सिंधिया का दावा- 70 साल में बने सिर्फ 74 एयरपोर्ट्स, मोदी सरकार ने 7 साल में बनाए 62
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज एशिया के सबसे बड़े एयरपोर्ट की आधारशिला रख रहे हैं। यह एयरपोर्ट उत्तर प्रदेश के ग्रेटर नोएडा में बन रहा है। केंद्रीय नागरिक उड्डयन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कहा कि जेवर एयरपोर्ट राष्ट्र के विकास में मदद करेगा। इससे एक लाख से अधिक लोगों को रोजगार मिलेगा। इसके साथ ही सिंधिया नहीं यह भी दावा किया कि एक दशक में हवाई यात्रा क्षेत्र में भारत शीर्ष पर पहुंचने की क्षमता रखता है। उन्होंने कहा कि केंद्र की मोदी सरकार विमानन क्षेत्र को नई ऊंचाइयों पर ले जाने के लिए प्रतिबद्ध है।
हवाई उड़ान क्षेत्र में सरकार के फोकस को बताते हुए सिंधिया ने दावा किया कि पिछले 7 सालों में मोदी सरकार ने देश में 62 और नए हवाई अड्डे बनाए हैं। साथ ही उन्होंने कहा कि पिछले 70 वर्ष में सिर्फ 74 हवाई आते ही बने थे। अब देश में कुल 136 एयरपोर्ट हो गए हैं। इस क्षेत्र में क्रांति लाने के लिए सरकार ने रोडमैप तैयार कर लिया है। उन्होंने कहा कि हमारा लक्ष्य है कि 2025 तक देश में कुल 220 एयरपोर्ट हो जाएं जिसके लिए हम लगातार प्रयास कर रहे हैं।
उद्योग निकाय की वार्षिक आमसभा (एजीएम) में उन्होंने कहा कि देश के महानगरों के हवाईअड्डों पर यात्रियों का दबाव बहुत अधिक है। उन्होंने कहा कि दिल्ली में 7.5 करोड़ यात्री, तो मुंबई में करीब पांच करोड़, बेंगलुरु में चार करोड़ और हैदराबाद में ढाई करोड़ यात्रियों का दबाव होता है।
अंतरराष्ट्रीय उड़ान सेवाएं इस साल के अंत तक सामान्य होंगी – नागरिक उड्डयन सचिव
नागरिक उड्डयन सचिव राजीव बंसल ने कहा कि अंतरराष्ट्रीय उड़ान सेवाओं के ‘‘बहुत जल्द’’ और संभवत: इस साल के अंत तक सामान्य होने की उम्मीद है। कोविड-19 महामारी के कारण पिछले साल मार्च के बाद से भारत में आने वाली और यहां से अन्यत्र जाने वाली अंतरराष्ट्रीय यात्री उड़ान सेवाएं निलंबित हैं। यह निलंबन 30 नवंबर तक बढ़ा दिया गया है।
बंसल ने यहां कहा कि अंतरराष्ट्रीय उड़ानों के ‘‘बहुत जल्द’’ और इस साल के अंत तक सामान्य होने की उम्मीद है। अभी भारत ने अंतरराष्ट्रीय उड़ानों के संचालन के लिए 25 से अधिक देशों के साथ ‘एयर बबल’ समझौता किया है। ‘एयर बबल’ समझौता दो देशों के बीच उड़ान सेवाओं को फिर से शुरू करने की एक अस्थायी व्यवस्था है।