BJP ने भारत से परिवारवाद की राजनीति खत्म की: अमित शाह
कोलकाता। BJP अध्यक्ष अमित शाह ने कहा है कि उनकी पार्टी ने भारत से परिवारवाद की राजनीति को खत्म किया और ‘‘फरफॉरमेंस’’ की राजनीति के एक नए युग की शुरूआत की है। पश्चिम बंगाल की तीन दिवसीय यात्रा पर आए शाह ने मंगलवार को बुद्धिजीवियों के साथ एक संवाद कार्यक्रम में कहा, ‘‘हम तुष्टीकरण की राजनीति में भरोसा नहीं करते, जो वोटबैंक राजनीति है। हमने भारत से परिवारवाद की राजनीति को खत्म किया। हम फरफॉरमेंस की राजनीति में भरोसा करते हैं।
शाह की यह टिप्पणी ऐसे दिन आयी है जब कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने कहा कि भारत में राजनीति से लेकर कारोबार तक वंशवाद एक सामान्य चीज है और जोर दिया कि खानदान से ज्यादा अहम किसी शख्स की काबिलियत होती है। भाजपा ने प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए राहुल को एक ‘‘नाकाम वंशज’’ और ‘‘नाकाम राजनेता’’ करार दिया। शाह ने कहा कि पिछले तीन साल में नरेंद्र मोदी सरकार ने फैसले लेने की राजनीतिक इच्छाशक्ति दिखायी जबकि उससे पहले पूर्ववर्ती कांग्रेस नीत सरकार नीतिगत पंगुता से ग्रस्त थी। उन्होंने कहा कि आजादी के बाद पहली बार भारत में ऐसी सरकार है जो न सिर्फ शहरी भारत के लिए बल्कि ग्रामीण भारत के लिए भी है।
शाह ने कहा कि मोदी सरकार ने कई ऐतिहासिक कदम उठाए हैं। इनमें बैंक खाते खुलवाने से लेकर गरीब परिवारों को एलपीजी कनेक्शन मुहैया कराना तथा साढ़े चार करोड़ शौचालयों का निर्माण शामिल है। उन्होंने कहा कि सरकार ने नोटबंदी और जीएसटी लागू करने के साथ ही सर्जिकल हमले जैसे फैसले भी किए। शाह ने कहा कि मोदी सरकार की सबसे बड़ी उपलब्धि यह है कि इसने भारत की सोच के स्तर को बदल दिया। सरकार के सबसे बड़े आलोचक भी इसके खिलाफ भ्रष्टाचार का कोई आरोप नहीं लगा सकते।
आर्थिक प्रगति के संदर्भ में मोदी सरकार की उपलब्धियों को रेखांकित करते हुए शाह ने कहा कि पिछले तीन साल में भारत दुनिया की सबसे तेज गति से विकास करने वाली अर्थव्यवस्था बनी है और यह कोई आसान काम नहीं था। उन्होंने कहा कि हमने देश में महंगाई को नियंत्रित किया। इसके पहले उन्होंने संवाददाताओं से बातचीत करते हुए पश्चिम बंगाल की सत्तारूढ़ पार्टी तृणमूल कांग्रेस पर आरोप लगाया कि वह राज्य में भाजपा कार्यकर्ताओं के खिलाफ हिंसा में शामिल है। उन्होंने कहा कि हिंसा बंगाल में भाजपा को बढ़ने से नहीं रोक सकती। उन्होंने कहा, ‘‘आज, मैं उन पीड़ितों के परिवार के सदस्यों से मिला, जो पिछले छह महीनों में बंगाल में राजनीतिक हिंसा के शिकार हुए हैं…. यह सब इसलिए हुआ क्योंकि उन लोगों ने सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस की विचारधारा का समर्थन नहीं किया।
शाह ने कहा, ‘‘मैं यहां लोगों से पूछना चाहता हूं- कि यह रवींद्रनाथ टैगोर का बंगाल है? क्या यह स्वामी विवेकानंद का बंगाल है? तृणमूल कांग्रेस के अलावा अन्य किसी राजनीतिक पार्टी को किसी भूमिका के लिए कोई आजादी नहीं है।’’ उन्होंने कहा कि इस प्रकार की हिंसा शायद कहीं नहीं देखी गयी होगी। ममता बनर्जी सरकार पर निशाना साधते हुए शाह ने आरोप लगाया कि कई लोग मारे गए, कई घायल हुए और उनकी संपत्ति को नुकसान पहुंचाया गया। शाह ने कहा कि ऐसे माहौल में बंगाल में विकास नहीं हो सकता।