बांसवाड़ा। राजस्थान की आदिवासी बहुल बांसवाड़ा लोकसभा सीट पर चुनावी लड़ाई रोचक हो गई है, जहां कांग्रेस लोगों से अपनी ही पार्टी के उम्मीदवार को वोट न देने की अपील कर रही है। कांग्रेस ने राजस्थान में काफी उतार-चढ़ाव के बाद भारत आदिवासी पार्टी (बीएपी) के साथ गठबंधन करने का फैसला किया, जिसके बाद दोनों दलों ने संयुक्त उम्मीदवार राजकुमार रोत को मैदान में उतारा।
हालांकि कांग्रेस के घोषित उम्मीदवार अरविंद डामोर ने नामांकन वापस लेने से इनकार कर दिया। कांग्रेस ने गठबंधन की घोषणा से ठीक पहले डामोर को उम्मीदवार घोषित किया था। बांसवाड़ा लोकसभा सीट पर, जो मुकाबला भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और कांग्रेस-बीएपी गठबंधन के बीच माना जा रहा था, वह अब डामोर के अड़ जाने से त्रिकोणीय मुकाबले में तब्दील हो गया है।
डामोर के चुनाव मैदान में कूदने से ऐसा माना जा रहा है कि कांग्रेस के वोट बंटेंगे, जिसका फायदा भाजपा के उम्मीदवार महेंद्रजीत सिंह मालवीय को मिल सकता है। कांग्रेस के स्थानीय नेता लोगों से पार्टी उम्मीदवार के बजाय रोत को वोट देने की अपील कर रहे हैं। वहीं डामोर ने दावा किया है कि उन्हें पार्टी के कई ऐसे नेताओं का समर्थन प्राप्त है, जो बीएपी के साथ गठबंधन के खिलाफ हैं।
स्थानीय नेता व कांग्रेस विधायक अर्जुन बामनिया के बेटे विकास बामनिया ने कहा कि पार्टी रोत का समर्थन कर रही है। उन्होंने कहा,”हमारा रुख स्पष्ट है, हम बीएपी उम्मीदवार का समर्थन कर रहे हैं।” बामनिया ने कहा कि हम लोगों की भावनाओं और पार्टी से मिले निर्देशों को ध्यान में रखते हुए काम कर रहे हैं।
एक अन्य स्थानीय कांग्रेस नेता ने कहा कि रोत कांग्रेस-बीएपी गठबंधन के आधिकारिक उम्मीदवार हैं। नेता ने कहा, “हम लोगों से स्पष्ट रूप से कांग्रेस उम्मीदवार (डामोर) को वोट नहीं देने के लिए कह रहे हैं।
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