जब धोनी के समर्पण पर फिदा हुए थे चयन समिति अध्यक्ष प्रसाद
चेन्नई। पिछले साल एशिया कप में भारत और पाकिस्तान के बीच मैच से पहले Mahendra Singh Dhoni चोटिल हो गये और यह तय लग रहा था कि वह नहीं खेल पाएंगे लेकिन तत्कालीन कप्तान की प्रतिबद्धता देखिये कि वह न सिर्फ मैच खेलने के लिये उतरे बल्कि उन्होंने इसमें जीत भी दर्ज की। यह खुलासा राष्ट्रीय चयन समिति के अध्यक्ष एमएसके प्रसाद ने किया। प्रसाद ने एक कार्यक्रम में बताया कि यहां तक कि उनके स्थान पर दूसरे खिलाड़ी को तैयार रखा था लेकिन धोनी ने उनसे कहा कि वह चिंता नहीं करें क्योंकि ‘अगर मेरा एक पांव टूट भी जाता है तब भी मैं पाकिस्तान के खिलाफ खेलूंगा।’’
प्रसाद ने रविवार रात तमिलनाडु खेल पत्रकार संघ (टीएनएसजीए) के वार्षिक पुरस्कार वितरण समारोह के दौरान फरवरी 2016 में ढाका में खेले गये एशिया कप के दौरान घटी घटना का जिक्र किया जिससे धोनी के समर्पण और प्रतिबद्धता का पता चलता है। उन्होंने कहा कि मैच से दो दिन पहले धोनी चोटिल हो गये लेकिन उन्होंने टीम की अगुवाई की और उसे जीत दिलायी। प्रसाद ने कहा, ‘‘देर रात जिम में अभ्यास करते हुए धोनी ने वजन उठाया और अचानक उनकी पीठ में दर्द हुआ और वह उस भारी वस्तु के साथ गिर गये। सौभाग्य से वह वस्तु उन पर नहीं गिरी। वह चल नहीं पा रहे थे। उन्हें स्ट्रेचर पर उठाना पड़ा।’’
चयनसमिति के अध्यक्ष ने कहा कि उन्हें समझ में नहीं आ रहा था कि इस परिस्थिति से कैसे निबटा जाए। उन्होंने कहा, ‘‘इसलिए मैं स्थिति जाने के लिये धोनी के कमरे में गया। उन्होंने मुझसे कहा, ‘चिंता न करो एमएसके भाई।’ मैंने यहां तक उनसे पूछा कि मुझे पत्रकारों को क्या बताना है और उन्होंने फिर से जवाब दिया, ‘चिंता न करो एमएसके भाई।’’ प्रसाद ने कहा कि वह किसी तरह का खतरा नहीं उठाना चाहते थे और इसलिए उन्होंने विकल्प के रूप में पार्थिव पटेल को बुला दिया था। लेकिन धोनी मैच खेलने के लिये तैयार थे। प्रसाद ने कहा, ‘‘दोपहर बाद टीम की घोषणा से पहले धोनी मैच खेलने के लिये तैयार हो गये थे। उन्होंने मुझे अपने कमरे में बुलाया और कहा कि मैं इतना ज्यादा चिंतित क्यों हूं। इसके बाद उन्होंने कहा कि अगर मेरा एक पांव टूट भी जाता है तब भी मैं पाकिस्तान के खिलाफ खेलूंगा।