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मुख्यमंत्री ने जनपद प्रयागराज में कायस्थ पाठशाला सोसाइटी की 150वीं वर्षगांठ का शुभारम्भ किया

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने आज जनपद प्रयागराज में कायस्थ पाठशाला सोसाइटी की 150वीं वर्षगांठ का शुभारम्भ किया। इस अवसर पर अपने सम्बोधन में उन्होंने कहा कि कायस्थ पाठशाला सोसाइटी एक प्राचीन एवं विशाल शैक्षणिक संस्थान है। कायस्थ पाठशाला की स्थापना वर्ष 1872 में मुंशी काली प्रसाद कुलभास्कर ने की थी। मुंशी काली प्रसाद कुलभास्कर ने इस पाठशाला को अपनी सम्पूर्ण सम्पत्ति दान कर दी थी। कायस्थ पाठशाला ने 150 वर्षों की यात्रा में शिक्षा के क्षेत्र में सम्पूर्ण समाज को नई दिशा दी है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि कायस्थ पाठशाला सोसाइटी से देश और दुनिया के अनेक लोगों का जुड़ाव रहा है। इन महान विभूतियों में पूर्व प्रधानमंत्री श्री लाल बहादुर शास्त्री, प्रो0 रघुपति सहाय ‘फिराक गोरखपुरी’, पं0 बालकृष्ण भट्ट, डॉ0 हरिवंशराय बच्चन सहित अनेक विभूतियां शामिल हैं। उन्होंने कहा कि इस पाठशाला से जुड़े सभी महानुभावों की सूची संकलित कर लिपिबद्ध किया जाना चाहिए। प्रदेश सरकार सोसाइटी को आवश्यक मदद प्रदान करेगी। कायस्थ पाठशाला की गरिमा को बनाए रखते हुए उसे एक नई ऊंचाई प्रदान करने के लिए हम सभी को निरन्तर प्रयासरत रहना चाहिए।

मुख्यमंत्री ने कहा कि शिक्षा समाज के निर्माण की नींव है। जनपद प्रयागराज में नेशनल लॉ यूनिवर्सिटी का शिलान्यास राष्ट्रपति श्री रामनाथ कोविंद जी के कर-कमलों से किया जा चुका है। इस नेशनल लॉ यूनिवर्सिटी का नाम डॉ0 राजेन्द्र प्रसाद जी के नाम पर किया गया है।

मुख्यमंत्री ने कायस्थ पाठशाला सोसाइटी से जुड़ी कुछ महान विभूतियों का जिक्र करते हुए कहा कि लोक कार्य, सदाचार एवं धर्म पथ पर चलने वालों को ही सदैव विजय प्राप्त होती है। उन्होंने डॉ0 राजेन्द्र प्रसाद के कृतित्व पर प्रकाश डालते हुए कहा कि डॉ0 प्रसाद के लिए पूरा देश उनका परिवार था। राजेन्द्र बाबू ने देश, समाज व विश्व कल्याण के लिए अपना पूरा जीवन समर्पित कर दिया। डॉ0 राजेन्द्र प्रसाद ने भारतीय परम्परा और संस्कृति को पुष्पित एवं पल्लवित करने का कार्य किया।

मुख्यमंत्री ने कहा कि कायस्थ पाठशाला से जुड़ाव रखने वाले भारत के पूर्व प्रधानमंत्री श्री लाल बहादुर शास्त्री ने अपने दृढ़ नेतृत्व से 1965 के भारत-पाकिस्तान युद्ध में पाकिस्तान को नाको चने चबाने का कार्य किया था। उन्होंने ‘जय जवान जय किसान’ के द्वारा देश को खाद्यान्न क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनाने का कार्य प्रारम्भ किया था।

मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर स्वामी विवेकानन्द के विचारों एवं वैदिक परम्परा के प्रति उनके दृढ़ निश्चय के सम्बन्ध में अपने विचार प्रकट किए। उन्होंने कहा कि स्वामी विवेकानन्द ने भारतीय परम्परा, संस्कृति, मूल्यों एवं आदर्शों को वैश्विक मंच पर सम्मान दिलाने का कार्य किया था। उन्होंने कहा कि नेताजी सुभाष चन्द्र बोस का राष्ट्र प्रेम अमर प्रेम था।

मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने महात्मा गांधी के आदर्शों का पालन करते हुए स्वच्छता के महत्व को जन-जन तक पहुंचाने का कार्य किया है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री जी ने काशी में श्री काशी विश्वनाथ धाम राष्ट्र को समर्पित कर जन आस्था का सम्मान किया है। प्रधानमंत्री जी के संकल्पों से आज काशी नव्य काशी एवं भव्य काशी के रूप में दुनिया के सामने है।
इस अवसर पर एम0एस0एम0ई0 मंत्री श्री सिद्धार्थनाथ सिंह सहित अन्य जनप्रतिनिधिगण, कायस्थ पाठशाला के पदाधिकारीगण एवं शासन-प्रशासन के वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।

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