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World Unani Day पर बोले डॉक्टर- दुनिया प्राकृतिक चिकित्सा की ओर रही निहार
पूरी दुनिया में 11 फरवरी को विश्व यूनानी दिवस (World Unani Day 2024) मनाया जाता है। यूनानी चिकित्सा पद्धति को बढ़ावा देने के लिए इस दिवस को मनाया जाता है। एलोपैथिक, आयुर्वेदिक, होम्योपैथिक के अलावा यूनानी चिकित्सा पद्धति से भी इलाज होता है लेकिन इसके बारे में कम ही लोगों को जानकारी होती है।
देश में यूनानी चिकित्सा पद्धति और इससे जुड़े शैक्षणिक संस्थानों के विकास में हकीम अजमल खान का अमूल्य योगदान रहा है। यही वजह है कि इस अवसर पर शहर में कई कार्यक्रमों का आयोजन किया गया। इसी के तहत डिप्लोमा इंजियार संघ भवन में भी कार्यक्रम का आयोजन किया गया।
इस अवसर पर हकीम शाहिद बदर फलाही ने कहा कि दुनिया अब प्राकृतिक चिकित्सका की ओर निहार रही है, ताकि लोगो के सेहत की हिफाजत की जा सके। कार्यक्रम के दौरान यूनानी डाक्टरों ने माइग्रेन, लाइफ स्टाइल डिसऑर्डर, पीसीओडी, क्रोनिक किडनी डिजीज, लंग्स कैंसर के इलाज पर चर्चा की, साथ ही ठीक हुये मरीजों का आंकड़ा जारी किया।
इस अवसर पर जाने-माने यूनानी शिक्षा पद्धति के विद्वान हकीम अजमल खान को याद किया गया और उनके बारे में जानकारी भी साझा की गई। बताया गया कि हकीम अजमल खान का जन्म 11 फरवरी साल 1868 को दिल्ली में हुआ था। देश में यूनानी चिकित्सा पद्धति और शिक्षा में उनके योगदान को याद करने के लिए हर साल 11 फरवरी को विश्व यूनानी दिवस मनाया जाता है।
बता दें कि हकीम अजमल खान बेहतरीन चिकित्सक के अलावा आज के समय में देश के बेहतरीन शिक्षा संस्थानों में एक जामिया मिलिया इस्लामिया विश्वविद्यालय और आयुर्वेदिक व यूनानी तिब्बिया कॉलेज दिल्ली की स्थापना में उनका महत्वपूर्ण योगदान है। यही नहीं वे जामिया मिलिया इस्लामिया के स्थापना काल से जीवन के अंतिम दिनों तक चांसलर रहे।