डिजिटल क्रॉप सर्वे में मास्टर ट्रेनर्स की भूमिका महत्वपूर्ण
लखनऊ – मुख्य सचिव श्री दुर्गा शंकर मिश्रा ने एग्री स्टैक (डिजिटल एग्रीकल्चर पब्लिक इंफ्रास्ट्रक्चर) के अंतर्गत डिजिटल क्रॉप सर्वे की पड़ताल के कार्य को निष्पादित कराने हेतु कृषि एवं राजस्व विभाग के संयुक्त तत्वाधान में कृषि भवन के सभागार में जनपद एवं तहसील स्तर के चयनित मास्टर ट्रेनर के प्रशिक्षण कार्यक्रम का दीप प्रज्ज्वलित कर शुभारम्भ किया।
अपने संबोधन में मुख्य सचिव ने कहा कि डिजिटल क्रॉप सर्वे में मास्टर ट्रेनर्स की भूमिका बहुत महत्वपूर्ण है। मास्टर ट्रेनर्स के द्वारा जनपदों में सर्वेक्षण करने वाले समस्त कार्मिकों को प्रशिक्षित करने के साथ-साथ तकनीकी सहयोगी प्रदान किया जाना है।
उन्होंने कहा कि सावन माह के प्रथम सोमवार के दिन यह कार्यक्रम प्रारंभ हो रहा है, उन्हें विश्वास है कि इस कार्यक्रम पर शिव की कृपा होगी और संपूर्ण सर्वेक्षण कार्य सफलतापूर्वक निर्विघ्न एवं उच्च गुणवत्ता के साथ संपन्न होगा।
उन्होंने कहा कि प्रदेश को वन ट्रिलियन डॉलर इकोनामी बनाए जाने में कृषि का महत्वपूर्ण स्थान है। डिजिटल क्रॉप सर्वे द्वारा फसलवार आच्छादन की सटीक जानकारी प्राप्त हो सकेगी, जिससे राज्य की अर्थव्यवस्था में कृषि उत्पादों से आय का वास्तविक आकलन संभव हो सकेगा।
किसानों को विभिन्न सरकारी योजनाओं का लाभ प्राप्त करने के लिये बार-बार सत्यापन कराने से मुक्ति मिल जाएगी। डिजिटल क्राप सर्वे के डाटा से किसान क्रेडिट कार्ड, फसल बीमा योजना सहित विभिन्न योजनाओं में त्वरित सत्यापन सुगमता से हो जायेगा।
उन्होंने कहा कि सर्वे से कृषि आधारित उद्योग हेतु कृषि उत्पादों के बारे में समय से सटीक जानकारी प्राप्त हो सकेगी, जिसके आधार पर उद्योग स्थापना एवं संचालन में सुगमता हो सकेगी।
क्षेत्र विशेष में बोई गई फसलों हेतु आवश्यक कृषि निवेश कि उपलब्धता हेतु कृषि इनपुट सप्लायर के साथ कृषकों को जोड़ने का अवसर सुगम हो जाएगा। अन्य सरकारी एवं गैर सरकारी संस्थाओं द्वारा उपलब्ध आंकड़ों के आधार पर नवोन्मेषी कार्यक्रमों का संचालन संभव हो सकेगा।
कार्यक्रम में बताया गया कि उत्तर प्रदेश मे राजस्व परिषद (राजस्व विभाग) द्वारा वर्षों से होने वाले खसरा पड़ताल की ऑफलाइन व्यवस्था का डिजिटलीकरण की प्रासंगिकता के दृष्टिगत वर्ष 2020 में पहली बार ऑनलाईन कराया गया। खतौनी के अंश निर्धारण का कार्य लगभग 70 प्रतिशत पूर्ण किया जा चुका है।
भारत सरकार की डीआईएलआरएमपी योजना के अंतर्गत स्कैन किये जाने योग्य नक्शांे के डिजिटलीकरण का लगभग 98 प्रतिशत कार्य वर्ष 2022 के अंत तक ही पूर्ण कराकर राजस्व विभाग के भू-नक्शा पोर्टल पर सर्व सुलभ करा दिया गया है।
भारत सरकार की महत्वाकांक्षी योजनाओं यथा पीएम गतिशक्ति एवं एग्री स्टैक को लागू करने के लिए जिओ रेफ्रेंस डिजिटल मैप की आवश्यकता महसूस की गई। महत्वाकांक्षी योजनाओं को ससमय उत्तर प्रदेश में लागू करने के दृष्टिगत विगत 6 माह पूर्व राजस्व
परिषद (राजस्व विभाग) द्वारा राज्य सरकार से बजट प्राविधानित कराकर राजस्व ग्रामों के डिजिटल नक्शों के जिओ रेफ्रेंसिंग का कार्य दिसम्बर, 2023 तक पूर्ण करने के लक्ष्य के साथ प्रारंभ कराया गया।
इस अवसर पर कृषकों को मिलने वाले लाभ के बारे में बताया गया कि कृषकों को उनके खेत में बोई गई वास्तविक फसल के उत्पाद बिक्री हेतु अपने अभिलेख का सत्यापन कराने के मुक्ति मिल जाएगी।
समय-समय पर किसानों को उनके फसल विशेष हेतु लक्षित फसल सलाह प्रदान किया जा सकेगा। बोई गई फसल के वास्तविक उपज के आंकलन हेतु मोबाइल एप के माध्यम से क्रॉप कटाई एक्सपेरिमेंट (सीसीई) का प्रभावी क्रियान्वयन संभव हो सकेगा।
गौरतलब है कि भारत सरकार द्वारा वर्ष 2023-24 मे उत्तर प्रदेश को सम्मिलित करते हुए देश के 12 राज्यों मे डिजिटल क्रॉप सर्वे (एग्री स्टैक) अर्थात मोबाइल ऐप के माध्यम से खसरा पड़ताल (ई-पड़ताल) का कार्य पायलेट आधार पर कराया जा रहा है।
एग्री स्टैक एक डिजिटल फाउंडेशन है जो भारत में कृषि में सुधार के लिए विभिन्न हितधारकों को आसानी से एक साथ लाने और डेटा और डिजिटल सेवाओं का उपयोग करके किसानों के लिए बेहतर योजनाओं का नियोजन, सेवाओं तक कृषकों की सुगम पहुँच सुनिश्चित करने के लिए सरकार द्वारा स्थापित किया जा रहा।
एग्री स्टैक का उद्देश्य किसानों के लिए सस्ता ऋण, उच्च गुणवत्ता वाले कृषि इनपुट, स्थानीयकृत और विशिष्ट लक्षित सलाह, और बाजारों तक सुविधाजनक पहुंच प्राप्त करना आसान बनाना है।
एग्री स्टैक की स्थापना के प्रारंभिक चरण में तीन बुनियादी रजिस्ट्री-अभिलेखों के डायनेमिक लिंकिंग के साथ किसानों का डेटाबेस (फार्मर रजिस्ट्री), भू-संदर्भित ग्राम मानचित्र (जिओ रेफ़रेन्स विलेज मैप), जीआईएस बेस रियल टाइम क्रॉप सर्वे (क्रॉप सोन रजिस्ट्री) शामिल हैं।
उत्तर प्रदेश के कुल गाटा संख्या 7.87 करोड़ के 20 प्रतिशत गाटा को सम्मिलित करते हुए पायलट योजना के रूप में 21 जनपदों में पूर्ण रूप से तथा 54 जनपदों के 10 राजस्व ग्राम पंचायतों में डिजिटल क्राप सर्वे का कार्य संचालित किया जायेगा तथा आगामी वर्षों में सभी जनपदों में समग्र रूप से योजना क्रियान्वित की जायेगी।
प्रतापगढ़, मिर्जापुर, मुरादाबाद, जालौन, चित्रकूट, फर्रुखाबाद, अयोध्या, चंदौली, झांसी, बस्ती, हरदोई, देवरिया एवं गोरखपुर) में शत प्रतिशत जिओ रेफ़रन्स आधारित खेतों का खरीफ-2023 एवं रबी-2023-24 में खसरावार डिजिटल क्रॉप सर्वे किया जाना है।



