ऑस्ट्रेलिया में अडाणी की परियोजना के खिलाफ याचिकाएं खारिज
मेलबर्न। भारत की प्रमुख खनन कंपनी अडाणी समूह की कोयला खनन परियोजना के सामने से दो और कानूनी अड़चनें दूर हो गई हैं, क्योंकि ब्रिसबेन की एक अदालत ने पर्यावरणविदों और स्थानीय भू-मालिकों की ओर से दायर की गई याचिकाओं को खारिज कर दिया है। ब्रिसबेन में संघीय अदालत की पूर्ण पीठ ने ऑस्ट्रेलियन कंजर्वेशन फाउंडेशन (एसीएफ) और मध्य क्वींसलैंड के एक स्थानीय भूस्वामी एड्रियन बुरागुब्बा द्वारा इस परियोजना को चुनौती देने वाली याचिकाओं को खारिज कर दिया है।
अदालत ने एसीएफ द्वारा संघीय अदालत के पुराने फैसले के खिलाफ दायर की गई याचिका को खारिज कर दिया। पिछले फैसले में अदालत ने पर्यावरण सुरक्षा एवं जैवविविधता कानून के तहत संघीय पर्यावरण मंत्री द्वारा दी गई अनुमति को बरकरार रखा था। इसके अलावा बुरागुब्बा ने खनन परियोजना चालू करने के लिए नेटिव टाइटल ट्रिब्यूनल के निर्णय की न्यायिक समीक्षा के लिए याचिका दायर की थी। अडाणी समूह ने एक बयान में कहा कि अदालत के आज के फैसले ने कारमाइकल कोयला संसाधन को विकसित करने के उसके कानून अधिकार को पुन: प्रबलता प्रदान की है।
कंपनी ने कहा कि यह निर्णय इस हफ्ते में आया दूसरा और तीसरा न्यायिक फैसले है। इससे पहले वानगन एंड जगलिनगोउ (डब्ल्यूएंडजे) जन एवं कार्यकर्ता समूहों की याचिका को भी खारिज किया जा चुका है। अडाणी ऑस्ट्रेलिया के मुख्य कार्यकारी अधिकारी और देश के प्रमुख जेयाकुमार जनकराज ने कहा, ‘‘ये अपीलें स्पष्ट तौर पर परियोजना में देरी करने की कोशिश हैं। इस परियोजना से 10,000 प्रत्यक्ष एवं अप्रत्यक्ष नौकरियां सृजित होंगी।