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भारत – नेपाल सीमा पर लोगों को निशुल्क इलाज देने जाएंगे 800 डॉक्टर, मुख्यमंत्री करेंगे रवाना
लखनऊ। भारत नेपाल सीमा पर रहने वाले थारू जनजाति समेत एक लाख से अधिक लोगों का स्वास्थ परीक्षण होगा। इतना ही नहीं बीमार लोगों का इलाज भी किया जाएगा। इस काम में करीब 800 चिकित्सक अपना योगदान देंगे।
इस बात की जानकारी नेशनल मेडिकोज आर्गनाइजेशन अवध प्रांत के संरक्षक व केजीएमयू के पूर्व कुलपति डॉ एम एल बी भट्ट ने जियामऊ स्थित सवाद केंद्र में मंगलवार को आयोजित पत्रकार वार्ता के दौरान दी है।
उन्होंने बताया कि चिकित्सा क्षेत्र में आरएसएस की अनुशांगिक शाखा नेशनल मेडिकोज ऑर्गेनाइजेशन अवध प्रान्त वा श्री गुरू गोरक्षनाथ सेवा न्यास के संयुक्त प्रयास से विगत् चार वर्षों से भारत-नेपाल सीमा क्षेत्र में “गुरू गोरक्षनाथ स्वास्थ्य सेवा यात्रा” का सफल आयोजन किया जा रहा है। इसी के तहत 8 फरवरी को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ इस सेवा यात्रा का उद्घाटन करेंगे। सेवा यात्रा की शुरुआत अटल बिहारी बाजपेई साइंटिफिक कन्वेंशन सेंटर से होगी।
उन्होने बताया कि यह स्वास्थ्य सेवा यात्रा खासकर लखीमपुर खीरी, बहराइच, श्रावस्ती, बलरामपुर, सिद्धार्थनगर तथा महराजगंज जिलों में जो भारत-नेपाल के समीपवर्ती क्षेत्रों में थारू जनजातियों के लिए आयोजित होती रही है।
नेशनल मेडिकोज की सचिव डॉ अलका रानी ने बताया कि पिछले वर्ष तृतीय श्री गुरु गोरक्षनाथ स्वास्थ्य सेवा का आयोजन विगत् 22, 23 व 24 फरवरी, 2023 में किया गाया था, जिसमें 52 मेडिकल कालेजों के 650 चिकित्सकों द्वारा लगभग 280 शिविरों का आयोजन भारत-नेपाल सीमा के उपरोक्त जिलों में किया गया था। इसमें 85,000 मरीजों का निःशुल्क उपचार, जाँच व दवाओं का वितरण किया गया था।
इस वर्ष इस स्वास्थ्य सेवा यात्रा को और अधिक वृहद करते हुए आगामी 8, 9, 10 व 11 फरवरी, 2024 को आयोजित करके लगभग 800 कुशल चिकित्सकों एवं चिकित्सा छात्रों की टोली 290 गाँव के लगभग सवा लाख मरीजों को चिकित्सा का लाभ पहुँचाने के लक्ष्य की संकल्पना है।
इस अवसर पर यात्रा के संयोजक केजीएमयू के डॉक्टर सुमित रूंगटा, डॉक्टर विजय कुमार, डॉक्टर भूपेंद्र समेत कई लोग उपस्थित रहे।