एजेंडा को वोट बैंक राजनीति से अलग कियाः शाह
नई दिल्ली। भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह ने आज कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की सरकार ने देशहित में विकास के एजेंडे को वोट बैंक की राजनीति से अलग रखने का प्रयास किया और नोटबंदी इसका सबसे बेहतर उदाहरण है। उन्होंने कहा कि नोटबंदी से देश की औपचारिक अर्थव्यवस्था का आकार व्यापक होगा और कालेधन के सृजन पर अंकुश लगेगा।
देश के प्रमुख उद्योग मंडल ‘फिक्की’ द्वारा आयोजित एक बैठक को संबोधित करते हुये अमित शाह ने कहा, केन्द्र की नरेन्द्र मोदी सरकार ने यह दिखाया है कि वह देशहित में ठोस फैसले लेने से नहीं हिचकेगी। ‘‘ऐसे फैसले जो कि तुरंत कुछ लोगों में नाराजगी ला सकते हैं लेकिन बाद में इनके दूरगामी बेहतर परिणाम सामने आएंगे। बड़े मूल्य के नोटों को चलन से हटाने का ‘नोटबंदी’ का फैसला कुछ इसी तरह का निर्णय है। यह फैसला आर्थिक वृद्धि के व्यापक हित में लिया गया जिसका दीर्घकाल में लोगों को फायदा होगा।’’
अमित शाह ने कहा कि नोटबंदी से औपचारिक अथर्व्यवस्था का आकार बढ़ेगा और इससे कालाधन रखने वालों को झटका लगा है। उन्होंने कहा कि सरकार के अनेक प्रयासों का ही परिणाम है कि केन्द्र में मोदी सरकार के तीन साल के कार्यकाल में ही करदाताओं की संख्या बढ़कर 6.3 करोड़ तक पहुंच गई जबकि पिछले 65 सालों के दौरान यह संख्या बमुश्किल 3.7 करोड़ तक ही पहुंच पाई थी।
फिक्की सदस्यों को संबोधित करते हुये शाह ने कहा, ‘‘केन्द्र में भारतीय जनता पार्टी के नेतृत्व वाली सरकार ने तीन साल पहले सत्ता संभाली और इस दौरान लोगों के सोचने के तौर तरीके में पूरी तरह बदलाव आया है। इस दौरान मौदी सरकार ‘ब्रांड इंडिया’ की पहचान बनाने में पूरी तरह सफल रही।’’ उन्होंने कहा कि यह अब भारतीय उद्योगों पर निर्भर करता है कि वह इस स्थिति का लाभ उठायें और अर्थव्यवस्था को आगे बढ़ायें।