जनसामान्य के लिए समप्रभुता को समृद्ध करने की शुरूआत
एक भारत-एक टैक्स
इससे निर्माण होगा, एक ऐसे भारत का, जिससे इसकी क्रेडेबिलिटी अपने उत्कर्ष पर पहुंचेगी क्योंकि इससे एक-एक भारतीय के मोरेल में अपने आप इजाफा होगा। व्यक्ति को ईमानदारी से व्यवसाय और सेवा करने का मौका मिलेगा। हम घुप्प अंधेरे से चमकीले उजाले की ओर अग्रसर होंगे।
जिस तरह घनघोर काले अंधेरे में जीने वाले को चकाचौंध उजाले में ला खड़ा किया जाये तो हो सकता किसी की आँखों की रोशनी ही चली जाये, कोई एक आंख से अंधा हो जाये, लेकिन बहुत से लोग उस उजाले को आत्मसात भी करेंगे और नये प्रकाश में जीने का प्रयास करते हुए अपनी जिन्दगी तो खुशहाल बनायेंगे ही देश को भी समृद्धशाली बनायेंगे।
इस उजाले को धरातल पर लाने वाले हैं, हमारे देश के प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र भाई मोदी।
अब हम आर्थिक परतन्त्रता को छोड़कर आर्थिक आजादी को पाने निकल पड़े हैं। भारत में चंहु ओर लोग आजादी मांग रहे हैं, उन्हें कौन सी आजादी चाहिए मैं आजतक समझ नहीं पाया, लेकिन जो आजादी उन्हें 1947 में मिली उनसे उनका पेट नहीं भर रहा, उनके लिए 1 जुलाई 2017 को प्रदान की गई आजादी बहुत मायने में काम आयेगी, और उनकी आत्मा को तृप्त कर देगी।
1 जुलाई 2017 से हम भारतवासियों ने नये आर्थिक युग में प्रवेश कर लिया है। निश्चित रूप से यह भारत को विश्व को एक नए पायदान पर पद स्थापित करेगा।
तो आइये जानते हैं जीएसटी के बारे में।