यूक्रेन में फंसे भारतीय छात्रों और लोगों की मदद का मामला सुप्रीम कोर्ट पहुंचा
यूक्रेन में फंसे भारतीयों को वापस लाने का मामला अब सुप्रीम कोर्ट पहुंच गया है। गुरुवार को सुप्रीम कोर्ट ने अटॉर्नी जनरल को रूस और यूक्रेन के बीच युद्ध के दौरान यूक्रेन में फंसे भारतीय छात्रों और लोगों की मदद करने के लिए तत्काल कदम उठाने को कहा है। अटॉर्नी जनरल ने प्रधान न्यायाधीश की अध्यक्षता वाली एससी बेंच को सूचित किया कि प्रधानमंत्री ने रूसी और यूक्रेन के राष्ट्राध्यक्षों से बात की है। सीजेआई ने कहा कि ऐसे हजारों छात्र हैं, जो वहां फंसे हुए हैं। उनकी मदद के लिए अपने अच्छे कार्यालय का उपयोग करें। अटॉर्नी जनरल ने सुप्रीम कोर्ट को ये भी बताया कि केंद्रीय मंत्री यूक्रेन से भारतीयों को निकालने के लिए पड़ोसी देशों में गए है।
अटॉर्नी जनरल से कोर्ट ने पूछा कि रोमानिया, मालडोवा में 200 से ज्यादा छात्र फंसे हैं। अटॉर्नी जनरलने कहा कि पीएम खुद मामले को देख रहे हैं। पुतिन और यूक्रेन से बात कर रहे हैं। साथ ही संबंधित पड़ोसी देशों से संपर्क में हैं। सीजेआई ने कहा कि वहां माइनस में तापमान है। आप सरकार से बात कर उन्हें तत्काल बात करके राहत पहुंचाएं। अटॉर्नी ने पूछा कि वो यूक्रेन में है। या बॉर्डर क्रास कर गए है। वकील ने कहा कि वो अभी यूक्रेन में है।
रोमानिया पहुंचने का प्रयास कर रहे हैं। सीजेआई ने कहा कि इस मामले कि याचिका आपके ऑफिस को संबंधित वकील को भेज रहे हैं। आप इस पर तेजी से कदम उठाएं। सीजेआई ने याचिकाकर्ता के वकील से कहा कि आप तत्काल अटॉर्नी जनरल से संपर्क करें। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि वो याचिका की कॉपी अटॉर्नी जनरल को भेज रहे है। और सरकार देखे की वह फंसे छात्रों को निकालने के लिए क्या कर सकती है।
इससे पहले सीजेआई ने याचिकाकर्ता से कहा कि क्या हम जंग को रोकने का आदेश दे सकते है। मुख्य न्यायाधीश ने कहा कि फंसे छात्रों के लिए सरकार काम कर रही है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि वो मामले में अटॉर्नी जनरल से बात करेगा और कोर्ट ने अटर्नी जनरल को कोर्ट में तलब किया।
वहीं मुख्य न्यायाधीश ने सोशल मीडिया पर चल रही बातों को लेकर नारागी जताई। मुख्य न्यायाधीश एनवी रमना ने कहा कि सोशल मीडिया पर कहा जा रहा है मुख्य न्यायाधीश कुछ नहीं कर रहे है। उन्होंने कहा कि क्या हम रूस के राष्ट्रपति पुतिन को निर्देश जारी करें। मुख्य न्यायाधीश ने नाराजगी जताते हुए कहा हम इस मामले में क्या कर सकते है।
साथ ही कहा कि कल को आप कहेंगे कि पुतिन को निर्देश जारी करिए। याचिकाकर्ता के वकील ने कोर्ट से विदेश मंत्रालय को वहां फंसे लोगों को राहत मुहैया कराने का निर्देश देने की मांग की। याचिकाकर्ता ने कहा कि माइनस 3 डिग्री के तापमान में 200 से ज्यादा छात्र वहां फंसे हुए है। उनमें से ज्यादातर लड़कियां है।
मुख्य न्यायाधीश एनवी रमना ने कहा कि हमें छात्रों के लिए बुरा लगता है। लेकिन क्या हम रूस के राष्ट्रपति पुतिन को युद्ध रोकने का निर्देश दे सकते है। यूक्रेन के बॉर्डर पर फंसे कश्मीरी छात्रों समेत अन्य को वापस लाने की मांग को लेकर एक कश्मीरी वकील एएम डार ने सीजेआई की बेंच के सामने मामले को मेंशन किया था।