कानून बनाने पर केंद्र सभी राजनीतिक दलों से चर्चा करेगा: नकवी
August 22, 2017
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नई दिल्ली । तीन तलाक के मुद्दे पर उच्चतम न्यायालय के फैसले का स्वागत करते हुए अल्पसंख्यक कार्य मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी ने आज कहा कि यह धर्म से जुड़ा विषय नहीं है और इस सामाजिक बुराई के संदर्भ में कानून बनाने के विषय पर केंद्र सरकार सभी राजनीतिक दलों के साथ चर्चा करेगी। नकवी ने कहा, ”तीन तलाक धर्म से जुड़ा मुद्दा नहीं है। यह सामाजिक सुधार से जुड़ा विषय है। केंद्र सरकार इस मुद्दे पर कानून बनाने के संदर्भ में सभी राजनीतिक दलों के साथ चर्चा करेगी।’’
उन्होंने कहा कि मोदी सरकार एक ऐसी सरकार है जो सुधारों को आगे बढ़ाने वाली है। मोदी सरकार प्रारंभ से ही इस सामाजिक बुराई के खिलाफ रही है। नकवी ने कहा कि पहले सती प्रथा, बाल विवाह जैसे विषयों पर सुधार लागू किये गए हैं। उन्होंने कहा कि हमें अड़ियल रवैया नहीं अपनाना चाहिए। हमें सामाजिक बुराई के संदर्भ में सुधारवादी पहल को अपनाना चाहिए।
अल्पसंख्यक कार्य मंत्री ने कहा कि मोदी सरकार हमेशा से लैंगिक समानता की पक्षधर रही है। पिछले दो वर्षों में तीन तलाक के मुद्दे पर सार्वजनिक चर्चा चल रही थी। उल्लेखनीय है कि उच्चतम न्यायालय की संविधान पीठ ने बहुमत के निर्णय में मुस्लिम समाज में एक बार में तीन बार तलाक देने की प्रथा को निरस्त करते हुये आज अपनी व्यवस्था में इसे असंवैधानिक, गैरकानूनी और शून्य करार दिया। न्यायालय ने कहा कि तीन तलाक की यह प्रथा कुरान के मूल सिद्धांत के खिलाफ है। प्रधान न्यायाधीश की अध्यक्षता वाली पांच सदस्यीय संविधान पीठ ने अपने 365 पेज के फैसले में कहा, ‘‘3:2 के बहुमत से दर्ज की गयी अलग अलग राय के मद्देनजर ‘‘तलाक-ए-बिद्दत’’ तीन तलाक को निरस्त किया जाता है।’’
प्रधान न्यायाधीश खेहर और न्यायमूर्ति नजीर ने अल्पमत के निर्णय में तीन तलाक की प्रथा को छह महीने स्थगित रखने की हिमायत करते हुये राजनीतिक दलों से कहा कि वे अपने मतभेद परे रखते हुये केन्द्र को इस संबंध में कानून बनाने में सहयोग करें।
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