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राज्य सरकार जन-आस्था का सम्मान करते हुए धार्मिक-आध्यात्मिक पर्यटन को प्रोत्साहित कर रही: मुख्यमंत्री

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि राज्य सरकार जन-आस्था का सम्मान करते हुए धार्मिक-आध्यात्मिक पर्यटन को प्रोत्साहित कर रही है। लोक कल्याण संकल्प पत्र-2022 में ऑनलाइन एकीकृत मन्दिर सूचना प्रणाली की शुरुआत का संकल्प है। इसे यथाशीघ्र क्रियान्वित किया जाए। ऑनलाइन पोर्टल में हिन्दू, बौद्ध, सिख, जैन आदि धर्म-सम्प्रदायों से जुड़े धर्मस्थलों के बारे में विस्तार से जानकारी उपलब्ध करायी जाए। पोर्टल पर प्रत्येक जनपद के धर्मस्थल का विवरण दिया जाए।

पोर्टल पर धर्म, पंथ, सम्प्रदाय की विशिष्ट परम्परा का भी उल्लेख हो, ताकि अधिकाधिक लोग प्रदेश की विविधतापूर्ण धार्मिक-आध्यात्मिक प्रकृति से परिचित हो सकें। उन्होंने कहा कि मस्जिदों के बारे में भी सम्बन्धित विभाग द्वारा, इसी प्रकार विशिष्ट पोर्टल का विकास किया जाए। साथ ही, विकसित किए गए दोनों पोर्टल को भी एकीकृत किया जाए।

मुख्यमंत्री ने यह निर्देश आज यहां अपने सरकारी आवास पर आहूत एक उच्चस्तरीय बैठक में दिए। बैठक के दौरान ऑनलाइन एकीकृत मन्दिर सूचना प्रणाली, बुजुर्ग संतों, पुजारियों एवं पुरोहितों के कल्याण हेतु बोर्ड के गठन, उत्तर प्रदेश फायर सर्विस (राजपत्रित अधिकारी) सेवा नियमावली-2016 में संशोधन तथा प्राइवेट सुरक्षा अभिकरण केन्द्रीय मॉडल नियमावली-2020 के सम्बन्ध में प्रस्तुतिकरण किया गया।

मुख्यमंत्री ने कहा कि लोक कल्याण संकल्प पत्र के अनुसार बुजुर्ग संतों, पुजारियों एवं पुरोहितों के कल्याण हेतु राज्य सरकार द्वारा एक विशेष बोर्ड का गठन किया जाना है। बोर्ड के गठन का कार्य यथाशीघ्र पूर्ण कर लिया जाए। इस बोर्ड से लाभान्वित होने के योग्य सभी धर्मों के संतों, पुजारियों का सत्यापन/चिन्हांकन कर लिया जाए। बोर्ड के माध्यम से सभी धर्मों के पुजारियों, संतों, पुरोहितों, मौलवियों, फ़कीरों को लाभान्वित किया जाए। बोर्ड द्वारा न केवल इनके कल्याणार्थ कार्य किया जाए, बल्कि विभिन्न धर्म, सम्प्रदायों की परम्परा का संरक्षण और पुरोहितों का प्रशिक्षण भी कराया जाए। एकीकृत मन्दिर सूचना प्रणाली और बोर्ड को भी एकीकृत किया जाए।

मुख्यमंत्री ने कहा कि आपदाकाल में अग्निशमन कार्मिकों का तत्परतापूर्वक दायित्व निर्वहन सराहनीय रहा है। विगत कुछ समय से इस महत्वपूर्ण विभाग में निदेशक, संयुक्त निदेशक, उप निदेशक सहित कई अहम पद रिक्त हैं। इन पदों पर योग्य अधिकारियों की तैनाती की जाए। अग्निशमन विभाग में निदेशक और संयुक्त निदेशक के पद के लिए यथाआवश्यक प्रतिनियुक्ति के माध्यम से दक्ष अधिकारियों की तैनाती की जाए। उप निदेशक पद पर भर्ती के लिए सी0एफ0ओ0 के पद हेतु अर्हकारी सेवा शर्तों का सरलीकरण किया जाए।

मुख्यमंत्री ने कहा कि हाल के वर्षों में निजी सुरक्षा सेवाओं में बढ़ोत्तरी देखी जा रही है। इसी प्रकार, निजी सुरक्षा एजेंसियां भी बढ़ रही हैं। प्रदेश में 662 निजी सुरक्षा एजेंसियां पंजीकृत हैं। ऐसे में निजी सुरक्षा एजेंसियों के संचालन-प्रबन्धन की नियमावली होना आवश्यक है। इस विषय में केन्द्र सरकार द्वारा निजी सुरक्षा एजेंसी विनियमन अधिनियम (पी0एस0ए0आर0ए0) के आधार पर प्राइवेट सुरक्षा अभिकरण (विनियमन) केन्द्रीय मॉडल-2020 को लागू किया गया है।

इसे राज्य की जरूरत के अनुसार अंगीकार किया जाए। निजी सुरक्षा एजेंसियों के सम्बन्ध में नई व्यवस्था के प्रभावी होने के बाद आधुनिक तकनीक आधारित सी0सी0टी0एन0एस0 व आई0सी0जे0एस0 का प्रयोग करते हुए आवेदक के पूर्ववृत्त का सत्यापन किया जाए, जिससे सत्यापन में लगने वाले समय को घटाया जा सकेगा।

बैठक के दौरान मुख्य सचिव श्री दुर्गा शंकर मिश्र, पुलिस महानिदेशक श्री डी0एस0 चौहान, अपर मुख्य सचिव गृह श्री अवनीश कुमार अवस्थी, अपर मुख्य सचिव मुख्यमंत्री श्री एस0पी0 गोयल, प्रमुख सचिव मुख्यमंत्री एवं सूचना श्री संजय प्रसाद सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।

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