
राष्ट्रीय
राज्यपाल की अध्यक्षता में राज्य विश्वविद्यालयों के कार्य परिषद/बोर्ड ऑफ गवर्नर्स के सदस्यों का सम्मेलन सम्पन्न
उत्तर प्रदेश की राज्यपाल श्रीमती आनंदीबेन पटेल की प्रेरणा एवं मार्गदर्शन में आज राजभवन के गांधी सभागार मंें मा0 कुलाधिपति द्वारा नामित राज्य विश्वविद्यालयों के कार्य परिषद/बोर्ड ऑफ गवर्नर्स के सदस्यों का सम्मेलन आयोजित किया गया, जिसमें कार्यपरिषद के सदस्यों द्वारा विभिन्न बैठकों में शामिल होने वाले बिन्दुओं जैसे गुणवत्तापरक शिक्षा को सुदृढ़ करने के विभिन्न उपाय, उद्यमिता विकास से जुड़े कार्यक्रमों, पारदर्शी नियुक्त प्रक्रिया, महिला अध्ययन केन्द्र, विद्यार्थियों का प्लेसमेंट, विश्वविद्यालयों में चल रहे निर्माण कार्य, डिग्रियों का वितरण, आडिट आपत्तियों, सामाजिक सरोकारों से जुड़े विषयों तथा विश्वविद्यालयों के पाठ्यक्रमों को उद्योगों की मांग के अनुसार निर्धारित करने जैसे विषयों पर व्यापक चर्चा की तथा बैठकों में आने वाली समस्याओं के बारे में भी कुलाधिपति महोदया को अवगत कराया।
इस अवसर पर कुलाधिपति ने अपने सम्बोधन में कहा कि सभी विश्वविद्यालय अपनी कार्यप्रणाली में सुधार करते हुए विद्यार्थियों को गुणवत्तापरक शिक्षा देने के सभी उपायों पर अमल करें और यदि जरूरी हो तो उच्च गुणवत्ता प्राप्त विश्वविद्यालयों का भ्रमण कर वहां की कार्य प्रणाली को अपनाते हुए अपने विश्वविद्यालय की कार्य व्यवस्था को सुदृढ़ करें।
राज्यपाल ने कहा कि प्रत्येक विश्वविद्यालय प्रतिवर्ष अपने पाठ्यक्रमों को स्थानीय जरूरत के अनुसार निर्धारित करें उचित होगा कि इसके लिए अभी से प्रयास शुरू कर दें। इसके साथ अपने पाठ्यक्रमों में औद्योगिक प्रशिक्षण, अनुसंधान तथा उद्यमिता से जुड़े विषयों को अवश्य शामिल करें ताकि अधिक से अधिक रोजगार का सजृन हो सके।
उन्होंने कहा कि जो अनुसंधान किये जाये उन्हें धरातल पर अवश्य उतारा जाये इसके लिए विश्वविद्यालय अपने परिसर से बाहर निकल कर ग्रामीण क्षेत्रों में किसानों, ग्राम प्रधानों, आंगनबाड़ी केन्द्रों से सम्पर्क कर उन्हें लागू कराने में अपना सक्रिय योगदान दें। उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय द्वारा किये जाने वाले विभिन्न प्रशिक्षणों में ग्राम प्रधानों तथा आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों को शामिल कर उन्हें केन्द्र तथा राज्य सरकार द्वारा चलायी जा रही विभिन्न कल्याणकारी योजनाओं तथा कार्यक्रमों की जानकारी दें ताकि उनका लाभ जन सामान्य को मिल सके। इस कार्य में हमारे कार्य परिषद के सदस्यों की महत्वपूर्ण भूमिका होनी चाहिए।
राज्यपाल ने कहा कि विश्वविद्यालय अपने विद्यार्थियों से केन्द्र तथा राज्य सरकार द्वारा चलायी जा रही विभिन्न कल्याणकारी योजनाओं का सर्वेक्षण ग्रामीण क्षेत्रों से कराते हुए उसकी एक विस्तृत कार्य योजना बनाकर केन्द्र तथा राज्य सरकार को सौपें ताकि उसके अनुसार सरकार भी अपनी योजना बनाएं जिसका लाभ अधिक से अधिक ग्रामीण जनता के मिल सके। उन्होंने कहा कि उचित होगा कि विश्वविद्यालय में गठित होने वाली विभिन्न समितियों में विद्यार्थियों को अवश्य शामिल किया जाये ताकि उनकी विश्वविद्यालय में चल रही विभिन्न गतिविधियों में सहभागिता हो और वे रूचि लेकर अपनी जिम्मेदारियों के साथ विश्वविद्यालय को योगदान देकर उत्तरोत्तर प्रगति में भागीदार बन सकें।
कुलाधिपति ने समस्त सदस्यों से अपेक्षा की कि विश्वविद्यालय में चल रहे निर्माण कार्यों का निरीक्षण करते रहें तथा निर्माण कार्य हेतु निर्धारित समयबद्धता एवं गुणवत्ता का कड़ाई से अनुपालन करायें। उन्होंने कहा कि जो भी नया कार्य कराया जाना हो उसके लिए जरूरी समस्त औपचारिकताएं पहले से ही पूर्ण कर ली जाये ताकि कार्य शुरू करने में किसी भी प्रकार से विलम्ब न हो और कार्य शुरू होने के पश्चात कार्य का नियमित अनुश्रवण भी करें ऐसा करने से कार्य में गुणवत्ता तो बनी ही रहेगी साथ ही कार्य निर्धारित समय में पूर्ण होगा। राज्यपाल जी ने कुलपतियों को निर्देश दिया कि कार्य परिषद की नियमित बैठकें की जायें और जब भी कार्य समिति की बैठक आयोजित की जाये सम्मानित सदस्यों को मीटिंग का एजेण्डा तथा बैठक की सूचना समय से दी जाये।
अपर मुख्य सचिव राज्यपाल श्री महेश कुमार गुप्ता ने कहा कि नई शिक्षा नीति-2020 में के0जी0 से पी0जी0 तक के सभी विद्यार्थियों के लिए रूचिपूर्ण शिक्षा की व्यवस्था है। उन्होंने कहा कि आज डिजिटल विकास हो रहा है, जिसके परिणाम स्वरूप पठन-पाठन की विधा भी बदल रही है तथा विद्यार्थियों में जिज्ञासा का दायरा बढ़ रहा है। इसलिए हम बच्चे की प्रतिभा को ध्यान में रखकर उसी दिशा में उसे प्रेरित करें। इसके लिए सभी शिक्षण संस्थाओं को समय के अनुरूप पाठ्यक्रम तैयार करना होगा हम केवल डिग्रीधारी युवा तैयार न करें अपितु विद्यार्थियों को आत्मनिर्भरता की ओर ले जाने वाले पाठ्यक्रमों पर बल दें तथा लघु उद्योग, छोटे स्टार्टअप प्रारम्भ करने के लिए प्रोत्साहित करें।
अपर मुख्य सचिव श्री राज्यपाल ने कहा कि प्रयोगशालाओं में जो भी अनुसंधान हो रहे हैं वो धरातल पर उतरें ऐसे प्रयास होने चाहिए। उन्होंने कहा कि हम लक्ष्य समूह को जोड़कर ही आगे बढ़ सकते हैं। उद्योगों को कैसी जन शक्ति की जरूरत है उसको ध्यान में रखकर ही पाठ्यक्रम तैयार किये जाये। पर्यावरण के प्रति जागरूकता तथा संस्थानों में खेलकूद की समुचित व्यवस्था पर विशेष ध्यान देने की आवश्यकता है। आज समाज को शिक्षा जगत से बहुत अपेक्षाएं हैं इसलिए शिक्षा जगत नवाचार, पारदर्शिता तथा गुणवत्तापरक शिक्षा पर विशेष ध्यान दें।
उन्होंने कहा कि विद्यार्थियों में पनप रहे असंतोष को दूर करने का सबसे अच्छा तरीका है कि उनसे संवाद स्थापित कर विसंगतियों को दूर किया जाये। अपर मुख्य सचिव ने कुलपतियों तथा कार्य परिषद के सदस्यों से अपील की कि वे उपलब्ध संसाधनों का सही उपयोग करते हुए पारदर्शी व्यवस्था के साथ वित्तीय अनुशासन का पालन करते हुए विश्वविद्यालय में रिसर्च, पठन-पाठन, डिग्रियों का समय पर वितरण, छात्रावासों एवं कार्यालय परिसर में स्वच्छता पर ध्यान दें तथा क्षतिग्रस्त फर्नीचर का उचित निस्तारण आदि कार्यों में अपनी पूर्ण सहभागिता सुनिश्चित करें।
अपर मुख्य सचिव ने राज्यपाल जी की प्रेरणा से राज्य विश्वविद्यालयों की नैक ग्रेडेशन के लिए किये गये विशेष प्रयासों की चर्चा करते हुए बताया कि इस दिशा में समस्त विश्वविद्यालयों के साथ नियमित समीक्षा बैठकें करने के साथ-साथ ए0के0टी0यू0 में नैक मंथन, राजभवन में उच्च शिक्षा में गुणवत्ता लाने के उद्देश्य से कार्याशाला, बंगलूरू में नैक टीम के साथ राज्य विश्वविद्यालय के कुलपतियों की बैठक, उच्च श्रेणी प्राप्त चण्डीगढ़ विश्वविद्यालय में राज्य विश्वविद्यालिय के कुलपतियों के साथ भ्रमण तथा भारतीय कृषि अनुसंधान केन्द्र, दिल्ली में राज्य कृषि विश्वविद्यालयों के कुलपतियों के साथ भ्रमण जैसे प्रयासों के परिणाम स्वरूप से आज राज्य विश्वविद्यालय नैक ग्रेडेशन की दिशा में आगे बढ़ रहे हैं और लखनऊ विश्वविद्यालय, लखनऊ को ए प्लस प्लस ग्रेड मिल चुका है।
विशेष कार्याधिकारी शिक्षा डा0 पंकज जानी ने विश्वविद्यालयों की शिक्षा में गुणवत्तापरक सुधार हेतु राज्यपाल जी के प्रयासों की विस्तृत चर्चा करते हुए बताया कि राज्यपाल जी के मार्गदर्शन में नैक के सभी सात मानकों को लेकर नियमित रूप से समस्त विश्वविद्यालयों की समीक्षा बैठकें की गयी इसके परिणाम स्वरूप विश्वविद्यालय की कार्यप्रणाली में गुणात्मक सुधार हुआ है, स्ट्रक्चर में वृद्धि हुई, जिसके परिणाम स्वरूप आज सभी राज्य विश्वविद्यालय नैक मूल्यांकन के मानकों के प्रति अच्छा प्रदर्शन करते हुए निरंतर आगे बढ़ रहे हैं, जिसके परिणाम स्वरूप सभी विश्वविद्यालय नियमित एवं शैक्षिक कैलेण्डर के अनुसर शैक्षिक कार्यों को सम्पादित कर रहे हैं।
बैठक में राज्य विश्वविद्यालयों के कार्य परिषद/बोर्ड ऑफ गवर्नर्स के सदस्य तथा छत्रपति शाहूजी महाराज विश्वविद्यालय, कानपुर, के कुलपति प्रो0 विनय कुमार पाठक, लखनऊ विश्वविद्यालय, लखनऊ के कुलपति प्रो0 आलोक राय, प्रो0 रज्जू सिंह (रज्जू भैय्या) विश्वविद्यालय, प्रयागराज के कुलपति प्रो0 अखिलेश कुमार सिंह, उ0प्र0 राजर्षि टण्डन मुक्त विश्वविद्यालय, प्रयागराज की कुलपति प्रो0 सीमा सिंह, वीर बहादुर सिंह पूर्वांचल विश्वविद्यालिय, जौनपुर की कुलपति प्रो0 निर्मला एस0 मौर्या, चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय, मेरठ की कुलपति प्रो0 संगीता शुक्ला, डा0 राम मनोहर लोहिया आयुर्विज्ञान संस्थान, लखनऊ की निदेशक डा0 सोनिया नित्यानंद आदि मौजूद थे।
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