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अब नहीं हो सकेगा मदरसों में शोषण और फर्जीवाड़ा : चौ. लक्ष्मी नारायण
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मदरसा शिक्षा परिषद के नवीन वेबपोर्टल का शुभारम्भ
लखनऊ। उत्तर प्रदेश के अल्पसंख्यक कल्याण एवं मुस्लिम वक्फ, हज मंत्री लक्ष्मी नारायण चौधरी ने कहा कि अन्य शिक्षा प्रणालियों की तरह मदरसा शिक्षा भी आधुनिक होनी चाहिए। मदरसा शिक्षा के आधुनिकीकरण से यहां पढ़ने वाले बच्चे तकनीकी शिक्षा प्राप्त करेंगे जिससे उन्हें रोजगार के अवसर प्राप्त होंगे। वह शुक्रवार को विधान भवन स्थित तिलक हाल में उत्तर प्रदेश मदरसा शिक्षा परिषद के नवीन वेबपोर्टल उंकंतेंइवंतकण्नचेकबण्हवअण्पद का शुभारम्भ कर रहे थे। उन्होंने कहा कि प्रदेश के मदरसों के विषय में लम्बे समय से धांधलेबाजी, शिक्षकों व कर्मचारियों के शोषण और फर्जीवाड़े के बारे में काफी शिकायतें आ रही हैं। यह शिकायते मिल रही थी कि मदरसों के संचालक व संस्थापक अपने ही परिवार के सदस्यों को शिक्षक व कर्मचारी के पदों पर नौकरियां दे रहे हैं। उन्होंने कहा कि अब इन सारी गड़बड़ियों को प्रभावी ढंग से रोका जाएगा। इस काम में मदरसा पोर्टल बहुत कारगर साबित होगा। उन्होंने कहा कि प्रदेश में लगभग 19 हजार मान्यता प्राप्त तथा 560 अनुदानित मदरसे संचालित हैं। मदरसों के लिए यह ऑनलाइन पोर्टल मदरसा शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार लाने तथा उन्नयन की दिशा में एक प्रभावी कदम साबित होगा। उन्होंने कहा कि अब मदरसा शिक्षा की व्यवस्था में तुष्टीकरण की नीति नहीं चलेगी। भविष्य में इसी पोर्टल के जरिये मदरसों की परीक्षाएं भी संचालित की जाएंगी।
आदेश नहीं मामने वाले मदरसों पर होगी कार्यवाही
अल्पसंख्यक कल्याण मंत्री श्री चौधरी ने कहा कि स्वतंत्रता दिवस सरकारी आदेश के अनुरूप न मनाने वाले मदरसों के खिलाफ सरकार कार्रवाई करेगी। उन्होंने कहा कि विभाग उन मदरसों की जानकारी संकलित करवा रहा है जिन्होंने सरकारी आदेश के बावजूद 15 अगस्त को स्वतंत्रता दिवस नहीं मनाया और राष्ट्रीय ध्वज नहीं फहराया। श्री चौधरी ने कहा कि जो व्यक्ति या समुदाय अथवा संस्था राष्ट्र के प्रति सम्मान और राष्ट्रीय भावना में आस्था नहीं रखते ऐसे लोग राष्ट्रभक्त नहीं हो सकते।
इस अवसर पर राज्यमंत्री बलदेव ओलख ने कहा कि यह ऑनलाइन वेब पोर्टल मदरसा शिक्षा प्रणाली में उत्तरदायित्व एवं पारदर्शिता लायेगा। समस्त प्रक्रियाओं को सरल बनाने के लिए यह पोर्टल स्थापित किया गया है।
आनलाइन होगा मदरसा कर्मियों का भुगतान
प्रमुख सचिव अल्पसंख्यक कल्याण मोनिका एस गर्ग ने बताया कि यह ऑनलाइन पोर्टल प्रदेश के समस्त मदरसों को एक यूनिफाईड इको सिस्टम से जोड़ने का प्रयास है। श्रीमती गर्ग ने बताया कि इससे मदरसे में शिक्षक एवं शिक्षणेत्तर कर्मचारियों को अनुदान, वेतन, मानदेय आदि का भुगतान आनलाइन (पी.एफ.एम.एस.) के माध्यम से किया जायेगा। ताकि शिक्षकों के हितां की रक्षा हो तथा उनका शोषण न हो। ऐसे सभी मदरसों को अपना डेटा इस पोर्टल पर अपलोड करना ही होगा। उन्होंने उम्मीद जतायी कि उक्त सारे भुगतान इस पोर्टल के जरिये नवम्बर से आनलाइन शुरू हो जाएंगे।
परीक्षा भी होगी पोर्टल के जरिए
उन्होंने बताया कि नवीन मदरसों की मान्यता अनुदान, आधुनिकीकरण योजना से सम्बन्धित सभी आवेदन इसी पोर्टल के माध्यम से किया जायेगा। साथ ही वर्ष 2018 की मदरसा शिक्षा परिषद की परीक्षा भी इसी पोर्टल के माध्यम से सम्पन्न होगी तथा परीक्षाफल भी इसी पर घोषित होंगे। इस अवसर पर मुस्लिम वक्फ एवं राज्यमंत्री श्री मोहसिन रजा तथा विभाग के अन्य अधिकारी उपस्थित थे।
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