उत्तर प्रदेश

देशव्यापी आंदोलन की तैयारी, 6 मार्च को कर्मचारी करेंगे सत्याग्रह

लखनऊ। इंडियन पब्लिक सर्विस इंप्लाइज फेडरेशन (IPSIF) के बैनर तले कर्मचारी सत्याग्रह करेंगे। 6 मार्च को देशभर के जिला मुख्यालयों पर कर्मचारी एक जगह इकट्ठा होंगे और सत्याग्रह करेंगे। यह निर्णय रविवार को छत्तीसगढ़ स्थित रायपुर में हुई बैठक के दौरान इंडियन पब्लिक सर्विस इंप्लाइज फेडरेशन के पदाधिकारियों ने लिया है। इस दौरान यह निर्णय भी लिया गया है कि सत्याग्रह के दौरान प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री को ज्ञापन भेजा जाएगा, साथ ही यह पूरा सत्याग्रह महात्मा गांधी जी के सिद्धांतों पर होगा।

इंडियन पब्लिक सर्विस इंप्लाइज फेडरेशन के राष्ट्रीय अध्यक्ष वीपी मिश्रा ने बताया कि पंजाब के किसानों के आंदोलन के कारण हिमाचल वा पंजाब के पदाधिकारी शामिल नहीं हो सके फिर भी उनसे फोन पर बात कर निर्णय लिया गया।

इप्सेफ के राष्ट्रीय सचिव ने बताया कि कर्मचारियों में अत्यधिक निराशा और आक्रोश व्याप्त है। प्रधानमंत्री को कई बार ज्ञापन भेजने के बाद भी आज तक कर्मचारियों की मांग पूरी नहीं हो सकी है। इसलिए महात्मा गांधी के सिद्धांतों के अनुरूप 6 मार्च को सत्याग्रह का निर्णय लेना पड़ा है। इप्सेफ की सोच है कि शासन और सरकार के बीच आपसी सामंजस्य से ही राजकीय कार्य सुचारू रूप से चल सकते हैं। जिससे सभी योजनाओं का लाभ समय से मिल सके। केंद्र व राज्यों में कर्मचारियों की अलग-अलग भिन्नताएं हैं।  जिससे आए दिन टकराव होता है उत्तर प्रदेश में सातवें वेतन आयोग का लाभ मिल चुका है, लेकिन विसंगतियों पर निर्णय शेष है।

इप्सेफ ने पुनः प्रधानमंत्री से आग्रह किया है कि मिल बैठकर मांगों पर सार्थक निर्णय करके कर्मचारियों का दिल जीत लें। प्रधानमंत्री सब का दुख समझ कर हल कर रहे हैं देश को विकसित देश बनाने का प्रयास कर रहे हैं तो उसमें कर्मचारी व्यवधान नहीं डालेगा परंतु उसकी पीड़ा को सुनना हल करना चाहिए। देशभर का कर्मचारी कर्ज लेकर अपना जीवन बिता रहा है, क्योंकि महंगाई उसकी जेब खाली कर रही है। प्रधानमंत्री इप्सेफ के साथ बैठक कर शीघ्र ही मांगों पर सकारात्मक निर्णय करें।

बैठक में महासचिव प्रेमचंद, वरिष्ठ उपाध्यक्ष अनिल शुक्ला, ओपी शर्मा अध्यक्ष चिकित्सा कर्मचारी महासंघ छत्तीसगढ़, ईश्वर सिंह उपाध्यक्ष वा अध्यक्ष हरियाणा कर्मचारी महासंघ ,आरके भदोरिया महामंत्री दिल्ली आदि उपस्थित रहे।

प्रमुख मांगे:- 
1-पुरानी पेंशन की बहाली।
2-आठवाँ वेतन आयोग का गठन ,पिछला वेतन आयोग 2 वर्ष पहले गठन हुआ था।
3-आउटसोर्सिंग /संविदा /कर्मचारी की सेवा सुरक्षा के लिए नीति बनाकर उन्हें नियमित करने की कार्यवाई की जाए तथा उन्हें न्यूनतम वेतन दिया जाए।

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