
राज्यपाल श्रीमती आंनदीबेन पटेल ने शिक्षक दिवस पर प्रदेश में सर्वाधिक अंक प्राप्त 10वीं की छात्राओं को छात्रवृत्ति दी
प्रदेश की राज्यपाल श्रीमती आनंदीबेन पटेल ने आज शिक्षक दिवस के अवसर पर यहाँ इन्दिरा गांधी प्रतिष्ठान में उत्तर प्रदेश बोर्ड की 10वीं कक्षा में सर्वाधिक अंक प्राप्त करने वाली 75 छात्राओं को रू0 10,000/- की एकमुश्त छात्रावृत्ति का वितरण किया।

इस अवसर पर कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए राज्यपाल जी ने महान शिक्षाविद् डॉ सर्वपल्ली राधाकृष्णन का स्मरण किया और कहा कि मानव-मूल्यों की समझ जीवन की सबसे बड़ी शिक्षा है। विश्व में ऐसे अनेक महापुरूष हुए हैं, जिन्होंने कभी विद्यालय जाकर शिक्षा प्राप्त नहीं की लेकिन समाज में बड़े आदर्श मूल्यों की स्थापना की। उन्होंने कहा कि विद्यालय में शिक्षा व्यवस्था से जुड़ा हर व्यक्ति महत्वपूर्ण है। प्रधानाध्यापक से लेकर सफाई कर्मचारी तक विद्यालय की नियमित व्यवस्था में अहम् भूमिका निभाते हैं।
इसलिए शिक्षक दिवस पर शिक्षकों के साथ-साथ विद्यालय के अन्य कार्याें में लगे कर्मचारी भी सम्मान के पात्र हैं।
राज्यपाल जी ने अपने सम्बोधन में कबीरदास के प्रसिद्ध दोहे ‘‘गुरू-गोविन्द दोउ खड़े‘‘ का उल्लेख करते हुए कहा कि गुरू का स्थान ईश्वर से भी ऊपर है क्योंकि उसी की कृपा से ईश्वर का दर्शन सम्भव है। उन्होंने कहा गुरू का ये दायित्व है कि वह अपने शिष्य की शिक्षा के साथ-साथ उसके सामाजिक, मानसिक और स्वास्थगत विकास का भी ध्यान रखे। गुरू का कार्य देश को स्वस्थ, शिक्षित और सभ्य नागरिक देना है।
इसी क्रम में राज्यपाल जी ने स्कूलों में विद्यार्थियों के स्वास्थय-जाँच को आवश्यक बताते हुए कहा कि प्राइवेट स्कूलों में भी बच्चों की स्वास्थय-जाँच आवश्यक है। उन्होंने कार्यक्रम में आयी कुछ छात्राओं के दुर्बल स्वास्थय को लक्ष्य करते हुए कहा कि विद्यार्थियों को उचित पोषण और सही स्वास्थय की जानकारी देनी चाहिए। उन्हें अच्छे स्वास्थय और कुपोषण पर कार्यक्रम चलाकर जागरूक कराना चाहिए। आज की स्वस्थ बालिका ही कल एक स्वस्थ जननी बनेगी और देश में स्वस्थ बालकों का जन्म होगा। उन्होेंने कहा स्कूलों में प्रतिवर्ष विद्यार्थियों की लम्बाई और वजन को रजिस्टर में अंकित कराया जाए।
राज्यपाल ने अपने सम्बोधन में स्कूलों में अच्छी लाइब्रेरी की उपलब्धता, बालिकाओं की शिक्षा की अनिवार्यता, शिक्षा को रोजगारपरक बनाने के लिए कौशल शिक्षा की अनिवार्यता जैसे विषयों पर भी विचार व्यक्त किए। उन्होंने कहा कि विद्यार्थियों के सिर्फ स्कूल परिसर तक ही सीमित न रखें, सर्वांगीण विकास के लिए परिसर के बाहर भी विविध गतिविधियों से जोड़ा जाए।
उन्होंने स्वयं सेवी संस्थाओं को विद्यार्थियों के सर्वांगीण विकास में योगदान देने के लिए आव्हान करते हुए कहा कि संस्थाएं बच्चों को देश एवं प्रदेश के ऐतिहासिक स्थलों, भौगोलिक विशेषता के क्षेत्रों, औद्योगिक इकाइयों का भ्रमण कराकर उनका ज्ञानवर्द्धन करने में सहयोग दे सकते हैं। उन्होंने कहा विद्यार्थियों को टूर पर राजभवन में भी भ्रमण कराया जा सकता है।
यहाँ बताते चलें कि इण्डियन ऑयल द्वारा आयोजित अपनी मेधा छात्रवृत्ति योजना, 2022 के अंतर्गत यूपी वोर्ड की 10वीं कक्षा की मेधावी छात्राओं की छात्रवृत्ति के लिए आयोजित इस समारोह में प्रदेश के विभिन्न स्कूलों की बालिकाएं अपने शिक्षकों के प्रतिनिधित्व में समारोह में आयीं। राज्यपाल जी ने छात्राओं को उज्ज्वल भविष्य की शुभकामनाएं देते हुए कहा कि किसी भी स्थिति में अपनी शिक्षा को अधूरा न छोड़े, लगन और निरन्तर परिश्रम से ही जीवन में सफलता प्राप्त होगी। राज्यपाल जी ने समारोह में बालिकाओं को छात्रवृत्ति के प्रतीकात्मक चेक के साथ प्रशस्ति पत्र और एक स्कूल बैग प्रदान किया।
समारोह में इण्डियन ऑयल कारपोरेशन के कार्यकारी निदेशक एवं स्टेट हेड संजीव कक्कड़ ने बालिकाओं का उत्साहवर्द्धन करते हुए प्रदेश की राज्यपाल श्रीमती आनंदीबेन पटेल को उनके लिए सफलता का एक जीवंत उदाहरण बताया। उन्होंने कहा कि प्रदेश में महिला राज्यपाल सभी महिलाओं को आगे बढ़ने के लिए प्रेरणा स्रोत हैं। उन्होंने राज्यपाल जी की प्रेरणा से बालिकाओं को इण्डियन ऑयल के डिपो टर्मिनल में भ्रमण के लिए आमंत्रित किया।
कार्यक्रम में वाराणसी घराने से अनुज अर्जुन डांस कम्पनी द्वारा 105 चक्र का मनोहारी कथक नृत्य प्रस्तुत किया गया। इस अवसर पर समारोह में प्रदेश के विभिन्न जनपदों से आयीं 10वीं कक्षा की मेधावी छात्राएं, उनके शिक्षक एवं अभिभावक, इण्डियन ऑयल के अधिकारी तथा अन्य महानुभाव उपस्थित थे।



