सिंगापुर। भारत का विदेशी मुद्रा भंडार इस महीने की शुरूआत में 393 अरब डॉलर का रिकॉर्ड उच्चतम स्तर छू लेने के बाद आगे भी लगातार ऊंचाइयों की ओर बढ़ता जाएगा। डेवलपमेंट बैंक ऑफ सिंगापुर (डीबीएस) ने अपनी दैनिक बाजार रिपोर्ट में कहा कि विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों के कारण भारत का विदेशी मुद्रा भंडार लगातार बढ़ता जाएगा। उसने कहा, ‘‘इस वित्त वर्ष में अबतक 24 अरब डॉलर का पोर्टफोलियो तथा 13 अरब डॉलर का शुद्ध निवेश हुआ है तथा चालू खाता घाटा कम रहा है, इसके कारण डॉलर की तरलता बढ़ी है।’’
बैंक ने कहा कि 2013 के अंत में आर्थिक झटकों के बाद जापान से बाहर के अन्य एशियाई प्रतिस्पर्धियों में भारत का विदेशी मुद्रा भंडार सर्वाधिक 100 अरब डॉलर बढ़ा है। उसने कहा, ‘‘यदि इसमें गतिरोध पैदा नहीं हुआ तो यह रुपये की बढ़त का दबाव और तेज कर सकता है। रुपया पहले ही इस साल अब तक छह प्रतिशत की बढ़त हसिल कर चुका है।’’ डीबीएस ने कहा कि विदेशी भंडार में वृद्धि भारत को बाहरी संकटों से सुरक्षा देगी। निम्न चालू खाता घाटा और अधिक विदेशी मुद्रा भंडार बाहरी जोखिमों से भारत के प्रभावित होने की आशंका कम करता है।
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