
अरविंद केजरीवाल पंजाब में राष्ट्रपति शासन का खेलना चाहते हैं विक्टिम कार्ड
शिरोमणि अकाली दल (शिअद) ने कहा है कि आम आदमी पार्टी (आप) के संयोजक अरविंद केजरीवाल और पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान राज्यपाल के साथ टकराव का रवैया अपना जानबूझकर पंजाब में सांविधानिक संकट पैदा कर रहे हैं ताकि लोकसभा चुनाव पर राष्ट्रपति शासन की घोषणा होते ही पार्टी विक्टिम कार्ड (पीड़ित कार्ड) खेल सके।
शिअद के वरिष्ठ नेता डॉ. दलजीत सिंह चीमा ने कहा कि दिल्ली सेवा अधिनियम के मुद्दे पर खुद को पीड़ित के रूप में पेश करने में आप की विफलता के बाद केजरीवाल अब पंजाब के मुख्यमंत्री को गुमराह कर रहे हैं और सरकार बर्खास्त होने की स्थिति में राष्ट्रीय स्तर पर राजनीतिक लाभ लेने के गुप्त मकसद पर काम कर रहे हैं। ऐसा करके आप पंजाबियों के जनादेश के साथ विश्वासघात कर रही है, जो अपनी जिम्मेदारियों से भागने की स्थिति में लोग फिर कभी पार्टी पर भरोसा नहीं करेंगें।
चीमा ने कहा कि राज्य में शासन पूरी तरह से ध्वस्त हो गया है। राज्यपाल ने नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो द्वारा लुधियाना में 66 शराब की दुकानों से नशे की बिक्री पर कार्रवाई रिपोर्ट प्रस्तुत करने में सरकार की विफलता की ओर इशारा किया है। इसके अलावा राज्यपाल ने पंजाब में नशे की बड़े पैमाने पर उपलब्धता और दुरुपयोग के संबंध में विभिन्न एजेंसियों की रिपोर्टों का हवाला भी दिया है। इस मुद्दे पर मुख्यमंत्री की चुप्पी से संकेत मिलता है कि आप सरकार नशा तस्करों के साथ मिली हुई है और उन्हें संरक्षण प्रदान कर रही है।
चीमा ने कहा कि पंजाबी भी नशा तस्करों के खिलाफ कार्रवाई की मांग कर रहे हैं लेकिन हाल की रिपोर्टों से संकेत मिलता है कि ड्रग माफिया को आप के मंत्रियों और विधायक संरक्षण दे रहे हैं।



